भारत-भूटान दोस्ती को नई रफ्तार, सरकार ने रेल प्रोजेक्ट पर खर्च करेगी 4,033 करोड़
भारत और भूटान के रिश्तों को और मजबूत करने के लिए, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मिलकर एक बड़ी रेलवे परियोजना की घोषणा की है. इस प्रोजेक्ट में 4,033 करोड़ रुपये की लागत से भूटान के दो शहरों, गेलेफू और समत्से को भारत से रेल के जरिए जोड़ा जाएगा.
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये रेल प्रोजेक्ट भूटान के दो अहम शहरों को जोड़ेगा. गेलेफू को ‘माइंडफुलनेस सिटी’ के रूप में डेवलप किया जा रहा है, और समत्से एक इंडस्ट्रियल शहर है. ये दोनों शहर भारत के कोकराजहार और बनारहाट से रेल नेटवर्क के जरिए जुड़ेंगे. इस प्रोजेक्ट में कोकराजहार-गेलेफू लाइन भारत के बड़े इंडस्ट्रियल हब बोंगाईगांव को जोड़ेगी. कोकराजहार एक रीजनल स्टेशन है, जो इस प्रोजेक्ट को भारत के 1,50,000 किलोमीटर लंबे रेल नेटवर्क से कनेक्ट करेगा. सिर्फ 70 किलोमीटर नए ट्रैक बनाकर भूटान को भारत के विशाल रेल नेटवर्क से जोड़ा जा सकेगा. कुल मिलाकर, इस प्रोजेक्ट में 89 किलोमीटर लंबा रेल नेटवर्क बनेगा.
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अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत भूटान का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है और भूटान का ज्यादातर ट्रेड भारतीय बंदरगाहों से होता है. इसलिए, भूटान की इकॉनमी और वहां के लोगों को ग्लोबल नेटवर्क से जोड़ने के लिए एक अच्छा रेल कनेक्शन बहुत जरूरी है.
भारत सरकार उठाएगी खर्च
मार्च 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी की भूटान यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने कोकराजहार-गेलेफू और बनारहाट-समत्से के बीच दो रेल लाइनों पर सहमति जताई थी. 16 किलोमीटर लंबा बनारहाट-समत्से खंड पश्चिम बंगाल को भूटान से जोड़ेगा. ये लाइनें भूटान को उसकी पहली रेल कनेक्टिविटी देंगी. इस पूरे प्रोजेक्ट का खर्च भारत सरकार उठाएगी. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत और भूटान के बीच बहुत गहरा और भरोसेमंद रिश्ता है, जो संस्कृति, जन-जन के संबंधों और साझा विकास व सुरक्षा हितों पर आधारित है.
उन्होंने ये भी बताया कि भारत ने भूटान के डेवलपमेंट में हमेशा बड़ी भूमिका निभाई है, खासकर इन्फ्रास्ट्रक्चर और इकॉनमिक ग्रोथ में. भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना (2024-2029) के लिए भारत ने 10,000 करोड़ रुपये की मदद का वादा किया है, जो पिछली योजना से दोगुना है. इस मदद में प्रोजेक्ट्स, कम्युनिटी डेवलपमेंट, इकॉनमिक प्रोग्राम्स और ग्रांट्स शामिल हैं.
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