बिहार के मंत्री अशोक चौधरी को मगध यूनिवर्सिटी ने ‘जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी भागीदारी’ विषय पर डिलीट डिग्री दी है। यह पूरा विषय पॉलिटिकल साइंस और डेमोक्रेटिक गवर्नेंस से जुड़ा है। उन्होंने इस टॉपिक पर गहन अध्ययन किया, सर्वे कराया, रिपोर्ट तैयार की। उसी के आधार पर उन्हें राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के हाथों यह सम्मान मिला। अशोक चौधरी ने कहा कि यह विषय आज की राजनीति, सामाजिक न्याय और लोकतांत्रिक व्यवस्था से सीधे जुड़ा है। आबादी के अनुपात में अधिकार और भागीदारी का यह मॉडल बिहार सहित पूरे देश में चर्चा में रहता है। इसी मॉडल को उन्होंने रिसर्च का मुद्दा बनाया। चार महीने पहले उन्होंने अपनी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी को सौंपी थी। रिसर्च के लिए बाराचट्टी, इमामगंज को भी चुना था अशोक चौधरी ने बताया कि अध्ययन के लिए चार ब्लॉक चुने गए थे जिसमें, बाराचट्टी, इमामगंज और अन्य ब्लॉक शामिल था। इन इलाकों में सामाजिक ढांचा, जनसंख्या, प्रतिनिधित्व और स्थानीय भागीदारी का बारीकी से सर्वे किया गया। सर्वे रिपोर्ट को यूनिवर्सिटी ने स्वीकार किया और उत्कृष्ट मानते हुए उन्हें डिलीट की डिग्री दी गई। साथ ही एमएलसी अवधेश नारायण सिंह को भी दीक्षांत समारोह में डिग्री प्रदान की गई। दीक्षांत समारोह पर मंत्री ने कहा कि मगध यूनिवर्सिटी में लंबे समय बाद यह आयोजन हुआ है। राज्यपाल के आने के बाद विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार दिख रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब सभी यूनिवर्सिटी को नियमित रूप से कन्वोकेशन करने का आदेश दिया गया है। यह परंपरा आगे बढ़नी चाहिए। मंत्री ने कुलपति एसपी शाही की भी सराहना की। कहा कि कुलपति एक्टिव हैं। विश्वविद्यालय को नई दिशा देने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि रिसर्च को बढ़ावा देना समय की जरूरत है। यूनिवर्सिटी में बड़े स्तर पर शोध कार्य होना चाहिए और हमें उम्मीद है कि कुलपति इस दिशा में बेहतरीन काम करेंगे।
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