मुंगेर-मिर्जाचौकी के बीच निर्माणाधीन फोरलेन सड़क अंतिम चरण में पहुंचने से पहले ही क्षतिग्रस्त होने लगी है। कई स्थानों पर सड़क में दरारें आ गई हैं, जिसके चलते निर्माण एजेंसी को बनी हुई सड़क को तोड़कर दोबारा ढलाई करनी पड़ रही है। कल्याणपुर से चिरैयाबाद अंडरपास के बीच भी कई जगहों पर दरारें देखी गई हैं, जहां वाहनों का परिचालन जारी है। पानी अधिक होने से फोरलेन सड़क के नीचे धंस गई मिट्टी सड़क के क्षतिग्रस्त होने का मुख्य कारण इस बार मुंगेर में आई भीषण बाढ़ है। बाढ़ के पानी के दबाव को सड़क झेल नहीं पाई। विशेष रूप से बरियारपुर चौंर में पानी अधिक होने के कारण निर्माणाधीन फोरलेन सड़क के नीचे की मिट्टी धंस गई, जिससे कई स्थानों पर सड़क में दरारें आ गईं। निर्माण एजेंसी उन स्थानों को चिह्नित कर रही है जहां सड़क की ढलाई टूट गई है और उन्हें तोड़ा जा रहा है। ऋषिकुंड अंडरपास से बरियारपुर जाने वाले मार्ग पर, विशेषकर रतनपुर गांव से बरियारपुर तक की मुख्य सड़क पर, निर्माणाधीन फोरलेन को सुरक्षा कारणों से जर्जर होने के कारण तोड़ा जा रहा है। बाढ़ से सड़क को हुए नुकसान के कारण 5 लाख रुपये से अधिक का अनुमानित नुकसान होने की संभावना है। 10 से 15 मिलीमीटर तक मिट्टी धंस गई बाढ़ के कारण निर्माणाधीन फोरलेन में कई स्थानों पर 10 से 15 मिलीमीटर तक मिट्टी धंस गई है, जिससे ढलाई की गई सड़क भी टूट गई। इस मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालक सवाल उठा रहे हैं कि जब सड़क को बेहतर बनाया गया था, तो उसे तोड़ने की आवश्यकता क्यों पड़ी। यह घटना सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े करती है और निर्माण एजेंसी के कार्य पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है। इस फोरलेन सड़क को अगस्त 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर बोले-काम पुरा करने के बाद देंगे एनएचएआई के मुंगेर-भागलपुर प्रोजेक्ट डायरेक्टर मनीष कुमार से फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि काम हटाने के दौरान कई बार उसमें कर्मी पायी जाती है जिस कारण निर्माणकार्य एजेंसी उसे तोड़कर फिर से बनाती है। अभी काम को फाइनल नहीं किया गया है। हम लोगों को काम पुरा करने के बाद ही सुपुर्द करेंगे।
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