अरवल में जिला पदाधिकारी अमृषा बैंस और पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार की संयुक्त अध्यक्षता में जिलास्तरीय खनन टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। समाहरणालय सभा कक्ष में हुई इस बैठक में अवैध खनन, परिवहन, ओवरलोडिंग और भंडारण पर विशेष जोर देते हुए त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए। खनन पदाधिकारी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के राजस्व संग्रह की जानकारी दी। विभाग द्वारा निर्धारित 15813.57 लाख रुपए के लक्ष्य के मुकाबले अब तक 8536.01 लाख रुपए की वसूली की गई है, जो लक्ष्य का 53.97 प्रतिशत है। राजस्व संग्रह में अरवल जिला बिहार राज्य में चौथे स्थान पर है, जबकि बालू से राजस्व वसूली में यह जिला पूरे बिहार में प्रथम स्थान पर है। जिले में सोन नदी पर बालू बंदोबस्ती के लिए कुल 36 बालूघाट सृजित किए गए हैं, जिनमें से 11 की नीलामी हो चुकी है और 6 वर्तमान में संचालित हैं। पुनपुन नदी में 33 बालूघाट सृजित हैं, जिनमें से केवल एक बालूघाट संचालित है। कार्य विभाग मद के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1171.73 लाख रुपए के निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 412.29 लाख रुपए की वसूली हुई है। जिले में कुल 60 ईंट भट्ठे संचालित हैं। जिला पदाधिकारी ने नीलाम पत्र में लंबित वादों और खनन से संबंधित दर्ज प्राथमिकियों के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित करने हेतु संबंधित पदाधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए। खनन पदाधिकारी ने बताया कि सीडब्ल्यूजेसी से संबंधित दो मामले लंबित हैं, जिन पर एसओएफ तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अवैध खनन किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने राजस्व हितों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और पुलिस प्रशासन के समन्वय पर बल दिया। बैठक में अपर समाहर्ता, भूमि सुधार उप समाहर्ता, जिला परिवहन पदाधिकारी, सभी अंचलाधिकारी, सभी थानाध्यक्षों सहित अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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