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बिहार में अवैध कब्जे पर बुलडोजर-सचिवालय में हथौड़ा:सम्राट के चैंबर से नीतीश तक जाने वाला गलियारा हो रहा चौड़ा, साथ निकलने में दिक्कत होती थी

बिहार में गृह मंत्री सम्राट चौधरी के बुलडोजर एक्शन की चर्चा है। राजधानी पटना से लेकर जिलों तक में अवैध कब्जे हटाए जा रहे हैं। इस बीच सचिवालय में भी तोड़फोड़ शुरू हो गई है। हथौड़े चल रहे हैं। जहां सीएम नीतीश कुमार और सरकार के सभी मंत्रियों का ऑफिस है। वहां भी हो रही तोड़फोड़ की एक वजह सम्राट चौधरी बताए जा रहे हैं, लेकिन मामला अवैध कब्जा हटाने का नहीं, गलियारे को चौड़ा करने का है। दरअसल, नई जरूरतों को देखते हुए मुख्य सचिवालय की तस्वीर बदली जा रही है। दो डिप्टी सीएम को मुख्यमंत्री के पास जाते वक्त तंग गलियारे से परेशानी नहीं हो, इसके चलते रास्ता चौड़ा किया जा रहा है। दैनिक भास्कर की खास रिपोर्ट में जानिए पुराने सचिवालय में हथौड़े क्यों चलाए जा रहें? सालों बाद यहां क्या बदलाव हो रहे हैं? किन विभागों के कमरे टूटेंगे। सबसे पहले जानिए पुराने सचिवालय में क्यों चल रहे हथौड़े मुख्य सचिवालय के दक्षिणी (पुलिस हेडक्वार्टर) और उत्तरी हिस्से से गुजरने पर साफ पता चलता है कि दोनों हिस्सों को जोड़ने वाला गलियारा काफी संकरा है। आने-जाने के दौरान अगर सामने से कोई व्यक्ति आ जाए तो दिक्कत होती है। किसी एक को रुकना पड़ता है। रास्ता इतना तंग है कि ठीक से 2 लोग क्रॉस नहीं कर सकते। अफसरों और मंत्रियों को और समस्या होती है। इस परेशानी को दूर करने के लिए रास्ते को अब चौड़ा किया जा रहा है। क्या है हथौड़े चलाने की असली 2 वजह? नई सरकार में 2 डिप्टी सीएम, CM तक जाने में परेशानी वजह 1- नई सरकार में 2 उप मुख्यमंत्री हैं। मुख्य सचिवालय में हथौड़ा चलाए जाने की असल वजह यह है कि इन्हें सीएम नीतीश कुमार के पास जाने में परेशानी होती है। डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के पास राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की जिम्मेदारी है। उनका चैंबर मुख्य सचिवालय के उत्तरी छोर पर है। वह यहीं बैठते हैं। उन्हें कैबिनेट की बैठक में शामिल होने के लिए कैबिनेट कक्ष जाना होता है। पहला रास्ता शॉर्टकट, लेकिन तंग है। गलियारा काफी संकरा है। वह इसी रास्ते से आते-जाते हैं। दूसरा रास्ता लंबा है। इससे जाने के लिए पहली मंजिल से उतरकर बरामदा में जाना होता है। इसके बाद गाड़ी में बैठकर सचिवालय के मुख्य बरामदा तक पहुंचते हैं। फिर पहली मंजिल पर मौजूद कैबिनेट हॉल में जाना होता है। इससे चंद कदम की दूरी लंबी हो जाती है। समय ज्यादा खर्च होता है। वजह 2- बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का नया चैंबर मुख्य सचिवालय में बन रहा है। वह अब यहीं बैठेंगे। गृह मंत्री का चैंबर 20 साल बाद बन रहा है। नीतीश कुमार के पास से गृह मंत्रालय हटने के बाद से पहली बार गृह मंत्री का चैंबर मुख्य सचिवालय में बनाया जा रहा है। इसे मुख्य सचिवालय के दक्षिणी हिस्से के कमरा नंबर 284 में बनाया जा रहा है। इसी में 2018 से पहले DGP बैठते थे। मुख्य सचिवालय को दक्षिणी हिस्सा से जोड़ने वाला मौजूदा रास्ता काफी तंग है। लोगों को आने जाने में दिक्कत होती है। इस पतले रास्ते से गृह मंत्री को सीएम के पास जाने में परेशानी हो सकती है। लिहाजा, गलियारे पर बने कमरों को तोड़ा जा रहा है। सीएम और डिप्टी सीएम के चैंबर के बीच चौड़ा गलियारा बनाया जा रहा है। किन विभागों के ऑफिस पर चल रहे हथौड़े? