भास्कर न्यूज |पिपराही सांसद लवली आनंद ने विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। उन्हें लोकसभा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। कहा है कि शिवहर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पूर्वी चंपारण एवं शिवहर जिलों की जनता लंबे समय से बुनियादी सड़क एवं पुल सुविधाओं के अभाव में कठिनाइयों का सामना कर रही है। खराब व अधूरी सड़कों तथा पुलों की कमी के कारण आमजन का दैनिक जीवन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, व्यापार और रोजगार के अवसर सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। क्षेत्र के सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक विकास को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण सड़क एवं पुल परियोजनाओं की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से न केवल आवागमन सुगम होगा, बल्कि क्षेत्र के समग्र विकास को भी गति मिलेगी। बताया कि मोतिहारी से ढाका, खोरी पाकड़, अदौरी घाट होते हुए बसंतपट्टी, कुसमारी से पुनौरा धाम तक सड़क निर्माण की मांग की गई है। यह मार्ग मां जानकी के जन्मस्थल पुनौरा धाम को जोड़ती है। सड़क बनने से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को सुरक्षित एवं सुगम आवागमन की सुविधा मिलेगी। वहीं शिवहर के पिपराही से बसंतपट्टी, ससौला, ढेंग, बैरगनिया होते हुए नेपाल सीमा तक सड़क निर्माण की आवश्यकता है। यह मार्ग भारत–नेपाल सीमा क्षेत्र में व्यापार, सुरक्षा और स्थानीय आवागमन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। वहीं घोड़ासहन से ढाका और मधुबन होते हुए मुजफ्फरपुर तक सड़क निर्माण से पूर्वी चंपारण सीधे एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र से जुड़ेगा। इससे कृषि उत्पादों के विपणन, व्यापार और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। जबकि बागमती नदी पर अख्ता घाट पर पुल नहीं होने के कारण बरसात के दिनों में आवागमन पूरी तरह ठप हो जाता है। पुल निर्माण से शिवहर, सीतामढ़ी सहित आसपास के क्षेत्रों को सीधा लाभ मिलेगा और वर्षभर यातायात बहाल रहेगा। इसके साथ ही साथ ही मेजरगंज-मीनापुर पथ को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग की है। मेजरगंज से मीनापुर (लगभग 90 किलोमीटर) लंबे पथ को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने की भी जोरदार मांग उठाई गई। यह सड़क अंग्रेजी शासन काल में एक सैनिक पथ के रूप में निर्मित की गई थी और भारत–नेपाल सीमा को सीधे जोड़ती है। वहीं बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा मिलने से किसानों को अपनी उपज, विशेषकर ईख को रीगा चीनी मिल तक शीघ्र और सुगमता से पहुंचाने में मदद मिलेगी। सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की आवाजाही आसान होगी, जिससे सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। व्यापार, परिवहन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। ये सभी परियोजनाएं सीधे तौर पर जनहित से जुड़ी हुई हैं। इनके पूरा होने से लाखों लोगों को आवागमन, शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और रोजगार के क्षेत्र में बड़ी राहत मिलेगी। क्षेत्र की जनता को अब उम्मीद है कि इन महत्वपूर्ण मांगों पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा, ताकि वर्षों से लंबित बुनियादी समस्याओं का समाधान हो सके। पिपराही से बसंतपट्टी, ससौला, ढेंग, बैरगनिया होते हुए नेपाल सीमा तक सड़क का निर्माण जरूरी
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