DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

भारत की भावी युद्ध शक्ति ‘JAI’ पर आधारित होगी : General Chauhan

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को कहा कि देश की भविष्य की युद्ध शक्ति तीन स्तंभों – संयुक्तता, आत्मनिर्भरता और नवाचार – से संचालित होगी।
चौहान ने इन तीनों तत्वों को सामूहिक रूप से ‘जेएआई’ कहा।

हैदराबाद के पास दुडिंक्कल स्थित वायुसेना अकादमी में ‘कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड (सीजीपी)’ का निरीक्षण करते हुए जनरल चौहान ने कहा कि भले ही अभियानों की तीव्रता कम हो गई हो, लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी ताकत हर घंटे, हर दिन सतर्क रहने की क्षमता में निहित होगी।’’

किसी देश का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि संस्थागत कमजोरी और प्रतिक्रियात्मक समायोजन को दर्शाने वाले घटनाक्रम अक्सर हमारे आसपास ही देखने को मिलते हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युद्ध केवल बयानबाजी से नहीं, बल्कि सुनियोजित कार्रवाई से जीते जा सकते हैं।

जनरल चौहान ने कहा, ‘‘हमारे आसपास अक्सर ऐसे घटनाक्रम देखने को मिलते हैं जो संस्थागत कमजोरी और प्रतिक्रियात्मक समायोजन का संकेत देते हैं। इसके विपरीत, भारत की ताकत मजबूत संस्थाओं, लोकतांत्रिक स्थिरता और हमारे सशस्त्र बलों के अटूट पेशेवर अंदाज पर आधारित है।’’

सीडीएस ने नवनियुक्त अधिकारियों से कहा कि वे भारतीय वायु सेना में ऐसे समय में प्रवेश कर रहे हैं जब सशस्त्र बलों में गहन परिवर्तन का दौर चल रहा है।
उन्होंने कहा कि नवनियुक्त अधिकारियों का आगे का सफर जय हिंद के पहले शब्द ‘जेएआई’ से निर्देशित होगा।

उन्होंने कहा,‘‘ संयुक्तता का अर्थ है एक राष्ट्र और एक सेना के रूप में लड़ना, और आत्मनिर्भरता का अर्थ है भरोसेमंद मंच और प्रणालियां जो न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व के लिए भी बनाई गई हों। ’’
उन्होंने कहा कि नवाचार का अर्थ है दूरदर्शी सोच रखना और समय से आगे रहना।
उन्होंने कहा, ‘‘ये तीन स्तंभ भारत की युद्ध शक्ति के भविष्य को आकार देंगे।’’

जनरल चौहान ने कहा कि युद्ध और युद्धकला एक बड़ी क्रांति की दहलीज पर है। उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा बल बदलते परिवेश के अनुकूल बनने और सुधारों को आत्मसात करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि वे हमेशा तैयार और प्रासंगिक बने रहें।


https://ift.tt/Rmnyj1w

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *