अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के नेता और टेक्सास संसद उम्मीदवार अलेक्जेंडर डंकन का चुनावी सफर शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया। उन्हें प्राइमरी चुनाव में जगह बनाने के लिए जरूरी समर्थन नहीं मिल सका। वह चुनाव में उम्मीदवार भी नहीं बन पाए। डंकन सुर्खियों में तब आए थे जब उन्होंने सितंबर में टेक्सास के शुगर लैंड स्थित श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर में लगी 90 फीट ऊंचे भगवान हनुमान को झूठे भगवान की झूठी प्रतिमा कहा था। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर लिखा था, टेक्सास में एक झूठे हिंदू देवता की झूठी मूर्ति को रखने की इजाजत क्यों दी जा रही है? हम ईसाई राष्ट्र हैं! डंकन के इस बयान से हिंदू समुदाय में भारी आक्रोश फैल गया। हजारों लोगों ने डंकन पर धार्मिक असहिष्णुता और हिंदू-विरोधी नफरत फैलाने का आरोप लगाया था। डंकन को पार्टी से निकालने की मांग हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने टेक्सास रिपब्लिकन पार्टी से डंकन के खिलाफ कार्रवाई करने और उन्हें पार्टी से निकालने की मांग की। संगठन ने कहा कि डंकन का बयान पार्टी के खुद के भेदभाव-विरोधी नियमों का उल्लंघन है और यह हिंदूओं के लिए उनकी नफरत को दिखाता है। फाउंडेशन ने अमेरिकी संविधान के प्रथम संशोधन का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी धर्म को मानने और उसकी पूजा की स्वतंत्रता हर अमेरिकी नागरिक को है। डंकन बोले- ईसाई के तौर पर सवाल उठा रहा था विवाद बढ़ने पर डंकन ने सफाई दी कि उनका इरादा हिंदू धर्म या हिंदुओं के खिलाफ कुछ भी कहना नहीं था, बल्कि वे सिर्फ एक ईसाई के तौर पर सवाल उठा रहे थे। उन्होंने लिखा, “अमेरिकी होने के नाते हमें सवाल पूछने में संकोच नहीं करना चाहिए। मैंने हनुमान जी की मूर्ति के बारे में जो कहा, वह हिंदू-विरोधी नहीं था, मैं तो बस पूछ रहा था कि जब कोई देश सच्चे ईश्वर से मुंह मोड़कर मनगढ़ंत मूर्तियों और देवताओं की पूजा करने लगता है तो क्या होता है।” डंकन के मैनेजर बोले- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल किया डंकन के कैंपेन मैनेजर ने भी उनके बचाव में उतरे और बोले कि डंकन ने कोई भेदभावपूर्ण नीति की वकालत नहीं की, सिर्फ अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल किया। विवाद इतना बढ़ गया कि डंकन को प्राइमरी बैलेट के लिए जरूरी हस्ताक्षर और समर्थन नहीं जुटा सके और उनकी उम्मीदवारी शुरू होने से पहले ही खत्म हो गई। इस घटना ने टेक्सास ही नहीं पूरे अमेरिका में धार्मिक स्वतंत्रता और राजनीति में धार्मिक कट्टरता के मुद्दे पर नई बहस छेड़ दी है। टेक्सास में भगवान हनुमान की 90 टन वजनी, 90 फीट ऊंची प्रतिमा अमेरिका के टेक्सास राज्य के शुगर लैंड में मौजूद श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर में भगवान हनुमान की 90 फीट ऊंची कांसे की मूर्ति है। इसे ‘स्टैच्यू ऑफ यूनियन’ कहा जाता है। यह भारत के बाहर हनुमानजी की सबसे ऊंची मूर्ति है। मूर्ति का वजन 90 टन है और इसे पांच धातुओं के मिश्रण से बनाया गया है। हनुमानजी को अभय मुद्रा में हाथ आगे करके और गदा के साथ दिखाया गया है। यह कमल के तख्त पर खड़ी है, जिसे हाथी की मूर्तियों से सजाया गया है। अमेरिका में यह तीसरी सबसे ऊंची मूर्ति है, जो स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (151 फीट) और फ्लोरिडा की पेगासस एंड ड्रैगन (110 फीट) के बाद आती है। मूर्ति की स्थापना के लिए 15 से 18 अगस्त 2024 को तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ था जिसमें हजारों लोग शामिल हुए थे। डंकन टेक्सास से अमेरिकी सीनेट के उम्मीदवार थे पुलिस डिपार्टमेंट में 13 साल काम करने का अनुभव रखने वाले अलेक्जेंडर डंकन ने टेक्सास से अमेरिकी सीनेट के लिए 2026 प्राइमरी में चुनाव लड़ रहे थे। वे सीन. जॉन कॉर्निन और अटॉर्नी जनरल केन पैक्सटन जैसे रिपब्लिकन नेताओं को चुनौती दे रहे थे। कैलिफोर्निया के वेलेंसिया में जन्मे डंकन ने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, इरविन से ग्रेजुएशन और नॉर्थ-ईस्टर्न यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन की है। खुद को एक पारिवारिक व्यक्ति बताने वाले डंकन अपने चुनावी अभियान में ‘अमेरिका फर्स्ट’ पर जोर दे रहे हैं। डंकन के मुताबिक उनका फोकस संवैधानिक अधिकारों की रक्षा, सीमित सरकार, मजबूत कानून व्यवस्था, सार्वजनिक सुरक्षा और अमेरिकी संप्रभुता को प्रभावित करने वाली नीतियों के विरोध पर है।
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