भारत की आत्मनिर्भरता और वायुसेना की ढाल… एयरफोर्स डे का आकर्षण बनी आकाश मिसाइल

भारत की आत्मनिर्भरता और वायुसेना की ढाल… एयरफोर्स डे का आकर्षण बनी आकाश मिसाइल

पूरे भारत में आज 93 वां एयरफोर्स डे मनाया जा रहा है. इस मौके पर भारतीय वायुसेना हिंडन एयरबेस पर अपने 93 वें सालों का जश्न मना रही है. इस साल हिंडन एयरबेस पर लगे स्टैटिक डिस्प्ले में स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा. यही मिसाइल सिस्टम हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वायुसेना का सुरक्षा कवच बना था.

आकाश एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (Surface-to-Air Missile) है, जिसे DRDO ने भारत में ही बनाया है. इसका काम है आसमान में उड़ते दुश्मन के लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर या ड्रोन को मार गिराना है. भारत पाक संघर्ष में इसने अपना लोहा मनवाया था.

आकाश की खूबियां

  • यह मिसाइल सुपरसोनिक स्पीड से उड़ती है यानी आवाज से भी तेज, जिससे दुश्मन के पास बचने का मौका नहीं रहता.
  • इसके कई वैरिएंट हैं जिनकी रेंज अलग-अलग है. इसकी रेंज करीब 25 किलोमीटर से लेकर तक 70 से 80 किलोमीटर तक जाती है और यह एक बार में कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है.
  • इसे ट्रक या मोबाइल लॉन्चर से दागा जा सकता है, इसलिए इसे कहीं भी जल्दी से तैनात किया जा सकता है. इसमें लगा रडार सिस्टम एक साथ कई दुश्मन विमानों को पकड़ सकता है.

ऑपरेशन सिंदूर में भूमिका

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आकाश मिसाइल सिस्टम ने भारत के हवाई क्षेत्र की रक्षा की. इसने दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखी और भारतीय लड़ाकू विमानों को सुरक्षित माहौल में ऑपरेशन करने में मदद दी. यानी जब राफेल और सुखोई जैसी फाइटर जेट्स दुश्मन पर हमला कर रहे थे, तब पीछे से आकाश सिस्टम उनकी ढाल बना हुआ था. दुश्मन के किसी भी एरियल ऑब्जेक्ट को इसने भारत की सीमा में प्रवेश करने नहीं दिया.

क्यों है खास?

आकाश पूरी तरह भारत में बनी मिसाइल है और इसकी सफलता भारत की आत्मनिर्भर रक्षा तकनीक की मिसाल है. एयरफोर्स डे पर इसका डिस्प्ले इस बात का प्रतीक है कि अब भारत अपने आसमान की सुरक्षा खुद करने में पूरी तरह सक्षम है.

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