भास्कर न्यूज| पूर्णिया महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) से महात्मा गांधी का नाम हटाने व जनविरोधी नीतियों के विरोध में रविवार को कांग्रेस ने शांतिपूर्ण पैदल जनआक्रोश मार्च निकाला। मार्च गोकुल कृष्ण आश्रम स्थित जिला कार्यालय से निकल कर शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची। मार्च के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने सरकार के फैसले का विरोध जताया। मार्च का नेतृत्व कर रहे पार्टी जिलाध्यक्ष बिजेंद्र यादव ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश एवं बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पत्र के आलोक में शांतिपूर्ण पैदल जन आक्रोश मार्च निकाला गया है। पार्टी जिलाध्यक्ष ने कहा कि मनरेगा एक क्रांतिकारी कदम था जिसका फायदा करोड़ों ग्रामीण व गरीब परिवारों को मिलता था। लेकिन मोदी सरकार ने ना सिर्फ महात्मा गांधी का नाम हटाया, बल्कि मनरेगा का स्वरूप मनमाने ढंग से बदल दिया। सरकार इस कानून को कमजोर करके देश के करोड़ों किसान श्रमिक और गरीबों के हित पर हमला किया है। जिसका विरोध किया जाएगा। पहले मनरेगा योजना में केंद्र 90 व राज्य 10 प्रतिशत अंशदान देती थी पहले योजना में केंद्र सरकार 90 प्रतिशत व राज्य सरकार 10 प्रतिशत का अंशदान देती थी। अब योजना में 40% राज्य सरकार व 60% केंद्र सरकार देगी। इसका नाम बदलकर विकसित भारत रोजगार आजीविका रोजगार गारंटी रखा गया है। राज्य के किस इलाके में लागू हो कहां नहीं लागू हो ऊपर से तय किया जाएगा। मार्च के दौरान दीपक कुमार उरांव, अफरोज खान मो.आलम, मुकेश कुमार, मो.मजहरुल बारी, दीनदयाल यादव, सज्जन थे।
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