‘भगवान से काफी मन्नत मांगने पर तीन बेटी के बाद 2013 में बेटा हुआ था। अमृतांशु नाम रखा था। सुबह से रात तक हंसते-मुस्कुराते घर के सभी लोगों को खुश रखता था। प्यार से मनखुश बुलाता था। पता नहीं किसकी नजर लग गई। बदमाशों ने 28 अगस्त को मेरे कलेजे के टुकड़े को खेल के मैदान से अगवा कर लिया। 29 अगस्त की दोपहर पास के ही एक खेत में उसकी लाश पड़ी हुई थी। गला, पेट और प्राइवेट पार्ट कटा हुआ था। बेरहमी से उसे मार दिया। घटना के 3 महीने बाद भी हत्यारे का पता नहीं चल सका। सब जगह आवेदन देते-देते थक गया हूं। पता नहीं हत्यारा कौन है। हमने किसका क्या बिगाड़ा था।’ ये दर्द है बेगूसराय के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के खरहट निवासी श्याम देव यादव का। लाश मिलने के बाद मौके पर एसपी, डीएसपी, एफएसएल की टीम और डॉग स्क्वॉड पहुंची थी। तब पुलिस ने दावा करते हुए कहा था कि जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया। पुलिस ने कई स्तर पर जांच शुरू कर दी। संदेह पर कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया। इसके बाद भी अब तक हत्यारे की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि अनुसंधान चल रहा है। अब तक जितने भी लोगों से पूछताछ हुई है, उससे कोई सुराग नहीं मिल रहा है। माता-पिता ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। अपने एकलौते पुत्र को खोने के गम में परिजन बेचैन हैं। दूसरे ओर गांव वाले भी स्पष्ट रूप से कुछ बोलने को तैयार नहीं। भास्कर की टीम जब खरहट पहुंची तो गांव में चहल-पहल था। लेकिन खेल मैदान में इक्के-दुक्के बच्चे ही दिखे। जिस खेत में मनखुश की लाश मिली थी, वहां घास काटकर गेहूं लगाया जा चुका है, लेकिन दर्द वही है। खेत के पास से सबदलपुर स्टेशन जाने का कच्ची रास्ता है। अब लोग उस रास्ते से नहीं जाते हैं, डर का माहौल बना हुआ है। परिजन खुलकर बोलते हैं और सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। लेकिन गांव वाले घटना कैसे और क्या हुआ इस संबंध में चुप्पी साध लेते हैं। किडनैप करके मौत के घाट उतार दिया मृतक के पिता श्याम देव यादव कहते हैं कि मेरी किसी से दुश्मनी नहीं है। गांव के लड़ाई झगड़ा में पंचायती करता था। हो सकता है कि इसी का खुन्नस हो। मैंने कभी किसी का कुछ बिगड़ा नहीं है। एक जनप्रतिनिधि का नाम लिए बगैर कहा कि उनके भाई ने घटना से तीन-चार दिन पहले कहा था कि तुम टारगेट में हो। बस उसके बाद कोई बात नहीं है। मेरा बेटा प्राइवेट स्कूल में पांचवी क्लास में पढ़ता था। 28 अगस्त को दोपहर 2 बजे स्कूल से आया था और खाना खाकर शालीग्रामी गांव में कोचिंग पढ़ने गया था। कोचिंग से 6:00 बजे घर आया। रोज की तरह गांव के ही फील्ड में खेलने चला गया। उसके बाद नहीं लौटा। फील्ड से ही कोई उसे बहला-फुसलाकर कर ले गया होगा। ले जाने वाला कोई अपना ही होगा। अगवा करने के बाद हत्या कर दिया था। हम गांव में चौक पर होटल में बैठे हुए थे, उधर से 7:30 बजे घर आया, बेटा नहीं दिखा। इकलौता बेटा था, बहुत दुलार प्यार करते थे। जब पता चला नहीं आया तो पत्नी के साथ फील्ड में खोजने गए। वहां नहीं था, फिर जगह-जगह खोजे। खगड़िया के मानसी में गणेश मेला लगा हुआ था, वहां तक खोजने गए। मैंने सोचा हो सकता है किसी के साथ चला गया होगा, लेकिन वहां भी नहीं मिला। घर का इकलौता चिराग बुझ गया श्याम देव यादव ने आगे कहा कि रात में हमने पुलिस को सूचना नहीं दिया लगा कि कोई पैसे के लिए अपहरण किया होगा। पुलिस को सूचना देंगे तो मेरे बेटा को मार देगा। सुबह तक मेरी हिम्मत जवाब दे गई। 