बिहार में नए साल में जमीन की कीमत 4 गुना तक बढ़ने वाली है। सरकार सर्किल रेट ग्रामीण इलाकों में 12 साल तो शहरी इलाकों में 9 साल बाद बढ़ाने वाली है। इसे जनवरी या फरवरी के अंत तक लागू कर दिया जाएगा। सर्किल रेट को तीन से चार गुना (300-400%) तक बढ़ाने का प्रस्ताव है। मतलब जिस जमीन की कीमत अभी 10 लाख रुपए है, वह नए रेट के बाद 30 से 40 लाख रुपए तक हो सकती है। पटना के बोरिंग रोड का सर्किल रेट 1.60 करोड़ रुपए/डिसमिल किया जा सकता है। ऐसे में एक कट्ठा जमीन की बाजार कीमत 10 करोड़ रुपए से अधिक होगी। मंडे स्पेशल में पढ़िए, सर्किल रेट बढ़ने से बिहार में जमीन की कीमत कितनी बढ़ जाएगी। घर या दुकान के लिए जमीन लेना कितना महंगा होगा। सरकार को कितनी ज्यादा आमदनी होगी। जनवरी से सर्किल रेट बढ़ाएगी सरकार बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मुताबिक, सरकार जनवरी से सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी में है। किसी कारण से देर हुई तो फरवरी अंत तक किया जा सकता है, लेकिन तय है कि नए साल में जमीन का सर्किल रेट बढ़ेगा। सभी जिलों के रजिस्ट्री ऑफिस से सरकार ने रिपोर्ट मंगाया है कि सर्किल रेट कितना है और अभी किस रेट से जमीन बिक रही है। सरकार का मानना है कि बाजार मूल्य के अनुसार सर्किल रेट बढ़ाया जाए। सर्किल रेट 4 गुना तक बढ़ाने की तैयारी में सरकार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बिहार सरकार सर्किल रेट तीन से चार गुना तक बढ़ाने की तैयारी कर रही है। बोरिंग रोड जैसे इलाके की सर्किल रेट 40 लाख रुपए है, लेकिन जमीन 5 करोड़ रुपए में अधिक में बिक रही है। जमीन के नए मूल्य तय करने को लेकर सभी जिलों के डीएम के साथ विभाग की बैठक होनी है। इसके बाद मूल्यांकन कमेटी की भी बैठक होगी। सर्किल रेट हर जिले की अलग-अलग होगी। जगह के अनुसार कीमत तय होगी। लेकिन यह तय है कि 4 गुना तक सभी जिलों में जमीन की सर्किल रेट बढ़ सकती है। राजधानी पटना और गया के प्रस्तावित नए सर्किल रेट से समझिए… कैसे बढ़ेगी जमीन की कीमत पटना जिले में रोज करीब 300 जमीन के डीड बन रहे हैं। सिर्फ पटना शहर में रोज करीब 100 डीड बनते हैं। जमीन सर्किल रेट से 5-6 गुना अधिक कीमत पर खरीदी जा रही। खरमास के ठीक पहले तक स्थिति यह थी कि पटना में जमीन रजिस्ट्री से रोज सरकार को 15 करोड़ रुपए कमाई हो रही थी। पटना बिहार की राजधानी है। यहां एजुकेशन, हेल्थ से लेकर ट्रैवल की सभी सुविधाएं हैं। इसके चलते राज्य में सबसे अधिक महंगी जमीन पटना में है। पटना में जमीन खरीद-बिक्री में दलाल कल्चर इतना बढ़ गया है कि 2% या इससे अधिक लेकर ये करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। दलाली दोनों पक्ष (जमीन बेचने