भारत सरकार ने बुधवार को बांग्लादेश के हाई कमिशनर रियाज हमिदुल्लाह को समन किया है। हाल ही में भारतीय उच्चायोग को एक धमकी मिली थी, जिसके बाद भारत ने इस मुद्दे पर बांग्लादेश सरकार से औपचारिक रूप से अपनी आपत्ति दर्ज कराई. हालांकि सरकार ने अभी तक यह नहीं बताया है कि धमकी क्या थी, लेकिन इसे गंभीर सुरक्षा चिंता के रूप में देखा जा रहा है। यह कदम बांग्लादेश के नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के नेता हसनत अब्दुल्लाह की धमकी के एक दिन बाद उठाया गया। अब्दुल्लाह ने भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों (7 सिस्टर्स) को अलग-थलग करने और अलगाववादियों को शरण देने की बात कही थी। अभी किसी कार्रवाई या जवाबी कदम का जिक्र नहीं है। जानकारी के मुताबिक, यह एक औपचारिक कूटनीतिक आपत्ति दर्ज कराने का मामला है। इससे आगे क्या होगा, इस पर फिलहाल कोई विवरण सामने नहीं आया है। अब्दुल्लाह ने भारत को बदला लेने की धमकी दी अब्दुल्लाह ने सोमवार को ढाका में एक रैली में कहा था कि अगर बांग्लादेश को अस्थिर करने की कोशिश की गई तो बदले की आग सीमाओं के पार फैल जाएगी। उन्होंने बिना भारत का नाम लिए कहा, “अगर आप हमें अस्थिर करने वालों को शरण दे रहे हैं, तो हम 7 सिस्टर्स के अलगाववादियों को भी शरण देंगे।” उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि बांग्लादेश भारत विरोधी ताकतों को पनाह देगा और उत्तर-पूर्वी राज्यों को भारत से अलग कर देगा। रैली में मौजूद कुछ लोग उनकी इस बात पर तालियां बजाते दिखे। यह रैली पिछले हफ्ते इंकलाब मंच के कट्टरपंथी नेता शरीफ उस्मान हादी पर हुए जानलेवा हमले के बाद आयोजित की गई थी। यह संगठन हमले के लिए भारत और शेख हसीना की अवामी लीग को जिम्मेदार ठहरा रहा है। एक महीने पहले पूर्व बांग्लादेशी जनरल ने कहा था कि भारत के टुकड़े न होने तक बांग्लादेश को पूरी शांति नहीं मिलेगी। बांग्लादेश में हसीना विरोधी पर फायरिंग बांग्लादेश में शेख हसीना के विरोधी नेता उस्मान हादी को राजधानी ढाका में 12 दिसंबर को गोली मार दी गई, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हादी इस्लामी संगठन ‘इंकलाब मंच’ के प्रवक्ता हैं और चुनाव में ढाका से निर्दलीय उम्मीदवार हैं। वह रिक्शे पर जा रहे थे तभी बाइक सवार हमलावर ने उन्हें गोली मार दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हमले से कुछ घंटे पहले उस्मान हादी ने ग्रेटर बांग्लादेश का एक मैप शेयर किया था, इसमें भारतीय इलाके (7 सिस्टर्स) शामिल थे। विजय दिवस के एक दिन बाद समन यह फैसला भारत के विजय दिवस के ठीक एक दिन बाद सामने आया। मंगलवार को भारत ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम की 54वीं वर्षगांठ यानी विजय दिवस मनाया था। वर्षगांठ पर बांग्लादेश ने भी भारत और ढाका के बीच बेहतर संबंधों पर जोर दिया था। हालांकि, अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश से भारत के रिश्तों में तनाव आया है। वहीं, बांग्लादेश पाकिस्तान से नजदीकियां बढ़ा रहा है। भारत-बांग्लादेश के रिश्ते तनावपूर्ण शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के गिरने के बाद से भारत-बांग्लादेश के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं। 