महाराष्ट्र के वरिष्ठ सोशलिस्ट लीडर और मजदूर-अधिकार आंदोलन की प्रमुख आवाज डॉ. बाबा अधव का सोमवार शाम पुणे में 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे और उनका इलाज पुणे के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। अधव ने हमालों, रिक्शा चालकों, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स और असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों के अधिकारों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया था। डॉ. अधव महाराष्ट्र के लेबर मूवमेंट का एक बड़ा नाम रहे। उन्होंने हमाल पंचायत जैसे प्रभावी मज़दूर संगठन खड़े किए और एक गांव एक पानी स्रोत जैसे सामाजिक सुधार अभियानों का नेतृत्व किया। शिव, फुले, शाहू और अंबेडकरवादी विचारधारा से प्रभावित अधव ने अपने अंतिम दिनों तक सामाजिक न्याय और वंचित समुदायों के अधिकारों के लिए सक्रिय रूप से काम किया। बाबा अधव का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह मार्केट यार्ड स्थित हमाल भवन में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। अंतिम संस्कार देर शाम पुणे में किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर लिखा कि बाबा अधव को समाज सेवा और मजदूरों की भलाई के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने परिवार और अनुयायियों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
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