लालू और राबड़ी के सपनों का नया घर एक बार फिर सुर्खियों में है। पटना का 10 सर्कुलर रोड आवास जैसे-जैसे खाली हो रहा है, नया घर चर्चा में आ रहा है। लंबे समय तक बिहार की सत्ता संभालने वाला परिवार पहली बार पटना में अपने घर में जाएगा। अब सवाल ये है कि जिस परिवार के पास बिहार की सत्ता थी, वह शहर की चकाचौंध से दूर घर क्यों बना रहा। यह घर कैसा होगा? कितना खास होगा? लालू परिवार नए घर में कब शिफ्ट होगा? ऐसे कई सवालों का जवाब ढूंढने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने पूरी पड़ताल की है। पढ़िए और देखिए महुआ बाग में बन रहे लालू और राबड़ी के सपनों के नए घर की पूरी कहानी..। 30 फिट ऊंची बाउंड्री और वेस्टर्न स्टाइल वाली हवेली पटना के 10 सर्कुलर रोड से लगभग 5 किलोमीटर दूरी पर बन रहा लालू राबड़ी का नया आवास वेस्टर्न स्टाइल की हवेली है। हर तरफ बड़े-बड़े विंडो के साथ दीवारें काफी मोटी- मोटी हैं। सुरक्षा का तो ऐसा खाका खींचा जा रहा है, कि जेल से भी कड़ी निगहबानी में परिवार के लोग सुरक्षित रह सकेंगे। पटना का यह पहला ऐसा आवास होगा जिसकी बाउंड्री बेउर जेल ही नहीं देश की कई बड़ी जेलों से ऊंची है। बाउंड्री की उंचाई 30 फिट से भी ज्यादा है। हवेली पूरी तरह से बनकर तैयार है, चारों तरफ से बाउंड्री से कवर है। हालांकि अभी सिर्फ स्ट्रक्चर तैयार हुए हैं, अब फिनिशिंग का काम शुरू हो रहा है। लगभग साढ़े 3 बीघा जमीन में बन रहे घर को और बड़ा बनाने के लिए लालू परिवार आसपास की जमीनों को भी लेने की कोशिश में है। भास्कर की पड़ताल में यह बात भी सामने आई है कि लालू के घर के बगल की ही एक जमीन को लेकर घर के एरिया को और बढ़ाने की तैयारी है। साढ़े 3 बीघा वाली आलीशान हवेली लालू और राबड़ी का नया घर अपने आप में ऐतिहासिक है। लगभग साढ़े 3 बीघा जमीन पर बन रहे घर में 5 कट्ठा में निर्माण कार्य हो रहा है। बाकी जमीन को खुला छोड़ा गया है जो हवेली जैसा लुक दे रही है। अंदर फार्महाउस जैसा लुक है, जिसमें कई कमरे और एक बड़ा हॉल है। लगभग 5 साल से बन रहे घर को पूरी तरह तैयार होने में अभी 6 महीने से एक साल का समय लग सकता है। पूरा ढांचा आधुनिक शैली में, मजबूत ढलाई और ऊंची बाउंड्री के साथ तैयार किया जा रहा है। काम करने वाले अधिकतर मजदूर और कारीगर बाहर के हैं। कई कारीगर दिल्ली के हैं। स्थानीय लोग बताते हैं, लालू और राबड़ी अक्सर निर्माण कार्य देखने आते हैं। लालू के नए घर में स्थानीय लोगों की एंट्री बैन लालू के नए घर में स्थानीय लोगों की एंट्री पर पूरी तरह से बैन है। लालू और राबड़ी के इजाजत के बगैर किसी भी बाहरी की एंट्री नहीं होती है। मजदूर और कारीगर भी वही प्रवेश कर पाते हैं जिसकी अनुमति ऊपर से होती है। घर की सुरक्षा को लेकर एक कर्मचारी को लगाया गया है जो मेन गेट में तालाबंद कर हमेशा अंदर ही रहता है। उसे भी बाहरी या स्थानीय लोगों से मिलने जुलने या फिर बातचीत करने की इजाजत नही है। आसपास के लोगों का कहना है कि घर का स्ट्रक्चर लगभग तैयार हो चुका है, अब फिनिशिंग और डेंट-पेंट जैसे काम में भी बाहर के कारीगर को लगाया गया है। लगभग 30 फीट ऊंची दीवारों से घिरे इस विशाल परिसर में बाहर के कारीगरों की आवाजाही रहती है, लेकिन अंदर क्या हो रहा है। यह किसी को पता