और खरीदने वाले) से ली जाती है। देश के बाकी राज्यों में जमीन की सरकारी कीमत हर साल अपडेट होती है, लेकिन बिहार में ऐसा नहीं हुआ। यहां के ग्रामीण इलाकों का सर्किल रेट 12 साल तो शहरी इलाकों का सर्किल रेट 9 साल से नहीं बढ़ा है। पटना में सबसे महंगी जमीन सगुना मोड़, राजा बाजार, बोरिंग रोड में प्रदेश के सभी जिलों के रजिस्ट्रेशन ऑफिस ने विभाग को जमीन का सर्किल रेट और मार्केट रेट की जानकारी भेज दी है। इस पर मंथन चल रहा है। पटना के रजिस्ट्रेशन ऑफिस ने जो जानकारी भेजी है, वह भास्कर के पास है। इससे जुड़े आंकड़े चौंकाने वाले हैं। पटना में सबसे महंगी जमीन सगुना मोड़, राजा बाजार, बोरिंग रोड और पाटलिपुत्र कॉलोनी जैसे इलाकों में है। सबसे कम कीमत की जमीन नौबतपुर में है। जमीन की कीमत इससे तय होती है कि वह व्यवसायिक है या आवासीय। मेन रोड के किनारे है या गली में। सबसे महंगी जमीन व्यवसायिक इलाके में मेन रोड किनारे की है। वहीं, आवासीय इलाके में मुख्य सड़क से दूर गली में पड़ने वाली जमीन की कीमत कम है। राजा बाजार में जमीन की कीमत सबसे अधिक पटना के राजा बाजार में जमीन की कीमत सबसे अधिक है। मेन रोड किनारे की व्यवसायिक जमीन के लिए सर्किल रेट 40 लाख रुपए प्रति डिसमिल (435.6 वर्गफुट) है। वहीं, बाजार कीमत 2 करोड़ 4 लाख रुपए प्रति डिसमिल है। अगर सर्किल रेट को बाजार कीमत तक बढ़ाया गया तो 410% वृद्धि होगी। बोरिंग रोड में क्या है जमीन की कीमत? पटना के पॉश इलाके बोरिंग रोड में जमीन की सरकारी कीमत 400% तक बढ़ सकती है। मुख्य बोरिंग रोड में व्यवसायिक जमीन के लिए सर्किल रेट 40 लाख रुपए है। वहीं, बाजार में जमीन की कीमत 2 करोड़ रुपए तक है। इसी तरह मेन रोड से लगी मुख्य सड़क के किनारे की व्यवसायिक जमीन की मार्केट वैल्यू 1.44 करोड़ रुपए है। मुख्य सड़क किनारे स्थित आवासीय जमीन की बाजार कीमत 80.30 लाख रुपए से अधिक है। रियल स्टेट सेक्टर के जानकारों के अनुसार, बोरिंग रोड का सर्किल रेट चार गुना बढ़ाकर 1.60 करोड़ रुपए प्रति डिसमिल किया गया तो इससे इस इलाके में एक कट्ठा जमीन की कीमत 10 करोड़ रुपए पार कर जाएगी। पाटलिपुत्र कॉलोनी में क्या है रेट? पाटलिपुत्र कॉलोनी में मेन रोड के किनारे की व्यवसायिक जमीन का सर्किल रेट 35 लाख रुपए है। यहां बाजार मूल्य 1.57 करोड़ रुपए से अधिक है। इसके चलते सर्किल रेट में 350% तक वृद्धि हो सकती है। पाटलिपुत्र कॉलोनी के मेन रोड से जुड़ने वाली मुख्य सड़क के किनारे की व्यवसायिक जमीन की कीमत 23.50 लाख रुपए है। वहीं, मार्केट वैल्यू 1 करोड़ 1 लाख रुपए तक है। इस तरह सर्किल रेट 330% बढ़ सकता है। पटना में 400% तक बढ़ सकता है सर्किल रेट पटना के खाजपुरा, राजा बाजार, फ्रेजर रोड, जमाल रोड, एग्जीबिशन