शेखपुरा के अरियरी प्रखंड में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। अंचलाधिकारी अंकु गुप्ता ने प्रखंड के लगभग 50 लोगों को दूसरा नोटिस भेजा है, जिन्होंने सरकारी जमीन पर अवैध रूप से घर बना रखे हैं। इस कार्रवाई के विरोध में दर्जनों ग्रामीणों ने अंचल कार्यालय का घेराव किया और अपनी समस्याएँ बताईं। सालों से सरकारी भूमि पर बसे, निजी जमीन नहीं प्रशासन की ओर से भेजे गए नोटिस में ग्रामीणों से भूमि से संबंधित साक्ष्य अंचल कार्यालय में जमा करने को कहा गया है। ग्रामीणों का कहना है कि वे वर्षों से सरकारी भूमि पर बसे हुए हैं, लेकिन उनके पास न तो कोई निजी जमीन है और न ही पक्का आवास है। उनका डर है कि घर टूटने पर वे कड़ाके की ठंड में बेघर हो जाएंगे। 5 डिसमिल आवास योग्य भूमि और आवास की व्यवस्था हो ग्रामीणों ने मांग की है कि घर तोड़ने से पहले उन्हें कम से कम पांच डिसमिल आवास योग्य भूमि और आवास की व्यवस्था की जाए। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई ठंड के बाद ही की जाए। यह नोटिस सुमका और भोजडीह गांव में दिया गया है, जिसमें सुमका के लगभग 40 महादलित परिवार शामिल हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता विश्वनाथ प्रसाद ने भी सरकार से 5 डिसमिल बासीगत भूमि और आवास मुहैया कराने की मांग की है।
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