मधुबनी में बुधवार को ‘किशोर न्याय अधिनियम 2015’ और ‘बिहार किशोर न्याय नियमावली 2017’ पर एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका आयोजन जिला बाल संरक्षण इकाई, मधुबनी और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मधुबनी के संयुक्त देखरेख में हुआ। विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने लिया भाग इस कार्यशाला में मधुबनी जिले के सभी थानों के बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य, चाइल्ड हेल्पलाइन के कर्मी, एसएसबी, उत्पाद विभाग और रेल सुरक्षा बल के प्रतिनिधि शामिल हुए। कानूनी प्रावधानों और केस हैंडलिंग पर प्रशिक्षण प्रतिभागियों को किशोर न्याय से संबंधित कानूनी प्रावधानों, संरक्षणात्मक प्रक्रियाओं, केस हैंडलिंग, बाल अधिकारों और बच्चों के प्रति संवेदनशील व्यवहार के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षकों ने कानून के प्रभावी क्रियान्वयन पर दिया मार्गदर्शन प्रशिक्षक के रूप में मुख्य दंडाधिकारी प्रमोद कुमार महथा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव संदीप चैतन्य, किशोर न्याय परिषद के प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट अंकित आनंद, सहायक निदेशक नितेश कुमार पाठक और बाल संरक्षण पदाधिकारी अजय कुमार उपस्थित रहे। उन्होंने किशोर संरक्षण के क्षेत्र में कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन, विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने पर विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया। कार्यशाला का उद्देश्य कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कानून से जुड़े अधिकारियों और कर्मियों को अद्यतन कानूनी प्रावधानों से अवगत कराना तथा बच्चों से संबंधित मामलों में अधिक प्रभावी और संवेदनशील दृष्टिकोण विकसित करना था।
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