स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में कुपोषण की गंभीर चुनौती से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण नीतिगत सुधार लागू किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देश के बाद अब पोषण पुनर्वास केंद्रों (NRC) में मध्यम तीव्र कुपोषण (MAM) से ग्रसित बच्चों को भी भर्ती किया जाएगा। राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (शिशु स्वास्थ्य) डॉ. विजय प्रकाश राय ने इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए सभी सिविल सर्जनों को पत्र जारी किया है। इस निर्णय से राज्य के 41 एनआरसी केंद्रों में मध्यम कुपोषित बच्चों को भी समय पर चिकित्सा, पोषण और निगरानी मिल सकेगी। ‘जल्दी हस्तक्षेप’ की नीति को करेगा मजबूत शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार, यह निर्णय ‘देर से उपचार’ की बजाय ‘जल्दी हस्तक्षेप’ की नीति को मजबूत करेगा। मध्यम कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती करने से उन्हें गंभीर कुपोषण के खतरनाक स्तर तक पहुंचने से रोका जा सकेगा। यह कदम बच्चों के शारीरिक विकास, रोग प्रतिरोधक क्षमता और उनके संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति राज्य में बाल स्वास्थ्य संकेतकों को मजबूत करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी। इससे ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में कुपोषण रोकथाम के प्रयासों को भी नई गति मिलेगी। बेहतर स्वास्थ्य करेगी सुनिश्चित कुल मिलाकर, मध्यम कुपोषित बच्चों की एनआरसी में भर्ती की यह नई व्यवस्था समय पर उपचार, संरक्षण और बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करेगी।
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