DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

‘बेटे के बाद मुझे मारना चाहता था,एनकाउंटर में जख्मी हुआ’:बेटे की हत्या के आरोपी के एनकाउंटर पर पिता बोले- धमकी दी थी, गवाही देने नहीं देंगे

‘2 सितंबर 2022 की वह रात हमारे पूरे परिवार के लिए अंधेरी रात के रूप में दर्ज हो गया, जब पड़ोस के ही बदमाशों ने मेरे दो बेटे को भून डाला। जिसमें छोटे बेटे अवनीश की मौत हो गई, जबकि बड़ा बेटा रजनीश कई महीने जिंदगी मौत से जूझने के बाद किसी तरह से बच गया। अब शिवलोचन के कहने पर शिवदत्त हमारी जान लेना चाहता है।’ तेघड़ा प्रखंड के धनकौल पंचायत की सरपंच बनहारा की रहने वाली मीना देवी के पति सुबोध राय ने ये बातें कही। दरअसल, मीना देवी के बेटे अवनीश कुमार की 2 सितंबर 2022 की रात ट्रैक्टर लूट का विरोध करने पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शुक्रवार की रात साहेबपुर कमाल के थाना क्षेत्र के शालिग्रामी में अवनीश की हत्या का आरोपी शिवदत्त राय पुलिस एनकाउंटर में घायल हो गया। इस घटना के बाद सुबोध राय ने दैनिक भास्कर से बातचीत की। अवनीश हत्याकांड में क्या हुआ था, पुलिस ने तब क्या कार्रवाई की थी, पूरी घटना क्या थी, हत्याकांड के आरोपी को एनकाउंटर के बाद पकड़े जाने पर अवनीश के माता-पिता का क्या कहना है? पढ़ें पूरी रिपोर्ट… दैनिक भास्कर से बात करते हुए अवनीश के पिता सुबोध राय ने बताया, मुझे करीब डेढ़ महीने से आशंका थी कि मेरे बेटे की गोली मारकर हत्या करने वाला शिवदत्त अपने गिरोह के सरगना शिवलोचन उर्फ लुस्की के कहने पर मेरी हत्या की साजिश रच रहा है। हमको गवाही देने से रोकने की कोशिश कर रहा था। धमकी भी दी थी कि जान से मार देंगे। वह हमको मारने के लिए ही हथियार खरीदने गया था। लेकिन एनकाउंटर में घायल हो गया है। शनिवार की सुबह मुझे पता चला कि हथियार फैक्ट्री के नजदीक पहुंचे शिवदत्त राय पुलिस से एनकाउंटर में घायल हो गया। उसके पास से कार्बाइन पकड़ा गया है, तो मैं चौंक गया और तत्काल अपने घर का दरवाजा बंद कर लिया। सबसे पहले जानिए, अवनीश की हत्या के दो कारण दरअसल, सुबोध राय ने कुछ साल पहले खेती-किसानी के लिए 3 ट्रैक्टर खरीदा था। इन तीनों ट्रैक्टर से न केवल अपने गांव बल्कि आसपास के किसानों का खेत भी जोता करते थे। पड़ोस के ही रहने वाले बदमाश शिवलोचन राय ने भी ट्रैक्टर खरीदा, लेकिन कोई किसान उसके ट्रैक्टर को किराए पर नहीं लेते थे। ये सब देख शिवलोचन गुस्से में रहता था। इसके अलावा, 2021 के पंचायत चुनाव में लोगों ने सुबोध राय की पत्नी मीना देवी को सरपंच चुन लिया। इससे शिवलोचन सुबोध राय के परिवार से बैर रखने लगा। जुलाई 2022 में सुबोध राय का एक ट्रैक्टर रात में दरवाजे पर से चोरी हो गया तो उन्होंने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस उस ट्रैक्टर को खोज ही रही थी कि 2 सितंबर 2022 को बड़ी घटना हो गई। रात में करीब 11 बजे सुबोध राय के परिवार के सदस्य खाना खाकर अपने-अपने कमरे में थे। सुबोध राय और उनकी पत्नी सरपंच पत्नी मीना देवी घर में टीवी देख रही थी, तो बेटा अवनीश और रजनीश भी अपने-अपने कमरे में पत्नी-बच्चे के साथ बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान शिवलोचन राय अपने सहयोगी शिवदत्त राय समेत अन्य बदमाशों के साथ सुबोध राय के दरवाजे पर पहुंच गया और जबरन उनका ट्रैक्टर ले जाने लगा। बड़ा बेटा रजनीश बाहर निकला तो बदमाशों से उसकी बहस हो गई। आवाज सुनकर छोटा बेटा अवनीश घर से बाहर निकाल और