सांसद गुलाम अली खाटाना का कहना है कि मनरेगा योजना में अब गुणवत्ता को बेहतर बनाया गया है और राज्य सरकारों की भागीदारी भी शामिल हुई है. पहले यह योजना केवल केंद्र प्रायोजित थी और कभी-कभी सरकार इसे ठीक से नहीं लेती थी. अब राज्य सरकारें भी इसमें सक्रिय रूप से भाग लेंगी जिससे उत्तरदायित्व बढ़ेगा और रोजगार के अवसर 125 दिन तक बढ़ाए गए हैं. इससे योजना की प्रभावशीलता बढ़ेगी और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के नए विकल्प मिलेंगे. यह सुधार मनरेगा को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए एक स्वागत योग्य कदम है.
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