29 अगस्त की सुबह 9:00 बजे साहेबपुर कमाल थाना में आवेदन दिए। पुलिस आई जांच-पड़ताल कर रही थी। आसपास के गांव में पुलिस खोज रही थी, सीसीटीवी खंगाल रही थी। इसी दौरान दोपहर में पता चला की घास के खेत में उसकी लाश पड़ी है। बदमाशों ने घर का चिराग बुझा दिया। 3 महीने बाद भी पुलिस हत्यारे का पता लगाने में विफल है। हम भी बहुत पता लगाए, लेकिन कुछ पता नहीं चल रहा है। बहुत बेरहमी से मारा गया मेरे बेटे को। एक-दो सौ लोग उस समय फील्ड में थे। हमारे गांव के लोग ऐसे हैं कि कोई कुछ बोल नहीं रहे हैं। खगड़िया या मुंगेर का लोग आकर ऐसा नहीं किया होगा, इसमें कोई गांव का ही शामिल होगा। आज मेरे बच्चे के साथ ऐसा हो गया। अगर वह कातिल बच जाएगा तो किसी और बच्चे के साथ ऐसा कर देगा। गांव के लोग ही अपराधी को बचा रहे हैं। किसी निर्दोष को तो नहीं फंसा सकते श्याम देव यादव का कहना है कि बलिया के डीएसपी साक्षी कुमारी ने भी गांव वालों को कहा कि हत्यारे के संबंध में किसी को भी जानकारी है तो चुपचाप कहो। किसी का नाम आउट नहीं होगा। इसके बाद भी कोई कुछ बोल नहीं रहा है। तीन लड़की है और एक ही लड़का था। हम शक पर किसी का नाम दे देंगे तो निर्दोष फंस जाएगा। कातिल बच जाएगा तो उसका मन बढ़ा रहेगा। हमारे बेटे के हत्यारे को खोजने में शासन-प्रशासन और सरकार का यंत्र फेल हो गया है। सरकार चाहती तो कई प्रकार का जांच होता है, उससे पता चलता है। सीबीआई से जांच करवाता, अब तो पुलिस-प्रशासन भी शांत हो गई है। पुलिस भले ही हत्यारे को नहीं पकड़े, लेकिन कातिल को भगवान नहीं छोड़ेंगे। भगवान के घर में उसको सजा मिलेगी। सीबीआई जांच की मांग इकलौते बेटे को खोने के गम में मां सीता देवी अभी भी ठीक से बात नहीं कर पा रही है। काफी पूछे जाने पर कहा कि कोचिंग से शाम में पढ़कर मेरा बेटा घर आया और रोज की तरह बैग रखकर खेलने के लिए चला गया। शाम 7:00 बजे तक आ जाता था, जब नहीं आया तो 7:30 बजे खोजने गए, कुछ पता नहीं चला। फिर अपने पति को कहा तो दोनों पति-पत्नी मिलकर खोजने गए, कहीं नहीं मिला, हम लोग रात भर खोजते रहे। रात में पुलिस को फोन नहीं किया लगा कि पुलिस को बताएंगे तो मेरे बेटा को मार देगा। 29 अगस्त की दोपहर में खेत में उसकी लाश मिली। लाश मिलने के बाद पुलिस आई पूछताछ किया। उसके बाद भी आते रही। पुलिस कहती रही की जांच-पड़ताल कर रहे हैं, खुलासा होगा। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है। इस मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए। हत्यारे को छोड़ा नहीं जाएगा वहीं, इस संबंध में डीएसपी साक्षी कुमारी का कहना है की घटना के बाद से हम लोग लगातार अनुसंधान कर रहे हैं। कई लोगों से पूछताछ किया गया, अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। परिजन भी किसी पर आशंका नहीं जता रहे। देर हो रही है, लेकिन घटना का हर हाल में खुलासा होगा। हत्यारे को पकड़कर कड़ी सजा दी जाएगी।
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