अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले लोगों को सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों की ट्रेनिंग लेना अनिवार्य होगा। परिवहन विभाग ने यह फैसला सड़क हादसों को कम करने के लिए लिया है। पटना सहित राज्य के सभी डीटीओ कार्यालयों में डीएल आवेदकों को पहले रोड सेफ्टी और ट्रैफिक रूल्स की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद स्थायी डीएल के लिए टेस्ट लिया जाएगा। यदि इसके बाद भी नियमों की जानकारी स्पष्ट नहीं हुई, तो डीएल के साथ रोड सेफ्टी और ट्रैफिक रूल्स से संबंधित पंपलेट व किट डाक के माध्यम से आवेदक के घर भेजी जाएगी। इस योजना से हर साल करीब 10 से 12 लाख नए डीएल धारकों को लाभ मिलेगा। वहीं, हर साल 2 लाख से अधिक प्राइवेट, कॉमर्शियल और सरकारी वाहन चालकों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। परिवहन विभाग ने जिला स्तर पर चालकों की सूची तैयार करने के निर्देश डीटीओ को दिए हैं। क्यों पड़ी जरूरत? ये उपाय किए गए रोड सेफ्टी नियम
सीट बेल्ट पहनें डीएल टेस्ट के समय चालकों को रोड सेफ्टी और ट्रैफिक रूल्स की ट्रेनिंग दी जाएगी। कॉमर्शियल और सरकारी चालकों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। लोगों को जागरूक करने के लिए डीएल के साथ रोड सेफ्टी और ट्रैफिक रूल्स से संबंधित पंपलेट डाकघर के माध्यम से लिफाफे में भेजे जाएंगे। नए साल में इसकी शुरुआत की जाएगी।-राज कुमार, सचिव, परिवहन विभाग
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