नहीं लगता। गांव के लोगों को बस इतना पता है, फार्महाउस जैसा बना है…सब दिल्ली वाले कारीगर लगे हैं। भास्कर की टीम जब लालू राबड़ी के नए घर की पड़ताल में पटना के महुआ बाग पहुंची तो यहां चारों तरफ से लगभग 30 फिट ऊंची बाउंड्री दिखी। मेन गेट में ताला बंद था और अंदर एक चौकीदार देखरेख कर रहा था। आवाज लगाने के बाद भी वह हमारी आवाज को अनसुना कर रहा था। पास में ही हमारी मुलाकात स्थानीय निवासी गोलू से हुई। रिपोर्टर – यह सरकारी भवन है क्या? गोलू – नहीं, यह लालू जी का आवास बन रहा है। रिपोर्टर – अच्छा, जो बिहार सीएम थे वही लालू जी ना? गोलू – हां, तेजस्वी यादव के पिता। रिपोर्टर – बड़ा लंबा-चौड़ा बन रहा है। गोलू – हां, 3 से साढ़े 3 बीघा में बन रहा है। रिपोर्टर – बहुत बड़ा बन रहा है, बाउंड्री तो जेल से ऊंची है। गोलू – हां, पांच साल से बन रहा है, धीरे-धीरे काम होता रहता है। रिपोर्टर – बाउंड्री बहुत मजबूत दिख रही है? गोलू – ईंट की दीवार नहीं है, पूरी छड़ की ढलाई की गई है। रिपोर्टर – अंदर गए हैं कि नहीं? गोलू – कोई नहीं जा सकता है अब अंदर। रिपोर्टर – अंदर से कैसा बना है? गोलू – पूरा फार्महाउस टाइप का बन रहा है। रिपोर्टर – कितने रूम होंगे? गोलू – अंदर 8 से अधिक रूम हैं, एक बड़ा हॉल है। हॉल से ही ऊपर जाने के लिए सीढ़ी है। गोलू से बात करते देख दूर खड़ी उसकी मां सुधा भी हमारे पास आई। वह पहले तो गोलू से हो रही हमारी बात सुनने में लगी थी, बाद में उसने बंगले के बारे में पूरी कहानी बताई। रिपोर्टर – इधर से जा रहा था, दूर से इतना बड़ा घर दिखा तो देखने आ गया। सुधा – बंगला बन रहा है, दिल्ली वाला बंगला। रिपोर्टर – इतना सुंदर दिखा, हमें लगा सरकारी बिल्डिंग है। सुधा – क्या सुंदर दिखेगा, अपने में जब फूट है तो सब सुंदरता झड़ गई है। रिपोर्टर – हमें तो लगता है लालू जी का घर बन रहा है, इसलिए इधर जमीन का रेट बढ़ गया होगा। सुधा – देखिए, इधर जमीन का रेट मत पूछिए, जमीन वाले से मुलाकात होगी तब समझिएगा। रिपोर्टर – अंदर से नहीं देखने देते होंगे? सुधा – जाइए, बोलिएगा लालू जी का घर देखने आए हैं देखने देंगे। रिपोर्टर – आपसे कभी बात हुई है कि नहीं? सुधा – हां, हुई थी, राबड़ी देवी जब बाउंड्री करा रही थीं तब हुई थी। बोली थीं आराम से रहिएगा। महुआ बाग में ही हमारी मुलाकात सुरेश से हुई। अन्य गांव वालों की तरह सुरेश ने भी बताया कि घर में जाने की इजाजत नहीं है। सुरेश ने लालू की हवेली के बारे में कई जानकारी दी। रिपोर्टर – यह लालू यादव का मकान है क्या? सुरेश – हां, वही है, लेकिन इसका दरवाजा आगे की तरफ है, पीछे का दरवाजा अब बंद कर दिया गया है। रिपोर्टर – कितने दिनों से बन रहा है? सुरेश – 5 साल से बन रहा है। रिपोर्टर – लालू और राबड़ी आते हैं कि नहीं? सुरेश – रोज़ घर देखने आते हैं। रिपोर्टर – आप लोग अंदर गए हैं कि नहीं? सुरेश – अंदर नहीं जाने देते। ऊपर से ही देखा है, अच्छा घर दिखता है। रिपोर्टर – कैसा बना है? सुरेश – अंदर मकान बना है, चारों तरफ से रोड बनी है। रिपोर्टर – कौन-कौन लोग आते हैं? सुरेश – सिर्फ लालू यादव ही आते हैं, रोज देखने तो आते ही हैं। लालू यादव के नए घर के पड़ोस में रहने वाले राजीव से हमारी मुलाकात हुई। राजीव ने बताया कि यहां लेबर और