समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी आज बरेली पहुंचे। उन्होंने सिविल लाइंस स्थित सपा कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर निशाना साधा। भाटी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज कायम है। अगर योगी सरकार के एनकाउंटर के आंकड़ों को देखें तो यहां हर दिन औसतन तीन एनकाउंटर हो रहे हैं। इसका मतलब यह हुआ कि रोजाना तीन बदमाश पुलिस पर फायरिंग कर रहे हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि यूपी में पुलिस भी सुरक्षित नहीं है। बुलडोजर की कार्रवाई पूरी तरह से गलत है। यह बात मेरठ के व्यापारियों को भी समझ में आ गई है। बुलडोजर नीति पर भाजपा समर्थकों के सवाल मेरठ में कॉम्प्लेक्स पर चले बुलडोजर पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा नेता ने कहा कि यही वे व्यापारी हैं जो तब खुश होते थे, जब मुसलमानों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलता था, लेकिन अब वही कह रहे हैं कि वे भाजपा को वोट नहीं देंगे। उन्होंने शायर राहत इंदौरी के शेर का उदाहरण देते हुए कहा- “लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द में, यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है।” भाजपा की नियत पर उठाए सवाल राजकुमार भाटी ने बिहार चुनाव में बुर्के को लेकर कहा कि जब भाजपा बुर्के की बात करती है तो इनकी नियत पता चल जाती है। इन्हें कहना चाहिए कि कोई भी पर्दे में नहीं जाएगा। क्या हिंदुओं में पर्दा प्रथा नहीं है? जब विपक्ष ने चुनाव आयोग से सारे मतदाताओं के फोटो पोर्टल पर डालने को कहा तो चुनाव आयुक्त ने कहा कि क्या बहन-बेटियों के फोटो हम पोर्टल पर डालेंगे? ये उनका अपमान नहीं होगा? ये सुधार नहीं चाहते हैं, ये इनकी बदनीयती है। SIR और चुनावी बेइमानी का मुद्दा चुनाव आयोग के देशभर में SIR को लेकर कहा कि SIR करे, लेकिन हम इनकी बेइमानी चलने नहीं देंगे। हमें पता चल गया है कि कहां-कहां चोरी करते हैं। बिहार में ये चाहते थे कि पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के 65 लाख वोट काट दें, लेकिन ये फेल हो चुके हैं। विपक्ष की मजबूती से यह संभव हो पाया है। हम यूपी में भी इनकी बेइमानी चलने नहीं देंगे। इतिहास का सबसे बड़ा अन्याय-बुलडोजर की कार्रवाई सपा नेता ने कहा कि बुलडोजर की कार्रवाई भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा अन्याय है, सबसे बड़ा अत्याचार है, सबसे बड़ा जुर्म है। इतना जुर्म न तो कभी विदेशी आक्रमणकारियों ने किया, न अंग्रेजों ने किया, जिस तरह का जुर्म योगी आदित्यनाथ सरकार कर रही है। व्यापारियों के दोहरे रवैये पर तंज उन्होंने मेरठ के व्यापारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि जब दलितों और मुसलमानों के घर गिराए जा रहे थे, तब ये व्यापारी ताली बजा रहे थे। आज जब उनकी दुकानें टूटीं तो वो रो रहे हैं। बुलडोजर में न दिमाग होता है, न आंखें होती हैं। उसे कोई आदमी चलाता है और वो उसका स्टेयरिंग कहीं भी मोड़ सकता है। इसलिए अन्याय का विरोध हर नागरिक को करना चाहिए। अन्याय किसी के साथ भी हो रहा हो, लोगों के बसे-बसाए घर उजाड़े जा रहे हैं, बनी-बनाई दुकानें तोड़ी जा रही हैं और यह सब बिना न्यायिक प्रक्रिया का पालन किए हो रहा है। एनकाउंटर पर उठाए सवाल उत्तर प्रदेश में हो रहे एनकाउंटर पर उन्होंने कहा कि मैं इस पर दो सवाल करना चाहता हूं। एनकाउंटर में जितने लोग मारे गए हैं, उनके या तो सिर में गोली लगी है या सीने में। इसी तरह हाफ एनकाउंटर में पैर या घुटनों के पास गोली लगी है। हमारी सरकार आने पर एक आयोग बनाया जाएगा और सारे एनकाउंटर की जांच होगी। बरेली की घटना पर सपा का रुख बरेली की घटना पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पत्थर फेंके, हम उनका समर्थन नहीं करते हैं। आंदोलन में हिंसा नहीं करनी चाहिए। पुलिस भी हमारी ही है। लेकिन इसके बाद जो कार्रवाई की गई है, वह बिल्कुल जंगलराज है और उसके बाद जो मुख्यमंत्री ने भाषा बोली है, वह बहुत ही शर्मनाक है। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि मैं डेटिंग-पेंटिंग कर दूंगा। यह किसी सभ्य लोकतंत्र में सभ्य नेता की भाषा नहीं हो सकती। मुख्यमंत्री उस दिन क्यों नहीं बोले जब आगरा में एक निर्वाचित सांसद के घर पथराव हो रहा था। मुख्यमंत्री पर सीधा हमला राजकुमार भाटी ने कहा कि एक गेरुआ वस्त्र धारण करने वाला व्यक्ति, जिसे बहुत से लोग संत मानते हैं, मैं तो उन्हें संत नहीं मानता। वो ऐसा भेदभाव करता है, यह बहुत चिंता की बात है। भाटी ने कहा कि बिहार चुनाव में बुर्के पर सियासत हो रही है, तो क्या हिंदू महिलाएं पर्दा नहीं करतीं?
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