भारत की महिलाओं का अपमान… अफगान विदेश मंत्री के फैसले पर प्रियंका ने मोदी सरकार को घेरा
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी भारत दौरे पर हैं. जहां शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उनकी मुलाकात सुर्खियों में बनी रही, वहीं इस मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों का न होना भी चर्चाओं का विषय बन गया और विपक्ष अब इसको सरकार पर हमला करने के लिए इस्तेमाल कर रहा है.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों के बैन पर सफाई मांगी है. उन्होंने इस घटना को भारत की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का अपमान बताया है.
महिला अधिकार केवल चुनावी दिखावा तो नहीं
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए लिखा, “अगर आपका महिला अधिकारों को मानना सिर्फ एक चुनावी सुविधाजनक दिखावा नहीं है, तो हमारे देश में महिलाओं के इस अपमान को कैसे होने दिया गया?” उन्होंने कहा कि महिलाएं देश की रीढ़ हैं और इस घटना ने उनका अपमान किया है.
Prime Minister @narendramodi ji, please clarify your position on the removal of female journalists from the press conference of the representative of the Taliban on his visit to India.
If your recognition of womens rights isnt just convenient posturing from one election to
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 11, 2025
यह प्रेस कॉन्फ्रेंस शुक्रवार को अफगान दूतावास में हुई थी, जहां महिला पत्रकारों को नहीं बुलाया गया था. माना जा रहा है कि यह फैसला तालिबान अधिकारियों का था. हालांकि, भारतीय सूत्रों का दावा है कि भारत की तरफ से तालिबान को महिला पत्रकारों को बुलाने का सुझाव दिया गया था.
कांग्रेस नेताओं ने उठाई आवाज
प्रियंका गांधी के अलावा, पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने इस घटना पर हैरत जताते हुए कहा कि पुरुष पत्रकारों को वॉकआउट करना चाहिए था. वहीं, सांसद कार्ति चिदंबरम ने इसे ‘शर्मनाक’ बताया और विदेश मंत्रालय के रवैये पर निराशा जताई. बता दें कि तालिबान शासन महिला अधिकारों को सीमित करने के लिए विश्व भर में आलोचना का सामना कर रहा है.
हर देश के अपने रीति-रिवाज
शुक्रवार को मुत्ताकी ने अफगानिस्तान में महिलाओं की दुर्दशा पर एक सीधे सवाल को टाल दिया, लेकिन कहा कि हर देश के अपने रीति-रिवाज, कानून और सिद्धांत होते हैं और उनका सम्मान किया जाना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अफगानिस्तान की स्थिति में काफी सुधरी है.
मुत्तकी ने बताया कि तालिबान के देश पर शासन करने से पहले अफगानिस्तान में हर दिन लगभग 200 से 400 लोग मारे जाते थे, लेकिन अब शांति हैं.
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