कारीगर को भी निर्देश है। कोई किसी से बाहर बात नहीं करता है। रिपोर्टर – भैया, लालू यादव का घर यहीं बन रहा है क्या? राजीव – हां, यही बन रहा है। रिपोर्टर – अंदर जाने देते हैं कि नहीं? राजीव – नहीं, अंदर नहीं जाने देते हैं। रिपोर्टर – आप गए हैं कि नहीं? राजीव – नहीं। रिपोर्टर – लेबर वगैरह आता जाता होगा? राजीव – हां, लेबर सब जाता है,लेकिन बात नहीं करता। रिपोर्टर – यहीं का है या बाहर का रहने वाला है सब? राजीव – सब बाहर का लेबर रहता है, यहां लोकल लेबर नहीं रखते हैं। रिपोर्टर – काफी विशाल और बढ़िया बन रहा है। राजीव – हां, वह तो है। 25–30 फीट ऊंची तो दीवार ही है। आवास खाली होने वाला है, तो जल्दी आएंगे यहां। रिपोर्टर – कुछ सामान भी आया है क्या? राजीव – सामान तो आते ही रहता है, कल ट्रैक्टर से कुछ और सामान आया है। रिपोर्टर – अच्छा, कहां से आया था सामान? राजीव – कहां से आया, ये नहीं पता, लेकिन आया जरूर है। रिपोर्टर – अच्छा, आते-जाते हैं लोग? राजीव – और लोग तो नहीं, लेकिन लालू यादव रोज साढ़े 9 से 11 के बीच आते हैं। रिपोर्टर – तेज प्रताप आते हैं कि नहीं? राजीव – तेज प्रताप को तो नहीं देखे हैं, तेजस्वी को एक बार देखे हैं। रिपोर्टर – यहां लालू का परिवार आने से भीड़ भाड़ बढ़ जाएगी। राजीव – बहुत कुछ बदल जाएगा, सड़क अच्छी हो जाएगी, लेकिन जाम भी लगा रहेगा। राजीव ने बताया लालू की जमीन का विवाद लालू यादव के नए घर के पड़ोस में रहने वाले राजीव ने जमीन का विवाद भी बताया। राजीव ने बताया कि काफी पुरानी जमीन है। राबड़ी देवी के नाम से जमीन ली गई थी। ये सामने वाली जमीन भी लालू यादव की है, पीछे से लिए हैं, आगे से रास्ता नहीं है। इसी को लेकर विवाद चल रहा है। लालू परिवार चाहता है कि बची जमीन भी ले ले जिससे रास्ता सीधा सड़क पर मिल जाए। अगर विवादित जमीन को लालू परिवार ले लेता है तो घर से मेन सड़क सट जाएगा। इसलिए पूरा जोर अब उसी जमीन को लेकर ही है। हमारी मुलाकात लालू की एक पड़ोसी दीपक से हुई। दीपक ने भी लालू के नए घर के बगल में जमीन के विवाद की कहानी बताई। रिपोर्टर – लालू यादव जी का आवास यही बन रहा है ना? दीपक – हां। रिपोर्टर – बहुत बड़ा और विशाल बन रहा है। दीपक – लालू जी खुद विशाल आदमी हैं, तो विशाल ही बनेगा। रिपोर्टर – अंदर से नहीं देखने देते हैं लोग? दीपक – नहीं देखने देते, लेकिन कोई भी चीज़ छिपती थोड़ी ही है, सब पता चल जाएगा। रिपोर्टर – कौन-कौन लोग आते हैं? दीपक – कोई न कोई आ ही रहता है। रिपोर्टर – यह जमीन विवादित नहीं होगी, इसलिए इस पर बन रहा है? दीपक – देखिए, जो विवादित है वह तो पेंडिंग है। रिपोर्टर – हमें लगता है बहुत लोगों से जमीन खरीदी होगी। दीपक – देखिए, बहुत सारा प्लॉट है यहां… कहां-कहां है, किसको पता है। रिपोर्टर – इस खाली जमीन पर भी विवाद चल रहा है क्या? दीपक – हां, इस पर भी विवाद चल रहा है, एक बुढ़िया औरत थी, कल पानी गिराने से मना कर रही थी। लालू के नए घर के पास ही हमारी मुलाकात गुड्डू से हुई। गुड्डू ने भी बताया कि ऐसा घर आस पास के इलाके में किसी का नहीं बन रहा है। लालू जी घर नहीं जेल की तरह सुरक्षा घेरा में अपनी हवेली बनवा रहे हैं। रिपोर्टर – लालू यादव जी का नया घर यही बन रहा है क्या? गुड्डू – हां, यही है। रिपोर्टर – बहुत बड़ा है यह। गुड्डू – हां, बहुत बड़ा है, पूरी सरिया की ढलाई से इसकी दीवार बनी है। रिपोर्टर – यहीं के कारीगर बना रहे हैं या बाहर के? गुड्डू – सब दिल्ली के हैं, बहुत मज़बूत बना रहे हैं। रिपोर्टर – कितने दिन से यह घर बन रहा है? गुड्डू – बहुत दिन हो गए, लगभग 4 से 5 साल हो गया। रिपोर्टर – कहां के मजदूर बना रहे हैं? गुड्डू – सब बाहर के हैं, कुछ बेतिया ज़िला के हैं, लेकिन किसी से बात नहीं करते सब। रिपोर्टर – आपको कैसे पता कि यहां के नहीं हैं? गुड्डू – मेरी दुकान है, किराना की, सब आता था तो बताता था। रिपोर्टर – अभी समय लगेगा कि नहीं? गुड्डू – अभी बहुत काम बाकी है, अभी बहुत समय लगेगा। महुआ बाग में लालू के घर के पास हमारी मुलाकात पड़ोसी राजकुमार से हुई। राजकुमार ने बताया कि जैसे क्रिश्चियन का घर और बंगला बनता है वैसे ही लालू जी का घर बन रहा है। पूरा मॉडल दूर से देखने से लगता है के मिशनरी वाला है। बाहरी आदमी पहली बार देखकर यही सोचेगा कि मिशनरी वाली बिल्डिंग है। रिपोर्टर – अभी लालू जी को शिफ्ट होने में यहां समय लगेगा क्या? राजकुमार – अभी कहां कुछ हुआ है यहां पर? अभी कुछ बना ही नहीं है, अभी तो सिर्फ स्ट्रक्चर तैयार है। रिपोर्टर – अंदर कितने कमरे होंगे? राजकुमार – घर तो बस 5 कट्ठा में बना है, जबकि पूरा प्लॉट तो बीघा में है। बाउंड्री तो बहुत ही ऊंची है। रिपोर्टर – बहुत बड़ा में बना है, कैसा लगता है अंदर से? राजकुमार – क्रिश्चियन मॉडल में बना है, लगता है कि मिशनरी वालों का है। रिपोर्टर – मतलब? राजकुमार – क्रिश्चियन लोगों की जैसे हवेली बनती है, बड़ी-बड़ी विंडो वैसे ही बना है। रिपोर्टर – अच्छा। राजकुमार – जब डेंट-पेंट होगा तो अच्छा लगेगा, लालू जी इतना कर दिए हैं पूछिए मत। रिपोर्टर – यहां का सामान तो नहीं लगता होगा घर में? राजकुमार – यहां का ईंट, बालू, सीमेंट लग गया, वही बहुत है। बाकी सब सामान बाहर से। रिपोर्टर – क्या, नहीं समझा। राजकुमार – इन्हें क्या ढूंढना, कहीं से भी कुछ बोल देंगे तो ला दिया जाएगा। सुरक्षा में लगे जवान भी बाउंड्री के अंदर नहीं जाते लालू के पर्सनल गार्ड को छोड़ बाकी सुरक्षा के जवान भी नए घर के गेट के अंदर नहीं जाते हैं। कई दिनों तक जाकर लालू के आने के समय का इंतजार करने के बाद एक दिन अचानक लालू सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर आ गए। लालू की गाड़ी के साथ दो गाड़ी सुरक्षा की थी। लालू के आते ही गेट खुला और उनकी गाड़ी अंदर चली गई, लेकिन सुरक्षा में लगी दोनों गाड़ी गेट पर ही रोक दी गई। लालू की गाड़ी के अंदर जाते ही गेट लॉक कर दिया गया। सुरक्षा में लगे जवानों की गाड़ी बाहर ही खड़ी रही। लालू यादव ने लगभग 20 मिनट तक नए घर का कामकाज देखा और वहां 24 घंटे रहने वाले चौकीदार से बातचीत करने के बाद वापस निकल गए। इस दौरान वहां उन्होंने किसी भी गांव के व्यक्ति या अन्य किसी से कोई बात नहीं की। लालू के जाते ही गेट बंद हुआ और अंदर सुरक्षा में लगा कर्मचारी भी अंदर चला गया। बुलाने के बाद भी उसने कोई रिएक्शन नहीं दिया। जैसे उसे पूरी तरह से ट्रेंड किया गया हो कि वह किसी बाहरी व्यक्ति से कोई बातचीत नहीं करेगा और ना ही बाहर निकलेगा।
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