भागलपुर में लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। जिले के घाटों को पूजा पंडालों और रोशनी से सजाया गया है, साथ ही खतरनाक घाटों को सुरक्षित किया गया है। ऐतिहासिक चंपा नदी घाट पर भी विशेष व्यवस्था की गई है। नाथनगर सार्वजनिक पूजा समारोह समिति द्वारा 1983 से चंपा नदी घाट पर छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है। समिति नाथनगर केबी लाल रोड से लेकर चंपा नदी घाट तक रोशनी की व्यवस्था करती है और भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित की जाती है। नदी में बांस की बैरिकेडिंग भी की गई है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। जिला प्रशासन ने भी छठ व्रतियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। घाट के किनारे बनाए गए चेंजिंग रूम समिति के अध्यक्ष पप्पू यादव ने बताया कि यह राजा कर्ण की धरती है, जहां वर्षों पहले राजा कर्ण चंपा नदी में स्नान के बाद दान करते थे। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छठ पूजा के अवसर पर हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग मिलकर इस पर्व को मनाते हैं, जो सांप्रदायिक सौहार्द का एक उदाहरण प्रस्तुत करता है। चंपा नदी घाट पर महिलाओं के लिए कपड़े बदलने हेतु कमरे बनाए गए हैं और खतरनाक घाटों को दुरुस्त किया गया है। छठ व्रतियों के लिए कच्चे दूध की व्यवस्था भी की जाती है। पप्पू यादव, देवाशीष बनर्जी और भवेश यादव ने बताया कि 1983 से यहां भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित की जाती है। छठ माता को दो सूप चढ़ाए जाते हैं और खरना का प्रसाद घाट पर ही बनाकर पूजा-अर्चना की जाती है। उगते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर पर्व का समापन किया जाता है।
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