बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन 91 हजार करोड़ के सेकेंड सप्लीमेंट्री बजट पर चर्चा हुई। इस दौरान सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने विपक्ष पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘महिलाओं को दी गई राशि पर ये कहते थे, इसमें सूद लगेगा, इसे लौटना पड़ेगा। इन्हें कामयाबी नहीं मिली, फेल रहे। ये माई-बहिन मान योजना चला रहे थे। ये लोग योजना नहीं चलाते हैं, केवल मां बहनों का अपमान करते हैं।’ ‘आज मुख्यमंत्री की बातें सही साबित हुईं। मुख्यमंत्री ने कहा था, बोलते बहुत हो , सुनो और समझो, मुख्यमंत्री जी की बात नहीं मानी, आज 35 पर सिमट गए।’ सदन में गूंजा चारा घोटाला मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा, बहुत सारे सदस्य पूछ रहे हैं अनुपूरक बजट के लिए राशि कहां से आएगी। बिहार के बंटवारे के बाद भी कहा जाता था कि बिहार में बालू, लालू और आलू बच गया, अब क्या खाया जाएगा। तब 25-26 हज़ार करोड़ का बजट था। नीतीश कुमार ने इस बजट को 3 लाख करोड़ तक पहुंचाया। इंसान में अगर ईमान हो तो काम मुश्किल नहीं है। नीतीश सरकार में चारा और बालू घोटाला नहीं हुआ। चारा घोटाले का जिक्र होने पर विपक्ष के विधायक हंगामा करने लगे। जिसके बाद मंत्री बिजेंद्र ने कहा, जितना हल्ला कीजिएगा… मैं उतनी पोल खोलूंगा। ईमान का संकट नीतीश कुमार में नहीं है, इसलिए पैसे की कमी नहीं होगी। वित्तीय कुप्रबंधन का नतीजा है सप्लीमेंट्री बजटः राजद इससे पहले राजद विधायक आलोक मेहता ने कहा, ‘वित्तीय कुप्रबंधन के कारण सप्लीमेंट्री बजट लाना पड़ रहा है। रेगुलर बजट में गंभीरता से काम नहीं किए जाने पर सप्लीमेंट्री लाना पड़ता है।’ ‘ऐसा लगता है की ये कॉमन प्रैक्टिस हो गया है कि योजना को समय सीमा पर पूरा नहीं करके उसका बजट बढ़ा दो। ऐसा लगता है, ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए ये हो रहा है।’ ‘सप्लीमेंट्री बजट में राशि कहां से आएगी इसका जिक्र नहीं है। पिछले बजट में आवंटित राशि का क्या हुआ ? सरकार वित्तीय अनुशासन में फेल हो गई है। केंद्र पर निर्भरता बढ़ गई है, क्या यही सुशासन है? बजट में शिक्षा, स्वास्थ पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है।’ बिहार में 6 करोड़ महिलाएं, केवल डेढ़ करोड़ को राशि क्यों RJD विधायक आलोक मेहता ने कहा, ‘सरकार विकास से ज़्यादा राजनीतिक लाभ लेने के लिए योजना बना रही है। 2 लाख रुपए हर महिला को कैसे देंगे? लगभग छह करोड़ से ज़्यादा महिलाएं हैं, क्या उन्हें हक नहीं है कि उन्हें भी दस हजार रुपये मिले। ये महिलाएं भी सरकार से अपेक्षा कर रहीं हैं। केवल डेढ़ करोड़ ही क्यों?’ ‘चालीस लाख लोग बिहार में ऐसी बस्ती में रहते हैं, जहां कनेक्टिविटी मुख्य मार्ग से नहीं हैं। ऐसे बस्ती की संख्या 100 से अधिक है। कई मोहल्ले ऐसे हैं, जहां पाइपलाइन तक नहीं है।’ विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। कुचायकोट विधायक अमरेंद्र पांडे ने स्पीकर के चैम्बर में शपथ ली। अब केवल जेल में बंद मोकामा विधायक अनंत सिंह की शपथ बाकी है। बिहार विधानमंडल की कार्यवाही से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए….
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