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भागलपुर में दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल एग्जाम के नाम पर अपहरण:2 लाख की फिरौती मांगी; कंप्यूटर हैक कर अभ्यर्थी को सवालों के जवाब बताते थे सॉल्वर

दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल बहाली एग्जाम देने के लिए उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से आए छात्र के किडनैपिंग की सूचना भागलपुर पुलिस को मिली। पुलिस ने तत्काल एक्शन लेते हुए ढाई घंटे के अंदर छात्र को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया। छात्र की बरामदगी के बाद इंटरस्टेट सॉल्वर गैंग का खुलासा हुआ, जो कई साल से बिहार के एग्जाम सेंटर को ठिकाना बनाकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों की प्रतियोगी परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों से 10 से 15 लाख रुपए की वसूली कर रहे थे। मामले की खुलासा तब हुआ जब भागलपुर पुलिस ने हबीबपुर थाना क्षेत्र के मुरारी यादव नाम के शख्स के मकान में छापेमारी की। इस दौरान छह अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर किडनैप किए गए 19 साल के छात्र करण सिंह को सकुशल बरामद कर लिया। भागलपुर पुलिस ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी। 24 दिसंबर की रात भागलपुर के SSP हृदय कांत को मिली थी किडनैपिंग की सूचना भागलपुर के एसएसपी हृदय कांत को 24 दिसंबर 2025 की रात करीब 9:35 बजे सूचना मिली कि उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के टप्पल थाना क्षेत्र के जलालपुर के रहने वाले छात्र करण सिंह का अपहरण हो गया है। परिजनों ने SSP को बताया कि करण दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा देने भागलपुर आया था। उसका परीक्षा केंद्र डाटवाट चौक स्थित अंग इंस्टीट्यूट था। छात्र के मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल्स, इनपुट पर ट्रेसिंग कर पहुंची पुलिस परिजनों के अनुसार, आरोपियों ने करण को अगवा कर 2 लाख रुपए फिरौती की मांग की थी। सूचना मिलते ही SSP के निर्देश पर सिटी एसपी और SDPO-2 के नेतृत्व में एक स्पेशल टास्क टीम गठित की गई। गठित टीम की ओर से छात्र के मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल्स और इनपुट के आधार पर ट्रेसिंग शुरू की। सूचना के बाद पुलिस टीम को जब छात्र का लोकेशन कन्फर्म हुआ तो छापेमारी टीम बुधवार की देर रात हबीबपुर थाना क्षेत्र के मुरारी यादव के मकान के पास पहुंची। जैसे ही पुलिस पहुंची, छह से सात युवक पुलिस को देखकर भागने लगे। संदेह गहरा होते ही पुलिस बल ने इलाके की घेराबंदी कर सभी को दबोच लिया। जब हिरासत में लिए गए युवकों से पूछताछ की गई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। जिस छात्र का किडनैप हुआ, वो भी सॉल्वर गैंग के संपर्क में था पकड़े गए युवकों में करण सिंह (19) भी शामिल है, जिसे अपहृत बताया गया था। वो उसी मकान में मौजूद मिला, जहां से फिरौती कॉल किए जा रहे थे। शुक्रवार को सिटी SP शुभांक मिश्रा न बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि छात्र को बहला-फुसला कर पहले सॉल्वर गैंग के संपर्क में लाया गया, फिर रकम नहीं देने पर अपहरण की स्क्रिप्ट रची गई। पकड़े गए आरोपी में नालंदा का सुमित (26) और गौतम कुमार (27), मुंगेर का बंटी (30), नीतीश कुमार (30) और अंकित कुमार(23), जबकि भागलपुर का शिवम् कुमार उर्फ भूषण (28) और अलीगढ़ का छात्र करण सिंह शामिल है। कैसे चलता था सॉल्वर और अपहरण का रैकेट? सॉल्वर और अपहरण गैंग के