भागलपुर में दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेले का उद्घाटन 8 दिसंबर 2025 को जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने किया। यह मेला 8 से 9 दिसंबर 2025 तक चला। इस अवसर पर भागलपुर प्रमंडल के संयुक्त निदेशक भी उपस्थित रहे। मेले का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग, उनके लाभ और अनुदान योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान करना है। जिलाधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाइजेशन योजना के तहत 91 प्रकार के कृषि यंत्रों पर 40 से 80 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान है। 21 नवंबर 2025 को ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से 1,469 स्वीकृति पत्र जारी किए गए हैं। इस वर्ष भागलपुर जिले के लिए कुल 3,665 कृषि यंत्रों पर अनुदान देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। डॉ. चौधरी ने स्पष्ट किया कि इस वर्ष “अनुदान छोड़कर यंत्र उपलब्ध कराने” की पुरानी व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। अब किसान स्वीकृति पत्र मिलने के बाद पूरी राशि का भुगतान कर ऑनलाइन पंजीकृत आपूर्तिकर्ता से यंत्र खरीदेंगे। यंत्र के सत्यापन के बाद अनुदान राशि सीधे डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खाते में भेजी जाएगी। कृषि यंत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया अभी भी जारी है।एक अन्य महत्वपूर्ण पहल के तहत, जिलाधिकारी ने जिले के सभी थर्मल पावर प्लांट्स को निर्देश दिया है कि वे अपने ईंधन मिश्रण में 6-7 प्रतिशत कृषि अवशेष का उपयोग अनिवार्य रूप से करें। किसान धान, गेहूं, मक्का आदि फसलों के अवशेष एनटीपीसी को उपलब्ध कराकर उचित मूल्य प्राप्त कर सकेंगे। इस कदम से पराली जलाने की समस्या में कमी आएगी और खेत तथा पर्यावरण सुरक्षित रहेंगे।मेले के पहले दिन, 8 दिसंबर 2025 को, किसानों ने स्वीकृति पत्र के आधार पर पूर्ण राशि का भुगतान कर कई कृषि यंत्र खरीदे। इनमें 11 थ्रेसर, 75 मैनुअल किट, 1 पैडी थ्रेसर, 5 इलेक्ट्रिक पंप सेट, 18 पावर स्प्रेयर, 4 तेल मिल, 5 पावर वीडर, 4 चाराकल, 2 आटा मिल, 1 ब्रश कटर और 2 राइस मिल शामिल हैं।किसानों की सक्रिय भागीदारी से जिले में कृषि यांत्रिकरण को बढ़ावा मिल रहा है। इससे किसानों की उत्पादकता और आय में वृद्धि की संभावनाएं मजबूत हुई हैं।
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