संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से द प्लेयर्स एक्ट द्वारा दिनकर कला भवन में आयोजित चतुर्थ राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव रंग उत्सव के पांचवें और अंतिम दिन आयोजन के समापन दिवस पर न्यू एज थिएटर बेगूसराय की नाट्य प्रस्तुति ‘आषाढ़ का एक दिन’ का मंचन किया गया। मदन मोहन गुगलानी उर्फ मदनमोहन राकेश उर्फ मोहन राकेश उर्फ राकेश की ओर से लिखित आषाढ़ का एक दिन एक युगांतरकारी रचना है। जिसे हिंदी का पहला आधुनिक नाटक भी माना जाता है। यह कृति महाकवि कालिदास के व्यक्तिगत जीवन, उनकी रचनात्मकता और उनकी प्रेमिका मल्लिका के निःस्वार्थ प्रेम के जटिल संघर्षों पर आधारित है। उनके काव्यों की नायिका हमेशा मल्लिका ही रही। यह प्रसिद्ध कवि कालिदास के जीवन का किस्सा है, तब का जब वह प्रसिद्ध नहीं थे। हिंदी नाटकों की यात्रा में आषाढ़ का दिन एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। प्रस्तुत नाटक में कालिदास और मल्लिका के साथ विलोम भी एक पात्र है। जिसे नाटक का खलनायक कह सकते हैं। यह कालिदास से भी अधिक विकसित पात्र है। नाटक में मल्लिका की मां अंबिका और कालिदास का मामा मातुल है, दोनों ही बुजुर्ग पात्र है। वे नाटक के दो तरुण पात्रों के अभिभावक हैं। दोनों ही अपने-अपने बच्चों से निराश हैं, फिर भी दोनों एक दूसरे से विपरीत हैं। यह उनके स्वभाव, व्यवहार, बोलचाल, भाषा और संस्कारों में दिखाई देता है। ऐसी ही विरुपता मल्लिका और प्रियंगुमंजिरी के बीच में दिखाई देती है। मंच पर अंबिका- अंकिता कुमारी, मल्लिका- सत्यकेती, कालिदास- कुंदन कुमार, मातुल- नवीन कुमार, दंतुल- मृणाल गौतम, निक्षेप- अमन कुमार शर्मा, विलोम-सचिन कुमार, अनुस्वार- दिलीप कुमार, अनुनासिक- भिखारी राम, प्रियंगुमंजरी- कविता कुमारी ने जीवंत अभिनय किया। वस्त्र विन्यास अंकिता कुमारी एवं सचिन कुमार, रूप सज्जाकार अमन कुमार शर्मा एवं अंकिता कुमारी तथा वरिष्ठ रंग निर्देशक अवधेश की मंच परिकल्पना तथा जयप्रकाश, सिकंदर शर्मा, भिखारी राम एवं दिलीप कुमार के मंच निर्माण, गुंजन सिन्हा की प्रकाश परिकल्पना एवं संचालन तथा सौरभ कुमार के संगीत ने प्रस्तुति को भव्यता और गहनता प्रदान की। मंचन से पहले मुख्य अतिथि नाट्य निर्देशक अवतार साहनी, संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के उप सचिव सुमन कुमार, पूर्व मेयर उपेन्द्र प्रसाद सिंह, रिफाइनरी के ईडी सत्य प्रकाश, बीजेपी के पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष राज किशोर सिंह, बीआरके सिंह राजू, समीर शेखर, आचार्य सुदामा गोस्वामी तथा कला संस्कृति पदाधिकारी श्याम कुमार सहनी ने दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। मंचन के बाद रंगकर्म के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए अवतार साहनी को भारतेंदु राष्ट्रीय रंग सम्मान एवं सुमन कुमार को विनय चन्द्र वर्मा राष्ट्रीय कला सम्मान दिया गया। दोनों को पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह, प्रशस्ति पत्र एवं सम्मान राशि 11 हजार प्रदान किया गया है। मौके पर आशीर्वाद रंगमंडल के डॉ. अमित रौशन, आकाश गंगा के डॉ. कुंदन कुमार, बाल रंगमंच के ऋषिकेश, सुरभि के अजय भारती, रिवाइवल के अभीजीत मुन्ना, कलाजगत के धीरज कुमार, अभिनेता अमिय कश्यप एवं फेस्टिवल डायरेक्टर चंदन कुमार सोनू उपस्थित थे।
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