नवादा जिले के अकबरपुर प्रखंड की पैजुना पंचायत में मंझवे-ककोलत मुख्य पथ के चौड़ीकरण कार्य के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर बुधवार को ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में प्रभावित रैयतों ने ककोलत रोड पर सड़क निर्माण कार्य रोक दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार से जल्द से जल्द मुआवजे देने की मांग की। किसानों को नहीं मिला उचित मुआवजा आंदोलन का नेतृत्व सुबोध कुशवाहा, शैलेन्द्र कुमार और रंजीत कुमार सहित कई स्थानीय लोगों ने किया। ग्रामीणों का आरोप है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के स्पष्ट निर्देशों और मुआवजा निर्धारण समिति की रिपोर्ट के बावजूद उन्हें अब तक उचित मुआवजा नहीं मिला है। नवादा जिला समाहरणालय (भू-अर्जन शाखा) ने 22 अप्रैल 2025 को पत्रांक 605 के तहत अलग-अलग केंद्रीय व राज्य परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित भूमि के वर्गीकरण हेतु एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था। 2014 की दर पर मुआवजा देने का निर्देश जारी हुआ था इस समिति में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, अवर निषादक, उप विकास आयुक्त-सह-मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी और भूमि सुधार उप समाहर्त्ता शामिल हैं। आदेश में एसएच-103 के तहत विभिन्न मौजों की भूमि का स्थलीय निरीक्षण कर वास्तविक किस्म व मूल्यांकन रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। ककोलत रोड मुआवजा समिति ने 23 जुलाई 2025 को जिलाधिकारी को भेजे एक पत्र में कहा है कि पैजुना, डीही, रौनक, चकफतेह, रसाईं और ककोलत सहित अन्य गांवों की भूमि का मुआवजा 2014 की अद्यतन सर्किल दरों और बाजार मूल्य (MVR) के आधार पर निर्धारित किया जाना चाहिए। ग्रामीणों की जमीन पर सड़क का निर्माण पूरा समिति के संयोजक सैय्यद मसीहउद्दीन ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि रैयतों की जमीन सड़कों के निर्माण में उपयोग हो चुकी है, लेकिन उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि कई स्थानों पर भूमि की श्रेणी गलत दर्ज की गई है, जिसके कारण मुआवजा कम तय हुआ है। सैय्यद मसीहउद्दीन ने सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप वास्तविक मूल्यांकन कर रैयतों को न्यायपूर्ण भुगतान करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
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