DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

भारत के लिए भिड़ गया था मुस्लिम देश, अब जा रहे मोदी, पाकिस्तान पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर

पाकिस्तान लगातार ये कोशिश कर रहा है कि पूरी दुनिया ना सही बल्कि जितने भी इस दुनिया में इस्लामिक देश हैं या फिर मुस्लिम देश हैं वो भारत के खिलाफ खड़े हो और इसी को लेकर समय-समय पर पाकिस्तान कोशिशें करता रहता है। भारत के खिलाफ भ्रामक खबरें फैलाने की कोशिश करता है। एक नैरेटिव सेट करने की कोशिश करता है। लेकिन पाकिस्तान इन हथखंडों में अब विफल साबित हो रहा है। कई ऐसे मुस्लिम देश है या फिर इस्लामिक देश हैं जो ओआईसी के मेंबर्स भी हैं। वह अब धीरे-धीरे भारत के साथ आ रहे हैं। चाहे हम कुवैत की बात कर लें, बहरीन की बात कर लें। जब भारत के तरफ से पहलगाम हमले के बाद डेलीगेशन बहरीन गया था तो हमने देखा था किस तरीके से वहां के जो अधिकारी है उन्होंने खुल के भारत का साथ दिया था और आतंकवादी हमले की निंदा भी की थी।

इसे भी पढ़ें: 193 देशों के सामने भारत ने दिखाया अपना रौद्र रूप, पाकिस्तान को उसी के फंदे में जकड़ दिया

इन तमाम देशों के बीच एक देश ऐसा है जो हर हाल में हर परिस्थिति में भारत के साथ खड़ा रहा। वो मुस्लिम देश जो किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटा बल्कि डटकर विरोधियों का सामना किया लेकिन भारत से दोस्ती नहीं तोड़ी। वो देश ओमान है। ओमान वो मुस्लिम देश है जो हमेशा से ही यह अभी की बात नहीं है। शुरुआत से ही भारत हितेषी रहा है। भारत का शुभचिंतक रहा है। चाहे हम 1971 में बांग्लादेश के साथ जिस तरीके की स्थिति परिस्थिति बनी थी उस दौरान बात करें तो कई ऐसे देश थे जो भारत के खिलाफ हो गए थे। पाकिस्तान का साथ दे रहे थे अपने फायदे के लिए। लेकिन तब भी ओमान ने भारत का साथ नहीं छोड़ा। और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी ओमान दौरे पर जाने वाले हैं जिसकी निगाहें जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।

इसे भी पढ़ें: Pakistan के खैबर पख्तूनख्वा में टीटीपी के हमले में पांच पुलिसकर्मी घायल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अगले सप्ताह ओमान की यात्रा करेंगे और वहां मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से संबंधित सूत्रों ने आगे बताया कि समझौते की तारीखें और प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की सूची केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद तय की जाएगी। भारत और ओमान ने नवंबर 2023 में व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर बातचीत शुरू की थी। वाणिज्य विभाग ने एक अलग विज्ञप्ति में बताया कि नवंबर 2023 से मार्च 2024 के बीच तीन दौर की बातचीत के बाद दोनों पक्ष सीईपीए के सभी पहलुओं पर सहमत हो गए हैं, जिनमें समझौते का पाठ और बाजार पहुंच संबंधी प्रस्ताव शामिल हैं।

इसे भी पढ़ें: 18 महीनों में 64 शर्तें, पाकिस्तान को कर्ज के बदले IMF के वो कंडीशंस जिसे पूरा करने में निकलेगा दम

2024-25 में, भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10.61 अरब डॉलर रहा। ओमान में 6,000 से अधिक भारत-ओमान संयुक्त उद्यम कार्यरत हैं, जिनमें अनुमानित निवेश 776 मिलियन डॉलर से अधिक है। भारतीय कंपनियाँ ओमान में, विशेष रूप से सोहार और सलालाह मुक्त क्षेत्रों में, अग्रणी निवेशकों में से हैं। अप्रैल 2000 से मार्च 2025 के बीच ओमान से भारत में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 605.57 मिलियन डॉलर रहा

सोहार बंदरगाह और मुक्त क्षेत्र

उद्घाटन समारोह में विशेषज्ञों ने बताया कि बंदरगाह पर दो रिफाइनरियों और प्रमुख इस्पात संयंत्रों सहित भारी उद्योग स्थित हैं, जो लगभग 200,000 बैरल कच्चे तेल से संबंधित उत्पादों का उत्पादन करते हैंउन्होंने कहा कि मुक्त क्षेत्र (पी-ज़ोन) को डाउनस्ट्रीम और मध्यम आकार के उद्योगों (जो मूल्य श्रृंखला में बाद में आते हैं) के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिन्हें बंदरगाह पर उपलब्ध प्रोत्साहनों और अपस्ट्रीम कच्चे माल की निकटता का लाभ मिलता है सोहार की एक अनूठी विशेषता यह है कि बंदरगाह और मुक्त क्षेत्र दोनों का प्रबंधन एक ही प्राधिकरण द्वारा किया जाता है, जबकि अधिकांश क्षेत्रीय मॉडलों में प्रत्येक का प्रबंधन अलग-अलग होता हैयह एकीकृत संरचना त्वरित निर्णय लेने और बॉन्डेड कार्गो के माध्यम से माल की सुगम आवाजाही की अनुमति देती है


https://ift.tt/aIojmW6

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *