मधुबनी के बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र में जनता दल (यूनाइटेड) के भीतर लंबे समय से सुलग रहा अंदरूनी विवाद अब खुलकर सतह पर आ गया है। क्षेत्र संख्या–34 की विधायक मीना कुमारी ने जदयू के प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर संगठन के कुछ प्रखंड और जिला स्तर के पदाधिकारियों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का गंभीर आरोप लगाया है। विधायक के इस पत्र के सामने आने के बाद क्षेत्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है और पार्टी के भीतर असंतोष की तस्वीर साफ दिखाई देने लगी है। 2025 के चुनाव से जुड़ा बताया गया विवाद विधायक मीना कुमारी ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव के दौरान और उसके बाद भी कुछ संगठनात्मक पदाधिकारियों ने पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम किया। आरोप है कि इन लोगों ने न केवल अंदरखाने विरोध किया, बल्कि खुले तौर पर भी ऐसे कदम उठाए जिससे जदयू को नुकसान पहुंचा। विधायक का कहना है कि इस तरह की गतिविधियों से संगठन की छवि धूमिल हुई और कार्यकर्ताओं का मनोबल भी गिरा। पार्टी विरोधी तत्व आज भी सक्रिय होने का आरोप पत्र में यह भी कहा गया है कि जिन पदाधिकारियों पर चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं, वे आज भी संगठन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। विधायक के अनुसार, यही लोग आगामी चुनावों को लेकर कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। इससे जमीनी स्तर पर संगठन कमजोर हो रहा है और पार्टी के प्रति समर्पित कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से बढ़ा असंतोष विधायक मीना कुमारी ने प्रदेश नेतृत्व का ध्यान इस ओर भी आकृष्ट कराया है कि पार्टी के प्रति ईमानदारी से काम करने वाले कार्यकर्ताओं की लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्होंने लिखा है कि वर्षों से पार्टी के लिए संघर्ष कर रहे कार्यकर्ताओं को न तो संगठन में सम्मान मिल रहा है और न ही जिम्मेदारी। इसका सीधा असर यह हो रहा है कि कार्यकर्ताओं में निराशा और असंतोष बढ़ रहा है, जो आने वाले समय में पार्टी के लिए घातक साबित हो सकता है। प्रदेश नेतृत्व से कार्रवाई की मांग विधायक ने अपने पत्र के माध्यम से जदयू प्रदेश नेतृत्व से स्पष्ट मांग की है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ संगठनात्मक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा है कि यदि समय रहते ऐसे तत्वों पर लगाम नहीं लगाई गई, तो संगठन को और अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। विधायक का मानना है कि सख्त कार्रवाई से ही ईमानदारी से काम करने वाले कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और पार्टी की स्थिति मजबूत होगी। स्थानीय राजनीति में बढ़ी हलचल मीना कुमारी के पत्र के सामने आने के बाद बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। जदयू कार्यकर्ताओं के बीच इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ कार्यकर्ता विधायक के कदम को संगठन की मजबूती के लिए जरूरी बता रहे हैं, तो कुछ लोग इसे पार्टी के भीतर बढ़ते गुटबाजी का संकेत मान रहे हैं। प्रदेश नेतृत्व के फैसले पर टिकी निगाहें फिलहाल इस पूरे मामले में जदयू प्रदेश नेतृत्व की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों ने संगठन के भीतर एक नई बहस छेड़ दी है। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि प्रदेश नेतृत्व इस पत्र पर क्या कदम उठाता है और क्या पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों की जांच कर संगठनात्मक कार्रवाई की जाती है या नहीं। कुल मिलाकर बाबूबरही में जदयू का यह अंदरूनी विवाद न सिर्फ स्थानीय राजनीति को प्रभावित कर रहा है, बल्कि आने वाले समय में पार्टी की रणनीति और संगठनात्मक मजबूती के लिए भी एक बड़ी चुनौती बनकर उभरता दिख रहा है।
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