ट्रैक्टर ले जाने का विरोध किया। जिसमें दोनों पक्ष में बहस होने लगी, इसी बीच शिवदत्त ने ताबड़तोड़ गोली चलानी शुरू कर दी। फायरिंग में गोली लगने से अवनीश और रजनीश जमीन पर गिर गए। उधर, फायरिंग की आवाज के बाद सुबोध राय दौड़कर पहुंचे और एक बदमाश को पकड़ने का प्रयास किया तो बदमाश ने बंदूक से हाथ पर हमला कर दिया। थोड़ी ही देर में जब गांव के लोग सुबोध के घर की ओर दौड़े तो बदमाश वहां से भाग गए। बेगूसराय के निजी अस्पताल में अवनीश को डॉक्टरों ने मृत बताया सुबोध राय ने तुरंत तेघड़ा डीएसपी को सूचना दी। मौके पर पुलिस पहुंची सभी को बेगूसराय के निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने अवनीश को मृत घोषित कर दिया, जबकि रजनीश पेट में गोली लगने के कारण लंबे समय तक अस्पताल में जिंदगी मौत से जूझता रहा। इस मामले में सरपंच पति सुबोध राय के आवेदन पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू हुई। लेकिन अपराधी पकड़े नहीं जा रहे थे। सुबोध राय ने बताया कि बदमाश चाहते थे कि हम लोग उनसे डर जाएं। लेकिन अपने बेटे को खोने के बाद भी मैं किसी कीमत पर झुकने को तैयार नहीं था। इसी बीच, एक बार फिर 18 अगस्त 2023 की सुबह बदमाशों ने फिर ताबड़तोड़ गोलीबारी कर दी, जिसमें मैंने किसी तरह घर के अंदर जाकर अपनी जान बताई। इसके बाद पुलिस एक बार फिर एक्टिव हुई और मुख्य आरोपी शिवलोचन राय, शिवदत्त राय और सुशील राय पर इनाम घोषित कर दिया। 2024 में शिवलोचन, सुशील कुमार दिल्ली-यूपी बॉर्डर से हुए थे गिरफ्तार 2024 में शिवलोचन राय एवं सुशील कुमार को यूपी-दिल्ली बॉर्डर इलाके से गिरफ्तार किया गया। जबकि, शिवदत्त को 29 जनवरी 2025 को एसटीएफ और पुलिस की टीम ने गाजियाबाद से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार कर उसे बेगूसराय जेल भेज दिया गया। लेकिन वह 1 साल भी जेल में नहीं रहा। उसके गिरोह के सरगना शिवलोचन ने काफी कोशिश कर उसे बेल पर बाहर निकलवा दिया। अब 10 दिसंबर से मामले में गवाही शुरू होनी है तो सुबोध की हत्या का प्लान बनने लगा, जिससे गवाही नहीं हो सके। लेकिन इससे पहले ही एनकाउंटर में शिवदत्त घायल होकर पुलिस हिरासत में पहुंच चुका है। गांव में उसके संबंध में कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। दैनिक भास्कर जब शिवदत्त के बनहारा गांव पहुंची तो सड़क पर इक्के-दुक्के लोग दिखे। लेकिन कोई भी न तो शिवदत्त का घर बताने के लिए तैयार हुआ और न ही उसके संबंध में किसी भी तरह की बात करने के लिए तैयार हुए। अवनीश की हत्या के बाद सुबोध राय ने रजनीश को परदेस भेजा सुबोध राय, उनकी सरपंच पत्नी मीना देवी सहित परिवार के सभी लोग छोटे बेटे की हत्या से इतने सदमे में आ गए कि बड़ा बेटा इलाज के बाद किसी तरह ठीक हुआ तो उसे गांव में रखना बंद कर दिया। पत्नी और बच्चों के साथ उसे परदेस भेज दिया, रजनीश परदेस में काम कर परिवार के साथ वहीं रह रहा है। इधर, अवनीश की पत्नी पूजा अपने 8 वर्षीय बेटी अदिति, 6 वर्षीय बेटी आरोही और पौने तीन साल के बेटे ओम जी को लेकर गांव में ही सास-ससुर के साथ रह रही है। पूजा की स्थिति ऐसी है कि वह कुछ बोलने से असमर्थ हो गई। उससे बात करने की कोशिश की लेकिन वह गुमसुम होकर चुपचाप देखती रही। न किसी से ठीक से बात करती है न सही से खाना खाती है। सिर्फ अपने बच्चों को देखकर जी रही है। पति की मौत के चार माह बेटा पैदा हुए बेटा को गोद में लेकर घर का कामकाज करने के अलावा एक-दूसरे को देखती रहती है। नौरंगा जलालपुर