वित्त मंत्रालय भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग निर्देशों पर भारतीय रिजर्व बैंक सहित अन्य वित्तीय विनियामक संस्थाओं की मदद से एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ है। अनक्लेम्ड वित्तीय परिसंपत्तियों को उनके सही कानूनी स्वामियों या उनके उत्तराधिकारियों तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रवादी अभियान आपकी पूंजी-आपका अधिकार शुरू किया गया है। बेगूसराय के यूको आरसेटी में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिला प्रबंधक प्रशांत कुमार मिश्रा ने बताया कि इस अभियान के तहत ऐसे लोग, संस्था या विभाग जो अपने पुराने बैंक खाते में पैसा जमा करके भूल गए हैं, उनके पैसों को उन्हें वापस दिलाने में भारतीय रिजर्व बैंक और सभी संबंधित बैंक मदद करेगा। बैंकों के निष्क्रिय खाते (2 साल से ज्यादा और 10 साल तक असक्रिय) में जमा पैसे या दावा न की गई, जमा राशि (10 साल से ज्यादा) को भारतीय रिजर्व बैंक के डीईए फंड में ट्रांस्फर कर दिया जाता है। खाताधारक या उनके कानूनी वारिस उसे कभी भी वापस ले सकते हैं। इसी के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। केवाईसी दस्तावेजों के साथ फॉर्म जमा करें भारतीय रिजर्व बैंक पटना के अधिकारी सौरभ मल्लिक ने जानकारी दी। इन्होंने बताया कि अदावाकृत खाताधारक, नामिती या उनके वारिस बैंकों में जमा ऐसी पूंजी को वापस हासिल करने के लिए संबंधित बैंक कि किसी भी शाखा में जाकर, भले ही वह उनकी नियमित शाखा न हो केवाईसी दस्तावेजों के साथ फॉर्म जमा करें। सत्यापन के बाद उनका पैसा ब्याज सहित उनके खाते में वापस किया जाएगा। जिला उद्योग केंद्र बेगूसराय के महाप्रबंधक सह एसडीसी (बैंकिंग) ज्ञानेश्वरी ने शिविर में उपस्थित लोगों इस अभियान के संदेश को अपने सभी परिचितों तक पहुंचाने का आग्रह किया। उन्होंने सभी बैंकों के प्रतिनिधि को अभियान में जिला प्रशासन के सहयोग का भरोसा दिलाया। एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक विद्या भूषण ने बताया कि ज्यादातर पुराने निष्क्रिय खाते ऐसे हैं, जहां खाताधारक की पहचान करना। उन तक या उनके आश्रितों तक पहुंचना चुनौती भरा काम है। मिशन मोड में काम कर रहा शाखा फिर भी सभी शाखा और क्षेत्रीय कार्यालय इस संबंध में मिशन मोड में काम कर रहा है। मृत खाताधारकों के कानूनी वारिसों तक पहुंच कर दावा प्रक्रिया को पूर्ण कर उनकी राशि उन्हें वापस लौटाई जा रही है। सरकारी खातों के दावा निपटाने के लिए उन्होंने जिला प्रशासन से और अधिक सहयोग की अपेक्षा जताई। नाबार्ड के डीडीएम आभा ने बिहार ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंक से संबंधित चर्चा की। अग्रणी जिला प्रबंधक प्रशांत कुमार मिश्रा ने बताया कि बेगूसराय के विभिन्न बैंकों में 194212 खातों में 78 करोड़ रुपए की राशि दावा रहित है, जो भारतीय रिज़र्व बैंक के जमा शिक्षा और जागरूकता कोष में अंतरित हो चुकी है। ऐसे 29649 खाते भारतीय स्टेट बैंक में हैं, जिसमें कुल राशि 23.36 करोड़ रुपए हैं। 46817 खाते पंजाब नेशनल बैंक के 46817 में जिसमें 10.18 करोड़ रुपए हैं। यूको बैंक के 55401 खाते में 22.71 करोड़ रुपए हैं। 16566 खाते में 6.68 करोड़ रुपए इंडियन बैंक के 16566 खाते में 6.68 करोड़ रुपए हैं। बैंक ऑफ इंडिया के 12986 खाते में 3.20 करोड़ रुपए हैं। बैंक ऑफ बड़ोदा के 11356 खाते में 4.25 करोड़ रुपए हैं। केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक, यूनियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, एक्सिस, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, आईडीबीआई, कोटक महिंद्रा, ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंक में ऐसी राशि है। अभियान शुरू होने के बाद अब तक विभिन्न खाताधारकों या उनके वारिसों को करीब 4 करोड़ रुपए लौटाए जा चुके हैं। यह अभियान 31 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें बैंकों की ओर से ऐसे लोगों तक पहुंचने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। जिससे अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान का फायदा पहुंचाया जा सके। मौके पर यूको बैंक के मुख्य अंचल प्रबंधक प्रमोद कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।
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