बांका के बाराहाट प्रखंड के बढ़ौना गांव में मृदा संरक्षण और प्राकृतिक खेती पर एक जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। सहायक निदेशक (रसायन) डॉ. कृष्ण कांत की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में किसानों के बीच मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने और मृदा संरक्षण के आवश्यक कदमों पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान प्राकृतिक खेती से जिले में तैयार किए गए विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसका किसानों ने अवलोकन किया। प्रशिक्षण में शामिल किसानों ने चर्चा को ध्यान से सुना और मृदा संरक्षण के लिए प्राकृतिक एवं जैविक खेती अपनाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर 50 से अधिक छात्र-छात्राओं ने वाद-विवाद प्रतियोगिता में भाग लेकर प्राकृतिक खेती के महत्व को समझा। सहायक निदेशक डॉ. कृष्ण कांत ने 29 किसानों के बीच अनुदानित दर पर जिंक सूक्ष्म पोषक तत्व का वितरण किया। इस योजना के तहत किसानों को जिंक खरीदने के बाद अनुदान राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है। उत्पादों की प्रदर्शनी की भी सराहना की गई कार्यक्रम में सैकड़ों पुरुष और महिला किसान उपस्थित रहे। बाराहाट ब्लॉक के बीआरसी से मनोज कुमार सिंह, प्रदान संस्था के सरोज कुमार और बागीशा कुमारी ने किसानों को प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी। प्रखंड कृषि पदाधिकारी शालिनी प्रिया और आदर्श साहनी ने किसानों को प्राकृतिक एवं जैविक खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया। कटोरिया के प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों द्वारा लाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी की भी सराहना की गई। एक चलंत मिट्टी जांच लैब वाहन जल्द ही बांका पहुंचेगा डॉ. कृष्ण कांत ने बताया कि जिले में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ऐसे कार्यक्रम लगातार आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि भागलपुर प्रमंडल से एक चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला वाहन जल्द ही बांका पहुंचेगा। इससे किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच कर उन्हें मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराए जा सकेंगे। अब तक जिले के लगभग 6000 किसानों का मिट्टी परीक्षण कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिससे उन्हें उर्वरकों का सही उपयोग कर लागत कम करने और पैदावार बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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