सदस्य पटना, भागलपुर, पूर्णिया जैसे शहरों के CBT (Computer Based Test) एग्जाम सेंटर्स को टारगेट करते थे। वे इन एग्जाम सेंटर में आने वाले इन्विजिलेटर और अंदर के कर्मचारियों से भी साठगांठ रखते थे। गैंग के सदस्य जिस दिन एग्जाम होता था, उस दिन सेंटर के बाहर घूमते थे। फिर टारगेट कर किसी छात्र को पकड़ते थे। वे अभ्यर्थी से वादा करते थे कि तुम्हें एग्जाम में पास करा देंगे, लेकिन इसके लिए पैसे लगेंगे। गैंग के सदस्य किस डिपार्टमेंट का एग्जाम है और अभ्यर्थी के हावभाव, उसके पहनावे और बातचीत के आधार पर 5 लाख से 25 लाख रुपए तक की डिमांड करते थे। जब अभ्यर्थी इसके लिए तैयार हो जाते थे तो सिक्योरिटी के लिए छात्र का एडमिट कार्ड या फिर अन्य पेपर गैंग बंधक के रूप में रख लेता था, फिर उसे अपने पेरेंट्स को कॉल कर पैसे भेजने की बात कहते थे। करण जब एग्जाम देने आया था, तो ये पूरा प्रोसेस उसके साथ भी हुआ। जब करण ने एग्जाम खत्म कर लिया तो उससे पैसे की डिमांड की गई। जब पैसे देने में आनाकानी करने लगा, तो उसे पेरेंट्स को कॉल कर 2 लाख रुपए भेजने की डिमांड की गई। करण के परिजन ने पुलिस को तत्काल इसकी जानकारी दी, जिसके बाद इस गैंग का पर्दाफाश हुआ। अब जानिए, एग्जाम में कैसे सॉल्वर गैंग सवालों के जवाब देते थे सिटी एसपी शुभांक मिश्र ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जब अभ्यर्थी गैंग के झांसे में आ जाता था, तो उसे भागलपुर के अंग इंस्टीट्यूट भेजा जाता था। यहां छात्र जैसे ही अंदर जाकर कम्प्यूटर स्टार्ट करता था, दूर बैठे गैंग के सदस्य एनी डेस्क एप्लिकेशन के जरिए उसके डेक्सटॉप या कंप्यूटर को हैक कर लेते थे। इसके बाद सॉल्वर गूगल या फिर चैट जीपीटी से पूछकर सारे सवालों के जवाब दे देते थे। SP ने आशंका जताई है कि इसमें CBT परीक्षा संचालित करने वाले कई केंद्र कर्मियों की मिलीभगत भी हो सकती है। जांच में पता चला है कि ये रैकेट कई महीनों से एक्टिव था। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं एमटीएस, पुलिस, अन्य सरकारी भर्ती परीक्षाओं के दौरान ये गिरोह सक्रिय होता था। एक ही जगह से कई उम्मीदवारों के प्रवेश पत्र, अंकपत्र और बैंक डॉक्यूमेंट बरामद होना इसे संगठित अपराध की ओर इशारा करता है। सॉल्वर और अपहरण गैंग का सरगना फरार सिटी SP शुभांक मिश्र ने बताया कि सॉल्वर और अपहरण गैंग का सरगना फिलहाल फरार है। उसकी पहचान कर ली गई है, लेकिन उसकी तलाश की जा रही है। फिलहाल, गैंग ने किस-किस एग्जाम में फर्जी तरीके से कितने छात्रों को पास कराया है, कितने रुपए वसूले गए हैं, भागलपुर के अलावा किन-किन जिलों में गैंग का संपर्क ऑनलाइन एग्जाम सेंटर्स से था, इसकी जांच की जा रही है। सिटी एसपी ने बतायाकि पकड़े गए आरोपियों के पास से 24 एटीएम (जिसमें डेबिट और क्रेडिट कार्ड शामिल हैं), 9 एंड्रॉयड फोन, 1 कीपैड फोन, 1 मॉनिटर, CPU, कीबोर्ड, माउस दर्जनों छात्रों के प्रवेश पत्र, अंकपत्र, प्रमाण पत्र, चेकबुक, पासबुक, आधार, ड्राइविंग लाइसेंस 10 लाख रुपए लिखा चेक, क्वेश्चन पेपर सेट, डायरी बरामद किए गए हैं। इधर, हबीबपुर थाना कांड संख्या 223/25 के तहत भारतीय न्याय संहिता की गंभीर धाराओं के साथ आईटी एक्ट और Examination (Prevention of Unfair Means) Act 2024 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एसपी ने कहा कि बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंक को खाना जा रहा है परीक्षा केंद्र को दो दिन के अंदर सील कर दिया जाएगा, बाकी परीक्षा केंद्रों पर भी जांच होगी।


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