रोड, खेतान मार्केट, पटना मार्केट, बोरिंग रोड, गांधी मैदान और बेली रोड में जमीन की बाजार कीमत 2 करोड़ रुपए प्रति डिसमिल या इससे अधिक है। वहीं, इन इलाकों के लिए वर्तमान सर्किल रेट 40 लाख रुपए प्रति डिसमिल है। ऐसे में सर्किल रेट में 400% तक वृद्धि हो सकती है। शेखपुरा, जक्कनपुर, मीठापुर, पाटलिपुत्र कॉलोनी, कंकड़बाग, काजीपुर, हनुमान नगर और खगौल रोड जैसे इलाके के मेन रोड किनारे की व्यवसायिक जमीन की कीमत 1.50 करोड़ रुपए से अधिक है। वहीं, वर्तमान सर्किल रेट 34-40 लाख रुपए है। ऐसे में सर्किल रेट में 350-400% तक वृद्धि हो सकती है। ऊपर बताए गए मार्केट वैल्यू तो वह है, जिसका अनुमान सरकारी अधिकारियों ने लगाया है। सच्चाई यह है कि मेन रेड किनारे जमीन बिक्री के लिए कम उपलब्ध होती है। जो होती भी हैं उनके लिए बोली लगाने जैसी नौबत आ जाती है। कीमत 5 करोड़ प्रति डिसमिल या इससे अधिक तक पहुंच जाती है। गया में एपी कॉलोनी सबसे महंगी गयाजी शहर की बात करें तो एपी कॉलोनी सबसे महंगा इलाका है। यहां जमीन का सर्किल रेट 10 हजार रुपए प्रति स्क्वायर फीट से अधिक है। इसके बाद शहर का चौक एरिया, जीबी रोड, स्वराज पुरी रोड और स्टेशन रोड आता है। ये सभी इलाके व्यवसायिक गतिविधियों के केंद्र हैं। सर्किल रेट बढ़ाने को लेकर जिला स्तर पर क्या हो रहा है? इस सवाल के जवाब में गयाजी के डिस्ट्रिक्ट सब रजिस्ट्रार सुमेश्वर कुमार कहते हैं, तैयारी जिला स्तर पर की जा रही है। विभागीय आदेश मिलने के बाद तय समय-सीमा में प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। सर्किल रेट बढ़ाने से खरीदार की जेब पर कितना असर? अगर आप कोई जमीन खरीदते हैं तो इसकी रजिस्ट्री करानी पड़ती है। इसके लिए स्टांप ड्यूटी और कोर्ट फीस देना होता है। बिहार में शहरी इलाके के लिए स्टांप शुल्क 8% और कोर्ट फीस 2% है। यह रेट तब है, जब बेचने और खरीदने वाला पुरुष हो। अगर एक पुरुष बोरिंग रोड में एक कट्ठा जमीन खरीदता है। उसे 2 करोड़ रुपए/डिसमिल की दर (सरकार द्वारा अनुमानित बाजार मूल्य) से जमीन मिली तो एक कट्ठा के लिए 6.25 करोड़ रुपए लगेंगे। उसे 50 लाख रुपए स्टांप ड्यूटी और 12.50 लाख रुपए कोर्ट फीस देना होगा। इस तरह सरकार को स्टांप ड्यूटी+कोर्ट फीस से 62.50 लाख रुपए मिलेंगे। वर्तमान में मेन बोरिंग रोड के लिए सर्किल रेट 40 लाख रुपए/डिसमिल है। इस रेट से 1 कट्ठा जमीन खरीदने में 1.25 करोड़ रुपए लगेंगे। स्टांप ड्यूटी 10 लाख और रजिस्ट्रेशन फीस 2.5 लाख रुपए कोर्ट फीस लगेंगे। सरकार को स्टांप ड्यूटी+कोर्ट फीस से 12.50 लाख रुपए मिलेंगे। अगर सरकार ने बाजार मूल्य के अनुसार बोरिंग रोड के लिए सर्किल रेट 400% बढ़ाकर 1.60 करोड़ रुपए प्रति डिसमिल कर दिया तो उसे 1 कट्ठा