भागलपुर के गणपत राय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर, सैनिक स्कूल में गुरुवार को विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की तीन दिवसीय जिला केंद्र सशक्तिकरण बैठक शुरू हुई। बैठक की अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष रवीन्द्र कान्हरे ने की। इस दौरान छात्रों के सर्वांगीण विकास को शिक्षा का मूल उद्देश्य बताया गया। भोज विश्वविद्यालय, भोपाल के अवकाश प्राप्त कुलपति एवं विद्या भारती के अध्यक्ष रवीन्द्र कान्हरे, प्रदेश सचिव प्रदीप कुशवाहा और प्रधानाचार्य अमरेश कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। प्रथम सत्र में छात्रों को संबोधित करते हुए कान्हरे ने कहा कि आज के दौर में छात्रों को कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता विकसित करना भी आवश्यक है। रवीन्द्र कान्हरे ने बताया कि विद्या भारती के विद्यालयों का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के साथ संस्कार देना है। उन्होंने जोर दिया कि केवल विषय ज्ञान पर्याप्त नहीं है, बल्कि छात्रों में देशभक्ति, सामाजिक समरसता और अनुशासन जैसे सद्गुणों का विकास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विद्या भारती द्वारा सामान्य शिक्षा के साथ योग, शारीरिक शिक्षा, संस्कृत, संगीत, नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान की जाती है, जो आज की आवश्यकता है। 21वीं सदी के अनुरूप ए.आई. (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की शिक्षा, कोडिंग और स्किल डेवलपमेंट की भी शिक्षा दी जा रही है। संस्थान की योजना सभी जिला केंद्रों में मॉडल स्कूल खोलने की है। साथ ही, क्षेत्रीय एवं मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा देने की पहल की जा रही है। इस अवसर पर 17 जिलों के प्रधानाचार्य और समिति सदस्यों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, लक्ष्मी नारायण डोकानियां, विभाग प्रमुख सतीश कुमार सिंह, बांका जिला के जिला निरीक्षक ब्रह्मदेव प्रसाद, प्रोफेसर मधुसूदन झा, समिति सचिव उपेंद्र रजक, सुजीत कुमार, शशि भूषण मिश्र, शांतनु आनंद और विद्यालय के सभी आचार्य बंधु-भगिनी उपस्थित थे।
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