भागलपुर में दिल्ली पुलिस भर्ती परीक्षा देने पहुंचे सैकड़ों अभ्यर्थियों को मंगलवार को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। तय समय पर परीक्षा केंद्र पहुंचने के बाद उन्हें ऑनलाइन एग्जाम सेंटर पर ताला लटका मिला, जिसके बाद अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया। दरअसल, पिछले शुक्रवार को ऑनलाइन एग्जाम सेंटर पर फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद पुलिस ने एग्जाम सेंटर को सील कर दिया था। मामला हबीबपुर थाना क्षेत्र के लाजपतनगर स्थित ऑनलाइन एग्जाम सेंटर अंग इंस्टीट्यूट से जुड़ा है। जानकारी के मुताबिक, ऑनलाइन एग्जाम सेंटर को सील किए जाने की जानकारी छात्रों को नहीं थी। इसके बाद, आज यानी 30 दिसंबर को बिहार, झारखंड और अन्य राज्यों से सैकड़ों परीक्षार्थी दिल्ली पुलिस की परीक्षा देने के लिए एडमिट कार्ड और निर्धारित शेड्यूल के अनुसार यहां पहुंचे थे। एग्जाम सेंटर के बाहर मौजूद अभ्यर्थियों की 3 तस्वीरें छात्र बोले- एग्जाम सेंटर बदलने या सील होने की नहीं थी जानकारी अभ्यर्थियों का आरोप है कि उन्हें परीक्षा रद्द होने, एग्जाम सेंटर के सील होने या फिर एग्जाम के किसी अन्य सेंटर पर ट्रांसफर किए जाने की पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी। छात्रों ने बताया कि जब हम लोग एग्जाम सेंटर के बाहर पहुंचे, तो वहां न कोई अधिकारी मौजूद था और न ही कोई गार्ड। ऑनलाइन एग्जाम सेंटर पूरी तरह बंद था और बाहर केवल एक सूचना चिपकाई गई थी, जिसमें ‘टेक्निकल इश्यू’ के कारण परीक्षा रद्द होने की बात लिखी थी। इस स्थिति से परीक्षार्थी आक्रोशित हो गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। छात्रों ने बताया कि कई परीक्षार्थी सैकड़ों किलोमीटर दूर से महंगे किराए पर यात्रा कर भागलपुर पहुंचे थे। कुछ ने होटल में ठहरने की व्यवस्था की थी, जबकि कुछ ने रिश्तेदारों के यहां रुकने का इंतजाम किया था। ऐन वक्त पर परीक्षा रद्द होने को उन्होंने सरासर अन्याय बताया। परीक्षार्थियों ने बोर्ड की लापरवाही के खिलाफ नारेबाजी की और इसे अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ करार दिया। परीक्षार्थियों ने मांग की कि बोर्ड जल्द से जल्द आधिकारिक बयान जारी करे, परीक्षा की नई तिथि घोषित करे और बाहर से आए छात्रों को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई की व्यवस्था करे। ऑनलाइन एग्जाम सेंटर को क्यों और कब किया गया था सील पिछले शुक्रवार को ऑनलाइन एग्जाम के बाद एक छात्र के अपहरण की सूचना पर पड़ताल कर रही पुलिस ने छात्र को बरामद करते हुए एग्जाम सेंटर में फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। पुलिस की जांच के दौरान एक संगठित अंतर-राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ था, जो प्रतियोगी परीक्षाओं में ऑनलाइन फर्जीवाड़ा कर रहा था। जांच में सामने आया कि एग्जाम सेंटर के आसपास एक्टिव सॉल्वर गैंग अभ्यर्थियों से 10 से 15 लाख रुपए तक वसूलते थे और बदले में उन्हें कंप्यूटर-आधारित परीक्षाओं (CBT) में पास कराने का वादा करते थे। गिरोह का असली सिस्टम तब खुलासा हुआ, जब अलीगढ़ से भागलपुर आए 19 साल के छात्र के कथित अपहरण की सूचना पुलिस को मिली। जांच में पता चला कि अपहरण असली नहीं था बल्कि यह भी गिरोह की ही एक सुनियोजित योजना थी, ताकि अभ्यर्थियों को डरा-धमका कर पैसे वसूले जा सके। खुलासे के बाद शनिवार को एग्जाम सेंटर को सील कर दिया गया था।
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