भारत और कनाडा ने ट्रेड डील के लिए फिर से बातचीत शुरू करने का ऐलान किया है। दो साल के कूटनीतिक तनाव के बाद अब दोनों देश व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए तैयार हुए हैं। यह फैसला जोहांसबर्ग में G20 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की द्विपक्षीय मुलाकात में लिया गया है। भारत सरकार ने कहा है कि दोनों देशों ने हाई-अम्बिशन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत शुरू करने का फैसला लिया है। 2030 तक ₹4.45 लाख करोड़ के व्यापार का लक्ष्य ऐलान के बाद कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार 50 बिलियन डॉलर( ₹4.45 लाख करोड़) तक ले जाने का लक्ष्य है। क्रिटिकल मिनरल्स, क्रिटिकल मिनरल्स प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी और न्यूक्लियर एनर्जी पर खास फोकस रहेगा। कनाडा यूरेनियम सप्लाई पर पहले से सहयोग कर रहा है। वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री कार्नी ने X पर लिखा कि हमने ऐसा समझौता शुरू किया है जो हमारे व्यापार को 70 बिलियन कनाडाई डॉलर से अधिक तक ले जा सकता है। 2 साल बाद कूटनीतिक संबंधों में सुधार दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता की शुरुआत मार्च 2022 में हुई थी। लेकिन 2023 में संबंध तब बिगड़ गए थे जब कनाडा ने भारत पर एक सिख अलगाववादी की हत्या में संलिप्तता का आरोप लगाया था जिसे भारत ने सख्ती से खारिज किया। इसके बाद ट्रेड वार्ता रोक दी गई थी। इसके बाद जून 2025 में G7 समिट के दौरान मोदी कार्नी मुलाकात से संबंधों में सुधार शुरू हुआ। अब G20 बैठक में औपचारिक रूप से व्यापार वार्ता की बहाली हो गई है। US के बाहर व्यापार बढ़ाना चाहता है कनाडा कार्नी ने घोषणा की है कि वह अगले दशक में कनाडा के गैर-US निर्यात को दोगुना करना चाहते हैं। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और कनाडा इसे बड़े अवसर के रूप में देखता है। कनाडा भारत व्यापार 2024 में 31 बिलियन कनाडाई डॉलर तक पहुंचा, हालांकि यह भारत के आकार की तुलना में अभी भी कम माना जाता है।
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