बिहार पुलिस भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गैंग का खुलासा हुआ है। पुलिस ने नकली मजिस्ट्रेट बनकर परीक्षा केंद्र में घुसने वाले अशोक कुमार सिंह सहित उसके 3 साथियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से कई मोबाइल सेट भी बरामद किए गए हैं। मामला रोहतास के डेहरी के कटार स्थित डी.ए.वी. स्कूल का है। अशोक कुमार सिंह खुद को पटना सचिवालय से जुड़ा सीनियर ट्रेजरी ऑफिसर बताते हुए एग्जाम सेंटर में चेकिंग के लिए पहुंचा था। वह काफी देर तक एग्जाम हॉल में घूमता रहा। एग्जाम हॉल से ले जाकर O.M.R शीट भरवाई गई एग्जाम हॉल में काफी देर घूमने के बाद अशोक कुमार सिंह एक अभ्यर्थी विकास कुमार के पास पहुंचा। उसे अपने साथ लेकर क्लास के बाहर चला गया। बताया जाता है कि वह जिस स्कॉर्पियो गाड़ी से आया था, उसमें पहले से ही 2 लोग पूरी तैयारी के साथ बैठे थे। पुलिस के अनुसार, विकास कुमार को गाड़ी में ले जाकर उसकी आंसर शीट पर O.M.R. शीट भरी गई और फिर उसे वापस एग्जाम हॉल में भेज दिया गया। पूछताछ करने पर मामले का हुआ खुलासा पुलिस अधिकारियों, सुपरवाइजर और मजिस्ट्रेट को इन लोगों की हरकतों पर कुछ शक हुआ। जब उनसे पूछताछ की गई, तो पूरे मामले का खुलासा हो गया। तत्काल इंद्रपुरी थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। नकली मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सिंह को गिरफ्तार पुलिस ने नकली मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया। वो पटना के महेंद्रु घाट में एक कोचिंग में शिक्षक है। इसके साथ ही जहानाबाद के घोसी निवासी अभ्यर्थी विकास कुमार, स्कॉर्पियो में पहले से सवार क्वेश्चन सॉल्वर एक्सपर्ट संतोष कुमार और स्कॉर्पियो ड्राइवर ललित कुमार को भी गिरफ्तार किया गया। आरोपी के पास नकली ID कार्ड भी था रोहतास के ASP अतुलेश झा ने बताया कि ‘अशोक कुमार सिंह के पास नकली आईडी कार्ड भी था। वह परीक्षा केंद्र पर रोहतास जिला प्रशासन का नकली नेम प्लेट लगी स्कॉर्पियो से पहुंचा था। जानकारी मिली है कि उसने परीक्षा से एक दिन पहले भी केंद्र पर जाकर रेकी की थी। स्थानीय प्रशासन की मुस्तैदी के कारण यह पूरा फर्जीवाड़ा उजागर हो सका।
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