मधेपुरा में प्रशासनिक कार्यप्रणाली को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाने के उद्देश्य से मंगलवार को जिलाधिकारी अभिषेक रंजन ने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित विभिन्न कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य कार्यालयों की कार्यप्रणाली, कर्मचारियों की उपस्थिति, अभिलेखों के रखरखाव, साफ-सफाई की स्थिति और आम नागरिकों को दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता का गहन आकलन करना था। डीएम के अचानक पहुंचने से कलेक्ट्रेट परिसर में हड़कंप की स्थिति देखी गई। उपस्थिति पंजी और लंबित मामलों की हुई सख्त जांच निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने अलग-अलग शाखाओं में जाकर उपस्थिति पंजी (अटेंडेंस रजिस्टर) की जांच की। उन्होंने समय से अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को लेकर नाराजगी जताई। इसके साथ ही विभिन्न शाखाओं में लंबित मामलों की समीक्षा की गई। डीएम अभिषेक रंजन ने स्पष्ट कहा कि फाइलों के निष्पादन में अनावश्यक देरी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिन कार्यालयों में पुराने मामले लंबित पाए गए, वहां संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी दी गई और सुधार के लिए स्पष्ट समय-सीमा निर्धारित की गई। अभिलेखों के रखरखाव पर जताई नाराजगी जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान कई कार्यालयों में अभिलेखों के रखरखाव की स्थिति का भी जायजा लिया। कुछ स्थानों पर फाइलों के अव्यवस्थित रखरखाव और रिकॉर्ड अपडेट नहीं होने पर उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी कार्यालयों में अभिलेखों को सुव्यवस्थित तरीके से रखा जाए और डिजिटल रिकॉर्ड को भी नियमित रूप से अपडेट किया जाए, ताकि आम नागरिकों से जुड़े मामलों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित किया जा सके। नागरिक सुविधाओं की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान निरीक्षण के दौरान डीएम ने कलेक्ट्रेट परिसर में मौजूद साफ-सफाई, पेयजल, बैठने की व्यवस्था और सूचना पट्टों की उपलब्धता का भी जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिया कि कलेक्ट्रेट आने वाले आम नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में आने वाला हर व्यक्ति उम्मीद लेकर आता है, ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी है कि उसे सम्मानजनक व्यवहार और समय पर सेवा मिले। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनता से जुड़े मामलों में संवेदनशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ कार्य करें। ‘अनुशासन और समयपालन सर्वोपरि’ डीएम अभिषेक रंजन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकारी कार्यालयों में अनुशासन, समयपालन और उत्तरदायित्व सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं का त्वरित और निष्पक्ष समाधान प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई गई, तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई तय है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारी और कर्मचारी यह सुनिश्चित करें कि शिकायतों और आवेदनों का निष्पादन तय समय-सीमा के भीतर हो। निर्माणाधीन न्यू मीटिंग हॉल का किया स्थल निरीक्षण औचक निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने समाहरणालय परिसर में निर्माणाधीन न्यू मीटिंग हॉल का भी स्थल निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण कार्य की प्रगति, गुणवत्ता और निर्धारित समय-सीमा के अनुपालन की विस्तृत समीक्षा की। डीएम ने कार्य एजेंसी और अभियंताओं को स्पष्ट निर्देश दिया कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता न किया जाए। उन्होंने कहा कि यह मीटिंग हॉल प्रशासनिक बैठकों, समीक्षा बैठकों और अंतर-विभागीय समन्वय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। सुविधाओं और सुरक्षा मानकों की जांच निरीक्षण के दौरान न्यू मीटिंग हॉल में की भी समीक्षा की गई। जहां-जहां खामियां नजर आईं, वहां मौके पर ही सुधार के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि निर्माण कार्य को तय समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाए, ताकि प्रशासनिक कार्यों को सुचारु रूप से संचालित किया जा सके। तेजी से काम पूरा करने के निर्देश डीएम अभिषेक रंजन ने कार्य एजेंसी को निर्देश दिया कि निर्माण कार्य में अनावश्यक देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अभियंताओं से नियमित मॉनिटरिंग करने और कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को कहा। प्रशासनिक सक्रियता का संदेश इस औचक निरीक्षण को जिले में प्रशासनिक सख्ती और जवाबदेही का स्पष्ट संदेश माना जा रहा है। डीएम के इस कदम से जहां कर्मचारियों में अनुशासन को लेकर सतर्कता बढ़ी है, वहीं आम नागरिकों को भी बेहतर सेवा मिलने की उम्मीद जगी है। निरीक्षण के दौरान संबंधित विभागों के अधिकारी, अभियंता और कार्य एजेंसी के प्रतिनिधि मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने सभी से अपेक्षा जताई कि वे अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ करेंगे।
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