78 वर्षीय शेख हसीना पिछले साल अगस्त में तख्तापलट के बाद भारत आ गई थीं और तब से यहीं रह रही हैं। पिछले महीने बांग्लादेश की एक विशेष ट्राइब्यूनल ने उन्हें मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद से बांग्लादेश लगातार उनके प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है। बांग्लादेश ने भारत से हसीना की जल्द प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन भारत ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। बांग्लादेश में चुनाव नजदीक आने के साथ भारत विरोधी बयानबाजी बढ़ रही है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों पर और दबाव पड़ रहा है। बांग्लादेश की मांग- शेख हसीना को सौंप दे बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने 14 दिसंबर को ढाका में भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया। बांग्लादेश ने भारत में रह रहीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बयानों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। अधिकारिक बयान के बांग्लादेश ने चिंता जताते हुए कहा कि भारत सरकार एक फरार आरोपी को बयान देने की अनुमति दे रही है। बांग्लादेश का कहना है कि शेख हसीना के बयान भड़काऊ हैं और वे अपने समर्थकों से बांग्लादेश में हिंसक और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की अपील कर रही हैं। सरकार के मुताबिक, ऐसे बयान आगामी संसदीय चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश हैं। बांग्लादेश में 12 फरवरी को चुनाव होंगे बांग्लादेश में अगले साल 12 फरवरी को आम चुनाव होंगे। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त एएमएम नासिरउद्दीन ने गुरुवार शाम इसका ऐलान किया। यह चुनाव पूर्व पीएम शेख हसीना के तख्तापलट के डेढ़ साल बाद हो रहा है। 5 अगस्त 2024 को हुए तख्तापलट के बाद हसीना देश छोड़कर भारत आ गई थीं। इसके बाद से वहां पर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार चल रही है। अगले साल होने वाले चुनाव में हसीना की पार्टी हिस्सा नहीं ले पाएगी। बांग्लादेश की सबसे बड़ी पार्टी अवामी लीग का पंजीकरण चुनाव आयोग ने मई 2025 में निलंबित कर दिया था। पार्टी के बड़े नेताओं को अंतरिम सरकार गिरफ्तार कर चुकी है। अवामी लीग चुनाव लड़ने और राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। छात्रों की पार्टी ने अमर बांग्लादेश पार्टी से गठजोट किया चुनाव से पहले छात्रों की राजनीतिक पार्टी नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) ने जमात-ए-इस्लामी से टूटकर बनी अमर बांग्लादेश (AB) पार्टी और राष्ट्र संस्कृति आंदोलन के साथ मिलकर नया मोर्चा गणतांत्रिक संस्कार गठजोट बनाया है। NCP इसी साल फरवरी में बनी थी। पार्टी के छात्र नेताओं ने पिछले साल हसीना विरोधी प्रदर्शनों की अगुवाई की थी। इन्हीं प्रदर्शनों के दबाव में शेख हसीना सरकार को सत्ता छोड़नी पड़ी थी। NCP ने 125 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची भी जारी कर दी है। पार्टी के प्रमुख चेहरे नाहिद इस्लाम ढाका-11 से चुनाव लड़ेंगे। इस सूची में 14 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं, जो अब तक किसी भी पार्टी से सबसे ज्यादा हैं। ————————————- ये खबर भी पढ़ें… बांग्लादेश में हसीना विरोधी पर फायरिंग, सिर में गोली लगी: कुछ घंटे पहले ग्रेटर बांग्लादेश का मैप शेयर किया, इसमें भारतीय इलाके शामिल बांग्लादेश में शेख हसीना के विरोधी नेता उस्मान हादी को राजधानी ढाका में शुक्रवार को गोली मार दी गई, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। हादी इस्लामी संगठन ‘इंकलाब मंच’ के प्रवक्ता हैं और चुनाव में ढाका से निर्दलीय उम्मीदवार हैं। पूरी खबर पढ़ें…
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