बांका के डीएन सिंह भुसिया कॉलेज रजौन में कथित असंवैधानिक बहाली को लेकर तृतीय वर्ग कर्मचारी कन्हैया लाल सिंह ने सोमवार को प्रिंसिपल गेट के पास अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। यह भूख हड़ताल एक माह पूर्व शुरू की गई थी, लेकिन आदर्श आचार संहिता के कारण इसे अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया था। आचार संहिता समाप्त होने के बाद कन्हैया लाल सिंह पुनः भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। कॉलेज प्रशासन पर बिना विज्ञापन के नियुक्तियां करने का आरोप सोहानी गांव निवासी कन्हैया लाल सिंह का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने बिना किसी विज्ञापन, सार्वजनिक सूचना या अखबार में नोटिस जारी किए विभिन्न शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों पर गुपचुप तरीके से नियुक्तियां कर लीं। महाविद्यालय के उम्मीदवारों को बहाली प्रक्रिया से रखा दूर इस मामले में इलाके के युवा नेता और समाजसेवी भी कन्हैया लाल सिंह के समर्थन में आ गए हैं, जिससे यह विवाद और गहराता जा रहा है। कन्हैया लाल सिंह का आरोप है कि महाविद्यालय क्षेत्र के योग्य उम्मीदवारों को बहाली प्रक्रिया से दूर रखकर मनमाने ढंग से चयन किया गया है। उनका कहना है कि व्यक्तिगत कुछ लोगों को नियम-कानून की अनदेखी कर नियुक्त किया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि न किसी समाचार पत्र में विज्ञापन प्रकाशित किया गया और न ही कॉलेज के सूचना बोर्ड पर बहाली संबंधी कोई विवरण चिपकाया गया। ऐसे में पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को शिकायत की प्रतिलिपि भी भेजी है। कन्हैया लाल सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि भूख हड़ताल शुरू होने के बाद प्रभारी प्राचार्य डॉ. महेंद्र प्रसाद सिंह ने उन पर जान से मारने की धमकी देने और रंगदारी मांगने का झूठा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्हें आंदोलन से रोकने और डराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वह पीछे हटने वाले नहीं हैं। वहीं, प्रभारी प्राचार्य महेंद्र प्रताप सिंह ने तृतीय वर्ग कर्मचारी कन्हैया लाल सिंह पर जान से मारने की धमकी और रंगदारी मांगने का आरोप लगाया है। प्राचार्य ने कहा कि इस मामले में शासी निकाय द्वारा बैठक कर जो निर्णय लिया जाएगा, वह सर्वमान्य होगा।
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