बेतिया में 17 दिसंबर 2025 को फरोग-ए-उर्दू कार्यशाला, सेमिनार और मुशायरे का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, उर्दू निदेशालय, बिहार पटना और जिला उर्दू भाषा कोषांग (जिला प्रशासन) पश्चिम चंपारण के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय प्रेक्षागृह में हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य उर्दू भाषा का संरक्षण, संवर्द्धन और नई पीढ़ी में इसके प्रति रुचि जागृत करना था। कार्यक्रम का उद्घाटन अपर समाहर्ता पश्चिम चंपारण श्री राजीव रंजन सिन्हा और जिले के अन्य पदाधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर जिला अल्पसंख्यक पदाधिकारी अब्दुल रशीद, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी राकेश कुमार और अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी मासूम अली अंसारी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अपने संबोधन में अपर समाहर्ता सिन्हा ने कहा कि जिला प्रशासन उर्दू भाषा के विकास के लिए लगातार प्रयासरत है और जिले में उर्दू भाषा निरंतर प्रगति कर रही है। बिहार उर्दू कमेटी के सदस्य असलम हक्की ने जानकारी दी कि बिहार सरकार उर्दू के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न विभागीय कार्यक्रमों का नियमित आयोजन कर रही है। प्रभारी पदाधिकारी जिला उर्दू भाषा कोषांग बेतिया, मो. आफताब अंसारी ने अतिथियों को गुलदस्ता भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन बेतिया प्रखंड के उर्दू अनुवादक मो. मोहीउद्दीन अशरफी ने किया। उन्होंने अपनी शायरी और प्रभावी संचालन से श्रोताओं को आकर्षित किया। कार्यशाला और सेमिनार सत्र में अजीम इक़बाल, मो. जाकिर और शमीम कमर रेयाजी ने आलेख प्रस्तुत किए। नूर आलम, मुजाहिदुल इस्लाम और प्रो. शफी अहमद ने डेलीगेट्स के रूप में अपने विचार साझा किए। छात्र-छात्राओं ने भी इस सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया और अपने आलेख प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में मुशायरे का आयोजन किया गया। इसमें हसन इमाम कासमी, आज़ाद अजहर, आकांक्षा अनुभूति, अख्तर हुसैन अख्तर सहित कई शायरों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। अंत में मो. आफताब अंसारी ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया।
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