‘फूफा भाजपा के पुराने कार्यकर्ता हैं। उन्होंने हमेशा कार्यकर्ता के रूप में काम किया है। आज तक कभी नहीं लगा कि वे विधायक या मंत्री हैं। उनकी मेहनत ही है, जिसका पार्टी ने उन्हें इनाम दिया है। उनसे बेहतर कोई विकल्प नहीं है। हमें बहुत खुशी है कि वे बिहार विधानसभा के अध्यक्ष बनेंगे।’ ये खुशी गया जी टाउन विधानसभा सीट से 9वीं जीत दर्ज करने वाले डॉ. प्रेम कुमार के भतीजे उत्तम कुमार ने जताई है। प्रेम कुमार ने विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए सोमवार को नामांकन दाखिल कर दिया था। नॉमिनेशन के दौरान दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा उनके साथ रहे। विपक्ष की तरफ से इस पद के लिए कोई कैंडिडेट नहीं है। ऐसे में प्रेम कुमार का आज विधानसभा अध्यक्ष बनन तय है। इस खुशी में प्रेम कुमार के ससुराल और पड़ोसियों में जश्न का माहौल है। नॉमिनेशन के बाद ससुराल में पटाखे फोड़े जा रहे हैं। प्रेम कुमार का खुद का दवा का कारोबार है तो उनके पिता बैंक के कर्मचारी थे। गयाजी में प्रेम कुमार का घर और उनका ससुराल आसपास ही है। ससुराल में भास्कर रिपोर्टर गए तो परिजन में उत्साह दिखा, रिश्तेदारों ने क्या कहा पढ़िए रिपोर्ट… पहले देखिए ससुराल में जश्न की तस्वीरें… फूफा जी बहुत अच्छे इंसान हैं बहू खुशबू कुमारी ने कहा कि मैं काफी खुश है। वे मंत्री बनते तो भी खुशी होती अब स्पीकर बनने वाले हैं तो भी प्रसन्नता है। हमलोग उनकी हर जीत और कामयाबी में खुशी जाहिर करेंगे। वहीं, एक भतीजे निशांत ने कहा कि फूफा समाजसेवी हैं। वे बहुत अच्छे इंसान हैं। वे बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। यहीं कारण है कि पार्टी की तरफ से उन्हें ये इनाम दिया गया है। गयाजी में डॉ. प्रेम कुमार के 2 घर हैं गयाजी में डॉ. प्रेम कुमार के 2 घर हैं। एक पैतृक घर है जो महावीरी स्कूल के पास है। दूसरा मौलागंज नई सड़क के पास है। पैतृक घर में अभी परिवार के कोई सदस्य नहीं रहते हैं। सभी मौलागंज वाले घर में रहते हैं, हालांकि आज सभी पटना में हैं। मौलागंज वाले घर से सटे प्रेम कुमार का ससुराल भी है। इसके अलावा उनके पड़ोसियों में भी खुशी है कि प्रेम कुमार विधानसभा के अध्यक्ष बन रहे हैं। पड़ोसियों ने इस बात के लिए प्रसन्नता जताई। 1990 से गया टाउन से लगातार जीतते आए हैं डॉ. प्रेम कुमार गया टाउन विधानसभा क्षेत्र से इस बार 9वीं बार विधायक बने हैं। प्रेम कुमार चंद्रवंशी समाज से बड़े चेहरे माने जाते हैं। वे 1990 से गया टाउन से लगातार जीतते आए हैं। प्रेम कुमार बिहार सरकार में हेल्थ, इंजीनियरिंग विभाग, सड़क निर्माण विभाग और शहरी विकास विभाग के मंत्री रह चुके हैं। विधायक रहते ही प्रेम कुमार ने मगध यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री ली थी। 1990 में पहली बार गया सीट से प्रेम कुमार विधायक बने थे। तब से लेकर अब तक उनकी जीत का सफर जारी है। एक ही पार्टी और एक ही सीट से लगातार विधायक चुनते आ रहे हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में डॉ. प्रेम कुमार ने कांग्रेस कैंडिडेट अखौरी ओंकारनाथ को 26 हजार 423 वोटों के अंतर से हराया। पिता बैंक में कर्मचारी थे, जेपी आंदोलन से प्रभावित हुए थे प्रेम कुमार प्रेम कुमार के पिता बैंक में कर्मचारी थे। उनका परिवार बेहद साधारण था। गयाजी के बुजुर्ग वोटर्स बताते हैं कि जब प्रेम कुमार छात्र थे, तब जेपी आंदोलन चला था। प्रेम कुमार आंदोलन में शामिल हुए और जेल भी भेजे गए। जेल से निकलने के बाद अपना दवा का कारोबार भी शुरू किया। बाद में कुछ और कारोबार शुरू किया। छात्र जीवन में प्रेम कुमार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े थे। 1980 में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली थी। इसके बाद वे लगातार पार्टी के काम में जुटे रहते थे। करीब 10 साल बाद यानी जब 1990 में बिहार विधानसभा चुनाव की बारी आई तो भाजपा ने पहली बार प्रेम कुमार को टिकट दिया। प्रेम कुमार ने पहले विधानसभा चुनाव में ही जीत दर्ज कर ली। बिहार सरकार में 20 साल का अनुभव 2005 में नीतीश कुमार की पहली सरकार में प्रेम कुमार पहली बार मंत्री बने थे। तब से लेकर आज तक वह लगभग हर बड़े विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। जनस्वास्थ्य एवं अभियंत्रण मंत्री, सड़क निर्माण मंत्री, नगर विकास मंत्री, कृषि मंत्री, सहकारिता व वन मंत्री, राज्य में विपक्ष के नेता के रूप में 2015 से 2017 तक काम किया।
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