के कुख्यात सोनू-मोनू का रिश्तेदार है शिवलोचन सुबोध राय के घर से करीब 200 मीटर की दूरी पर उनके ही गोतिया रामशरण राय और राज किशोर राय का घर है। रामशरण राय का बेटा शिवलोचन उर्फ लुस्की गांव में ही खेतीबाड़ी किया करता था। उसके फुआ की शादी बाढ़ के नौरंगा जलालपुर गांव में कुख्यात अपराधी सोनू-मोनू के परिवार में हुई थी। शिवलोचन बराबर अपने फुआ के यहां जाता था तो उसकी मुलाकात सोनू-मोनू से हो गई। इलाके में सोनू-मोनू वर्चस्व और उसके हथियारों को देखकर शिवलोचन भी धीरे-धीरे अपराध जगत की ओर मुड़ गया और अपना गिरोह बना कर हत्या, लूट, रंगदारी की वारदात करने लगा। शिवलोचन के अपराध की दुनिया को देखकर उसका अपना भाई सुशील और चाचा राज किशोर राय का लड़का शिवदत्त भी अपराध की ओर मुड़ा और उसी के गिरोह में काम करने लगा। शिवलोचन और सुशील राय पहले से जेल में हैं सरपंच मीना देवी बताती है कि जिस दिन मेरे बेटे अवनीश की हत्या हुई, हम लोग अपने-अपने कमरे में थे। सोने की तैयारी में थी। इसी दौरान शिवलोचन एवं शिवदत्त समेत बदमाश आए और ट्रैक्टर ले जाने लगे। ट्रैक्टर का हार्न भी बजा था, लेकिन पंखा चलाए हुए थे, इसलिए कुछ पता नहीं चला। रजनीश बाहर निकला और आवाज सुनकर अवनीश भी बाहर आ गया। हम लोग रोकते रहे, तब तक दोनों भाई बदमाशों से भिड़ गए। शिवदत्त ने बड़े बेटे रजनीश के पेट में गोली मार दी, जब रजनीश की ओर अवनीश बढ़ा तो अवनीश को भी बदमाशों ने गोली मार दी। मेरे पति गए तो उन पर हमला करके हाथ तोड़ दिया। हम लोगों को काफी डर लग रहा है, पता नहीं कब क्या हो जाएगा। हम सरपंच हैं, लोगों को सही न्याय देते हैं, लेकिन मेरा सब कुछ इन लोगों ने बर्बाद कर दिया। बेटा को मारने के बाद 2023 में मेरे पति को भी मारने के लिए आया, गोली चलाया। लेकिन किसी तरह जान बच गई। ऐसे लोग कभी विश्वासी नहीं हो सकते, कभी कुछ कर सकते हैं। यह लोग जेल में भी रहेगा तो इसके गुर्गे बाहर हैं, कुछ भी करवा सकते हैं। हालांकि, शिवलोचन और सुशील राय पहले से जेल में हैं। ‘जेल से बाहर आकर शिवदत्त गवाही देने से रोकने की कोशिश कर रहा था’ सुबोध राय के मुताबिक, शिवदत्त जेल से निकलकर करीब डेढ़ महीना पहले बाहर आया और हमको गवाही देने से रोकने की कोशिश कर रहा था। धमकी भी दी थी कि जान से मार देंगे। कल शाम भी वह हमको मारने के लिए ही हथियार खरीदने गया था। लेकिन एनकाउंटर में घायल हो गया है। शिवलोचन पर 11 केस हैं, डीएसपी पर भी मामला किया था। हम लोगों की जान को खतरा है, वह कंप्रोमाइज करने के लिए कह रहा है। लेकिन हम कंप्रोमाइज करने के लिए तैयार नहीं हैं, उसने दी दिया है की गवाही देने नहीं देंगे, उससे पहले ही मरवा देंगे। हो सकता है कि कभी भी मेरी हत्या करवा दे। बेटे की हत्या के बाद पुलिस द्वारा बॉडीगार्ड दिया गया है, वह हमेशा मेरे साथ रहते हैं। वहीं, नाम नहीं छापने की शर्त पर एक ग्रामीण ने बताया कि सरपंच मीना देवी के पति सुबोध राय का गांव के ही अपराधी से करीब 25 वर्षों से विवाद चल रहा है। 8 फरवरी 2001 को सुबोध राय के मंझले भाई रामाधार राय की गोली मारकर हत्या धनकौल में एक दवा दुकान पर कर दी गई थी। 2002 में उनके बड़े भाई जनार्दन राय एवं चचेरे भाई सुधीर राय की भी हत्या अपराधियों ने कर दी थी। जून 2022 में अपराधियों ने सुबोध राय के मंझले भाई स्व. रामाधार राय के पुत्र अजय राय की ट्रैक्टर चोरी कर ली थी। इसके बाद यह घटना हुई है।


https://ift.tt/DCcB1Mq

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *