बांग्लादेश में गुरुवार देर रात हिंसक प्रदर्शनकारियों के हमले में मारे गए हिंदू युवक के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। दावा किया जा रहा था कि मृतक दीपू चंद्र दास ने फेसबुक पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी की थी। लेकिन अब जांच में ऐसी किसी टिप्पणी के सबूत नहीं मिले हैं। बांग्लादेश की रैपिड एक्शन बटालियन के कंपनी कमांडर मोहम्मद शम्सुज्जमान ने बांग्लादेशी अखबार ‘द डेली स्टार’ को बताया कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह कहा जा सके कि दास ने फेसबुक पर कुछ ऐसा लिखा था जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती थीं। सहकर्मियों को भी ईशनिंदा की जानकारी नहीं मृतक 25 वर्षीय दास ढाका के नजदीक भालुका में एक कपड़ा कारखाने में काम करते थे। इसी कारखाने की बाहर उनकी हत्या की गई थी। शम्सुज्जमान ने बताया कि स्थानीय लोगों और कपड़ा कारखाने में दास के साथ काम करने वालों से भी ईशनिंदा करने से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं मिला है जिसने दावा किया हो कि उसने स्वयं ईशनिंदा जैसा कुछ ऐसा सुना या देखा है जिससे धर्म को ठेस पहुंची हो। बीबीसी बांग्ला की रिपोर्ट के मुताबिक, दास के शव को नग्न करके एक पेड़ से लटका कर आग लगा दी थी। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें लोग ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे लगाते दिख रहे हैं। बांग्लादेश में हुई हिंसा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हादी हत्या मामला- बांग्लादेश सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम:छात्र नेता बोले- हत्यारों को गिरफ्तार करो, अनिश्चितकालीन धरने की धमकी; होम एडवाइजर से इस्तीफा मांगा भारत और शेख हसीना के विरोधी बांग्लादेशी नेता उस्मान हादी की हत्या के मामले में न्याय की मांग तेज हो गई है। इंकलाब मंच ने बांग्लादेश सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। इंकलाब मंच के सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने कहा कि अगर सरकार आज शाम तक हादी की हत्या में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार नहीं करती, तो शाहबाग चौराहे पर रविवार शाम से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें…
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