“जिला प्रशासन गाँव की ओर” कार्यक्रम के तहत मधुबनी जिले के 21 प्रखंडों की 124 पंचायतों का अचानक निरीक्षण किया गया। इस दौरान, वरिष्ठ पदाधिकारियों ने पंचायत कार्यालयों में पहुंचकर पंचायत स्तर पर विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं और कार्यों की समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान दिए गए मंतव्यों को ‘मधुबनी फर्स्ट’ पोर्टल पर भी दर्ज किया गया है। निरीक्षण किए गए पंचायतों में रहिका के 6, पंडौल के 8, राजनगर के 4, खजौली के 5, कलुआही के 5, बाबूबरही के 5, झंझारपुर के 8, अंधराठाढ़ी के 5, लखनौर के 5, मधेपुर के 7, बेनीपट्टी के 10, बिस्फी के 10, हरलाखी के 5, मधवापुर के 5, जयनगर के 6, बासोपट्टी के 4, लदनियां के 5, फुलपरास के 7, घोघरडीहा के 5, खुटौना के 3 और लौकही के 5 पंचायतें शामिल हैं। इन सभी पंचायतों में संचालित योजनाओं और कार्यों की गहन जांच की गई। ई-ऑफिस के माध्यम से दैनिक कार्यों का निष्पादन करने के निर्देश जिलाधिकारी ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे अपने संबद्ध पंचायत के पंचायत सरकार भवन (या जहां पंचायत कार्यालय संचालित है) में पहुंचकर ई-ऑफिस के माध्यम से दैनिक कार्यों का निष्पादन करें। साथ ही, उन्हें पंचायत स्तर पर विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं और कार्यों की समीक्षा व निरीक्षण कर ‘मधुबनी फर्स्ट’ पोर्टल पर मंतव्य दर्ज करने को कहा गया था। पंचायत सरकार भवनों की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की पदाधिकारियों ने पंचायत सरकार भवनों की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की। इसमें यह देखा गया कि जहां भवन निर्मित नहीं हैं, वहां जमीन का चयन हुआ है या नहीं। यदि जमीन चयनित है तो निर्माण में देरी का कारण और यदि नहीं तो जमीन चयन के प्रयास की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी गई। निर्माणाधीन भवनों के लिए कार्य की गुणवत्ता, समय पर निर्माण और हैंडओवर की अनुमानित तिथि की जांच की गई। वर्तमान स्थिति और रखरखाव का भी आकलन किया गया निर्मित पंचायत सरकार भवनों की वर्तमान स्थिति और रखरखाव का भी आकलन किया गया। इसके अतिरिक्त, यह सुनिश्चित किया गया कि पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, राजस्व कर्मचारी, कार्यपालक सहायक, कचहरी सचिव और अन्य विभागीय कर्मी नियमित रूप से पंचायत सरकार भवन में कार्यालय कार्यों के लिए उपस्थित हो रहे हैं या नहीं।
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