मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया सहित एक दर्जन जिलों में सर्वे किया जा रहा
आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार में अशोक लीलैंड की फैक्ट्री लगेगी। बिहार में ही बस, ट्रक और अन्य भारी वाहनों का निर्माण होगा।
फैक्ट्री से प्रत्यक्ष रूप से 8 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। फैक्ट्री लगाने के लिए कंपनी के अधिकारी जगह की तलाश कर रहे हैं। मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया सहित एक दर्जन जिलों में सर्वे किया जा रहा है। पहले चरण में इलेक्ट्रॉनिक बसों का निर्माण होगा। योजना सफल रहने पर अन्य भारी वाहनों का उत्पादन शुरू किया जाएगा। बिहार में पहली बार वाहन निर्माण फैक्ट्री लगेगी। अशोक लीलैंड की यूनिट से बिहार नया वाहन निर्माण बाजार बनेगा। अब तक हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र वाहन निर्माण के हब रहे हैं। अशोक लीलैंड बिहार में यूनिट इसलिए लगाना चाहती है ताकि अन्य राज्यों में वाहनों की सप्लाई आसान हो। बिहार से झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मार्केट उपलब्ध है। नेपाल और भूटान में भी वाहनों की सप्लाई की योजना है। अभी वाहन महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से मंगाए जाते हैं। बिहार में यूनिट लगने से क्या होगा फायदा बिहार में वाहन निर्माण फैक्ट्री लगाने के लिए समझौता किया जा रहा है। इससे बिहार का तेजी से विकास होगा। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।- डॉ. दिलीप जायसवाल, उद्योग मंत्री, बिहार
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