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऑफिस के कमरा को तोड़ा जा रहा है। मंत्री लेशी सिंह के ऑफिस के कमरे को भी दूसरे जगह शिफ्ट किया जा रहा है। भवन निर्माण विभाग के सूत्रों ने बताया कि मुख्य सचिवालय के दोनों हिस्से को जोड़ने वाले गलियारा में 3 विभाग के ऑफिस हैं। उत्तर की तरफ खाद्य उपभोक्ता विभाग के ऑफिस के हिस्से हैं। यह विभाग जदयू कोटे में है। मंत्री लेशी सिंह हैं। वहीं, दक्षिण की तरफ कैबिनेट सचिवालय के ऑफिस के हिस्से हैं। कैबिनेट सचिवालय के मंत्री सीएम नीतीश कुमार हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के एक कमरे को भी तोड़ा जा रहा है। इन तीनों विभागों के ऑफिस के कमरों को गलियारा चौड़ा करने के लिए तोड़ा जा रहा है। एक कमरा तोड़ दिया गया है। दोनों विभाग के हिस्से को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाना है। इसके बाद इसके कमरों को भी तोड़ा जाएगा। इससे गलियारा का रास्ता चौड़ा हो जाएगा। पीएम, राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति को सुविधा देने वाला ऑफिस टूटेगा डिप्टी सीएम और सीएम के चैंबर के बीच के गलियारे में कैबिनेट सचिवालय का प्रोटोकॉल सेक्शन है। पीएम, राष्ट्रपति, राज्यपाल, विदेशी गेस्ट और मंत्री-विधायक को सुविधा देना इसका काम है। बिहार के स्टेट गेस्ट कार्यक्रम कराने और जानकारी देने का काम भी यहां से होता रहा है। विदेश यात्रा कराने और दिल्ली में रूम दिलाने जैसे काम भी कैबिनेट सचिवालय के प्रोटोकॉल सेक्शन द्वारा किए जाते हैं। सचिवालय गलियारा में इसके कमरे हैं। प्रोटोकॉल की सभी फाइल यहीं आती है। अब इन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है। ज्वाइंट सेक्रेटरी समेत 5 अफसरों कमरे टूटेंगे उधर, मुख्य सचिवालय को नार्थ ब्लॉक से जोड़ने वाले गलियारा में 5 सीनियर अधिकारियों के कमरे हैं। ये कमरे खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के खाते में हैं। विभाग के संयुक्त सचिव यहां बैठते हैं। डिपार्टमेंट के 2 विशेष कार्य पदाधिकारी (OSD), लोक शिकायत पदाधिकारी (PGRO) और सहायक निदेशक के कमरे हैं। इन्हें तोड़ा जाना है। इन 5 अधिकारियों को मुख्य सचिवालय के दूसरे कमरे में शिफ्ट किया जा रहा है। 3 में से एक विभाग का कमरा टूटा मुख्य सचिवालय को नार्थ ब्लॉक से जोड़ने वाले रास्ते को चौड़ा करने के लिए 1 कमरा टूट चुका है। सामान्य प्रशासन के कमरे को खाली कर तोड़ दिया गया है। खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग के कमरे को तोड़ने के लिए बार-बार रिमाइंडर दिया जा रहा है। निर्माण एजेंसी के लोग कैबिनेट कर्मचारी को कमरा खाली करने के लिए कह रहे हैं। इधर, कैबिनेट सचिवालय सूत्रों की मानें तो जब तक कैबिनेट सचिवालय को नया कमरा मिल नहीं जाता तब तक पुराना खाली नहीं किया जाएगा। कैबिनेट सचिवालय ने भवन निर्माण विभाग को पत्र लिखकर यह सूचना दी है। 28 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था निरीक्षण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 28 नवंबर को अफसरों के साथ मुख्य सचिवालय का निरीक्षण किया था। वह मुख्य सचिवालय के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक गए। मुख्य सचिव सेल, मंत्रिमंडल चैंबर, वित्त मंत्री के ऑफिस और गेस्ट रूम में जाकर देखा था। इस दौरान अधिकारियों को कहा था कि सभी कर्मी समय पर ऑफिस आएं, काम करें। क्यों गलियारों में बना दिए गए थे कमरे? खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के कर्मचारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जब सचिवालय कैडर का स्ट्रेंथ बढ़ाया गया तब विभाग की संख्या बढ़ी थी। इसके बाद कर्मियों के बैठने की जगह कम पड़ने लगी। इसके बाद विभिन्न विभागों में खाली जगह का इस्तेमाल किया जाने लगा। गलियारे में कमरे बनाए गए। हॉल बना दिए गए। टेबल-कुर्सी लगा दिए गए। वह बताते हैं कि मेरी सर्विस के 35 साल हो चुके हैं। उसके पहले से यह स्थिति थी।


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