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भोजपुर साइबर पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय ठग को किया गिरफ्तार:सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को निशाना बनाता था; एमपी, यूपी, झारखंड तक नेटवर्क

भोजपुर जिले की साइबर पुलिस ने अवैध तरीके से सीएसपी सेवा केंद्र और प्रतिबंधित बायोमेट्रिक उपकरणों के सहारे आधार-आधारित बैंक खातों से अवैध निकासी करने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग देवानंद को गिरफ्तार‎ किया है। बैंक खाते में मौजूद लगभग ढाई लाख रुपए की राशि को पुलिस ने फ्रीज करा दिया है। गिरफ्तार देवानंद पूर्णिया जिले के जलालगढ़ थाना क्षेत्र के लखनारे गांव का रहने वाला है। साइबर डीएसपी स्नेह सेतु ने बताया कि यह गिरोह जीविका-दीदियों, महिलाओं और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को निशाना बनाता था। गिरोह के नेटवर्क की कड़ियां मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और झारखंड तक फैली हुई है। साइबर थाना को यह केस 11 अक्टूबर 2025 को प्राप्त हुआ, जब शाहपुर निवासी संजय झा की पुत्री अंकिता कुमारी ने प्राथमिकी दर्ज कराई। उसने बताया कि मुख्यमंत्री बालिका योजना के तहत मिले 50 हजार रुपए में से अलग-अलग डेट पर बड़ी राशि खाते से गायब हो गई। बैंक स्टेटमेंट की जांच में अवैध निकासी की पुष्टि होते ही डीएसपी स्नेह सेतु के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक टीम गठित की गई। अररिया जिले में गिरोह एक्टिव तकनीकी जांच में पता चला कि पीड़िता के खाते से बार-बार रुपए एक ही बाहरी खाते में ट्रांसफर किए जा रहे थे। वायर ट्रेसिंग के आधार पर पुलिस की जांच सीधे पूर्णिया जिले के देवानंद कुमार तक पहुंची। इसके बाद छापेमारी कर उसे दबोचा गया और उसका मोबाइल भी जब्त कर लिया गया। DSP ने कहा कि आरोपी देवानंद अपने जीजा अमित कुमार और दोस्त छोटू, एहतेशाम के साथ मिलकर यह मॉड्यूल चलाता था। ये सभी फिलहाल फरार है। तलाश तेज की गई है। देवानंद ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसके कई लिंक अररिया जिले के जोकीहाट में भी सक्रिय है। डीएसपी ने स्पष्ट किया कि बैंकिंग सेवाओं में मान्यता प्राप्त और नियमित बायोमेट्रिक उपकरणों का ही उपयोग अनिवार्य है। अनधिकृत मशीनें या अवैध प्रक्रिया का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित है। इस प्रकार की साइबर ठगी से संबंधित अब तक 170 से अधिक शिकायतें सामने आ चुकी हैं, जिनमें अधिकांश पीड़ित महिलाएं, जीविका-दीदियां और योजना लाभार्थी हैं, जिनके खातों से 10 से 20 हजार रुपए तक की निकासी की गई है। छापेमारी टीम में इंस्पेक्टर आदित्य कुमार, दारोगा स्वाति कुमारी और अन्य अधिकारी शामिल थे। डीएसपी ने कहा कि जांच में अन्य जिलों और राज्यों के नाम भी सामने आने की संभावना है। पुलिस उच्च स्तरीय समन्वय के साथ पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में तेजी से कार्रवाई कर रही है।


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