केरल के मशहूर हिल स्टेशन मुन्नार में इस बार पंचायत चुनाव चर्चा में है। इसकी वजह है कि यहां के नल्लत्थानी वार्ड से बीजेपी की उम्मीदवार का नाम सोनिया गांधी हैं। यह नाम भले कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष जैसा हो, लेकिन दोनों का आपस में कोई संबंध नहीं है। 34 साल की सोनिया गांधी मुन्नार की ही रहने वाली हैं। उनके पिता ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के नाम पर बेटी का नाम रखा था। फिर बेटी की शादी भाजपा नेता से की और पार्टी ने उन्हें वार्ड मेंबर का उम्मीदवार बनाया है। केरल में स्थानीय निकाय के चुनाव दो फेज में है। इसके लिए वोटिंग 9 और 11 दिसंबर को होगी। नतीजे 13 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। पिता ने कांग्रेस नेता से प्रभावित होकर नाम रखा सोनिया का जन्म 1991 में कांग्रेस समर्थक और स्थानीय मजदूर दुरे राज के घर हुआ था। दुरे राज कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से प्रभावित थे, इसलिए उन्होंने अपनी बेटी को भी वही नाम दे दिया। सोनिया की शादी बीजेपी नेता और पंचायत के जनरल सेक्रेटरी सुभाष से हुई। शादी के बाद सोनिया भी सक्रिय रूप से BJP की राजनीति से जुड़ गईं। सोनिया ने अपने पति और BJP कार्यकर्ता सुभाष के पदचिन्हों पर चलते हुए राजनीति में कदम रखा है। सुभाष फिलहाल पंचायत के जनरल सेक्रेटरी हैं और इससे पहले पुराने मुन्नार मूलक्कड़ा वार्ड के उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं। कांग्रेस उम्मीदवार के सामने चुनौती बढ़ी मुन्नार के नल्लत्थानी वार्ड में कांग्रेस उम्मीदवार मंजुला रमेश के सामने इस बार चुनौती कुछ अलग है। BJP प्रत्याशी सोनिया गांधी का नाम सुनते ही लोग चौंक जाते हैं और फिरचर्चा शुरू हो जाती है। चुनावी बैठक हो या घर-घर संपर्क अभियान उम्मीदवार का नाम ही सबसे पहले बातचीत का विषय बन रहा है। यही कारण है कि कांग्रेस को मुकाबले की हवा अलग तरह से महसूस हो रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नाम वोटिंग पैटर्न को कितना प्रभावित करेगा, कहना अभी मुश्किल है। लेकिन यह साफ है कि यह केवल एक सामान्य स्थानीय चुनाव नहीं, बल्कि एक ऐसा संयोग है जिसने मुन्नार की राजनीति को राज्यभर में चर्चा का विषय बना दिया है। केरल में 9-11 दिसंबर को वोटिंग केरल में स्थानीय निकाय चुनाव दो चरणों में हो रहे हैं। मतदान 9 और 11 दिसंबर को होगा, जबकि नतीजे 13 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हो रहे ये चुनाव सेमीफाइनल माने जा रहे हैं, इसलिए राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। कांग्रेस इन निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करना चाहती है, ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ LDF पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया जा सके। लेकिन BJP द्वारा “सोनिया गांधी” नाम की उम्मीदवार उतारने से कांग्रेस की रणनीति में नई चुनौती जुड़ गई है।
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