बलूचिस्तान में खतरनाक गठबंधन! लश्कर-ए-तैयबा और ISIS खोरासान ने मिलाया हाथ, पाकिस्तान की ISI की नई साजिश बेनकाब

बलूचिस्तान में खतरनाक गठबंधन! लश्कर-ए-तैयबा और ISIS खोरासान ने मिलाया हाथ, पाकिस्तान की ISI की नई साजिश बेनकाब

पाकिस्तान के बलूचिस्तान से एक बेहद खतरनाक आतंकी गठजोड़ की जानकारी सामने आई है. ताजा खुफिया रिपोर्टों और तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने दो खूंखार आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रांत (ISKP) को एक साथ ला दिया है.

यह गठबंधन न केवल बलूच विद्रोहियों और अफगानिस्तान के तालिबान विरोधी गुटों के लिए खतरा है, बल्कि जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंक को भड़काने की पाकिस्तानी साजिश का हिस्सा बताया जा रहा है.

तस्वीर से खुली ISI की चाल

हाल ही में सामने आई एक तस्वीर में ISKP के बलूचिस्तान समन्वयक मीर शफीक मेंगल को लश्कर-ए-तैयबा के वरिष्ठ कमांडर राणा मोहम्मद अशफाक को एक पिस्टल भेंट करते हुए देखा गया है. यह तस्वीर इस बात की पुष्टि करती है कि दोनों आतंकी संगठनों के बीच अब औपचारिक तालमेल बन चुका है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इस पूरे ऑपरेशन के पीछे सीधे पाकिस्तान की ISI की भूमिका है.

Balochistan Isi

कौन हैं मीर शफीक मेंगल और राणा अशफाक?

* मीर शफीक मेंगल, बलूचिस्तान के पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री नासिर मेंगल का बेटा है, उसे लंबे समय से ISI का “प्राइवेट डेथ स्क्वाड” लीडर माना जाता है, जो बलूच राष्ट्रवादियों की टारगेट किलिंग में शामिल रहा है.
* 2015 से वह ISKP के लिए मुख्य फंडिंग और हथियार सप्लाई का काम कर रहा है. पाकिस्तान की अपनी जांच एजेंसियों की 2015 की JIT रिपोर्ट में भी उसका नाम शामिल था.
* राणा मोहम्मद अशफाक, लश्कर-ए-तैयबा का मौजूदा नाज़िम-ए-आला है, जो संगठन के पाकिस्तान भर में नए ट्रेनिंग और ब्रेनवॉशिंग केंद्र (मरकज़) खोलने का जिम्मा संभालता है.

बलूचिस्तान में ISKP के दो ठिकाने

सूत्रों के मुताबिक, ISI की मदद से ISKP ने मस्तुंग और खुजदार जिलों में दो बड़े ऑपरेशनल बेस बनाए हैं. मीर मेंगल इन कैंपों का इंचार्ज है और हथियारों व पैसों की सप्लाई उन्हीं के जरिए होती है. 2025 के मार्च महीने में बलूच विद्रोहियों ने मस्तुंग कैंप पर हमला कर 30 से ज्यादा ISKP आतंकियों को मार गिराया था. इसके बाद ISI ने लश्कर-ए-तैयबा को सीधे हस्तक्षेप करने का आदेश दिया.

लश्कर-ए-तैयबा की एंट्री और नया जिहाद

जून 2025 में लश्कर प्रमुख राणा अशफाक खुद बलूचिस्तान पहुंचा और वहां एक जिगरा (सभा) आयोजित की, जिसमें बलूच विद्रोहियों के खिलाफ जिहाद छेड़ने का एलान किया गया. लश्कर के डिप्टी सैफुल्लाह कसूरी ने भी कहा कि जो पाकिस्तान के खिलाफ हैं, उन्हें मिटा दिया जाएगा.

Balochistan Alliance

खतरनाक साजिश: भारत पर भी नजर

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, ISKP की प्रोपेगेंडा मैगजीन यलगार के हालिया अंकों में कश्मीर में ऑपरेशन बढ़ाने की बात कही गई है जो इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान अब इस गठबंधन को भारत के खिलाफ भी इस्तेमाल करना चाहता है. विशेषज्ञों का कहना है कि ISI अब अलग-अलग विचारधारा वाले आतंकी संगठनों को मिलाकर एक साझा नेटवर्क बना रही है, ताकि अपने हाइब्रिड वॉरफेयर एजेंडा को आगे बढ़ाया जा सके.

पुराने संबंध और नए खतरे

लश्कर की बलूचिस्तान में मौजूदगी नई नहीं है. उसका मरकज़ तक़वा क्वेटा में सालों से चल रहा है. 2002 से 2009 के बीच लश्कर का ट्रेनिंग कैंप वहीं था, जहां इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक यासीन भटकल ने भी हथियारों की ट्रेनिंग ली थी.

विशेषज्ञों की चेतावनी

सूत्रों के मुताबिक LeT और ISKP का यह नया गठजोड़ दक्षिण एशिया की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है. पाकिस्तान की ISI अब इन संगठनों का इस्तेमाल न केवल बलूच विद्रोहियों और अफगानिस्तान के भीतर तालिबान विरोधी गुटों के खिलाफ कर रही है, बल्कि कश्मीर में आतंक को दोबारा जिंदा करने की तैयारी भी कर रही है. बलूचिस्तान से निकली यह तस्वीर और गठबंधन पाकिस्तान की एक नई और खतरनाक आतंकी नीति को उजागर करता है जहां राज्य प्रायोजित आतंकवाद अब कई संगठनों को जोड़कर एक एकीकृत हथियार में बदल चुका है, जिसका निशाना है-बलूच, अफगान और कश्मीर.

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