जमीन की बिक्री से 50 लाख रुपए ज्यादा मिलेंगे। सरकारी रेट और मार्केट रेट में बड़ा अंतर, सरकार उसी अनुसार फैसला लेगी पटना के डिस्ट्रिक्ट सब रजिस्ट्रार रवि रंजन से भास्कर ने बात की। उन्होंने बताता, ‘पटना में रोज जमीन रजिस्ट्री से 15 करोड़ रुपए रेवेन्यू मिलता है। पटना सदर से ही 4-5 करोड़ रुपए मिलते हैं। मार्च में तो 20-25 करोड़ रुपए प्रतिदिन तक आमदनी हुई है।’ उन्होंने बताया, ‘पटना जिले को 1500 करोड़ रुपए का रेवेन्यू टारगेट मिला है। 1000 करोड़ रुपए का कलेक्शन हो गया है। 450 करोड़ रुपए पटना सदर ने कलेक्ट किया है। उम्मीद है कि इस साल भी हम टारगेट पूरा करेंगे। जमीन की कीमत बढ़ाने पर अंतिम फैसला सरकार को लेना है। हमें तैयारी करने के लिए कहा गया है तो उस अनुसार तैयारी में लगे हैं।’ 2016 में 10-15% सर्किल रेट बढ़ा था सर्किल रेट बढ़ाने को लेकर सरकार के अंदर 10 छोटी-बड़ी बैठकें हो चुकी हैं। राज्य में 2013 से पहले जिला स्तर पर सर्किल रेट बढ़ाया जाता था। ग्रामीण इलाकों का हर 2 साल और शहरी इलाकों में हर साल बढ़ाया जाता था। 2014 में नियमों में संशोधन किया गया कि आगे से सरकार की सहमति के बाद ही सर्किल रेट बढ़ाए जाएंगे। 2016 में 10 से 15 फीसदी सर्किल रेट बढ़ाया गया। अब सरकार सर्किल रेट बढ़ाने पर विचार कर रही है। सरकार इसका फॉर्मूला खोजने में लगी है कि जनता में खराब मैसेज नहीं जाए और सर्किल रेट भी बढ़ जाए। क्या कहते हैं एक्सपर्ट? सर्किल रेट बढ़ाए जाने को लेकर हमने पटना के कातिब प्यारे लाल से बात की। उन्होंने कहा, ‘जमीन का सरकारी रेट बढ़ने से आम लोगों के लिए पटना में जमीन खरीदना और घर बनाना मुश्किल हो जाएगा। सरकार सर्किल रेट बढ़ाए, लेकिन अन्य राज्यों की तरह स्टांप ड्यूटी और कोर्ट फीस लें। दिल्ली, यूपी, बंगाल, झारखंड से सरकार तुलनात्मक अध्ययन करे और उसके बाद स्टांप और कोर्ट फीस तय करे।’ क्या होता है सर्किल रेट? सर्किल रेट सरकार द्वारा तय की जाने वाली जमीन की न्यूनतम रेट है। इसका मतलब है कि उससे कम दाम में जमीन की बिक्री नहीं होगी। उदाहरण के लिए पटना के राजा बाजार इलाके के मेन रोड किनारे की व्यवसायिक जमीन के लिए सर्किल रेट 40 लाख रुपए प्रति डिसमिल है तो इससे कम कीमत में इस इलाके की जमीन नहीं बिकेगी। सर्किल रेट का उद्देश्य टैक्स चोरी रोकना है। जमीन खरीदने वाले को स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस देना होता है। यह जमीन की कीमत के आधार पर तय होता है। सर्किल रेट नहीं हो तो जमीन बेचने वाले और खरीदने वाले मिलकर सरकार को जमीन की कीमत बहुत कम बता सकते हैं। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान होगा।
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