लखनऊ के रामलीला मैदान के तुलसी सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में बलिया की डॉ. रिंकी पाठक को ‘शारदा रामनाथ कर्मयोगी सम्मान’ से सम्मानित किया गया। इसी कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार सीमा मधुरिमा की पुस्तक ‘खूंटी पर टंगी संवेदना’ का लोकार्पण भी हुआ। डॉ. रिंकी पाठक को इस पुस्तक पर समीक्षात्मक वक्तव्य देने के लिए आमंत्रित किया गया था, जिसका उन्होंने विद्वतापूर्ण निर्वहन किया। सीमा मधुरिमा के इस काव्य संग्रह पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि, ‘सीमा मधुरिमा सदियों से प्रताड़ित स्त्री की संवेदनाओं को महज टटोलती नहीं, बल्कि उसे अपनी लेखनी से इतनी जीवंत बना देती हैं कि वह स्वानुभूत सत्य सा जान पड़ता है। इस नवीन काव्य-संग्रह की कविताएँ न सिर्फ ज्वलंत हैं, बल्कि सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ी हुई हैं।’ उपस्थित जन-समूह ने डॉ. पाठक की विद्वता की सराहना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ आईएएस और महानिदेशक पीसीएफ डॉ. चंद्रभूषण त्रिपाठी ने की। वसुंधरा एन इनिशिएटिव की उपाध्यक्ष डॉ. अंजना त्रिपाठी और सामाजिक कार्यकर्ता रोली शंकर द्वारा मलिन बस्तियों के बच्चों के उद्धार तथा उन्हें मुख्य-धारा में लाने के प्रयासों की डॉ. रिंकी पाठक ने सराहना की। उन्होंने बच्चों द्वारा दी गई मनमोहक प्रस्तुतियों की भी मुक्त कंठ से प्रशंसा की। इस अवसर पर लखनऊ खंडपीठ के निबंधक और प्रधान न्याय-पीठ सचिव महेंद्र भीष्म, साहित्यकार सुरेखा, उपन्यासकार सुरभि सिंह, डॉ. आशीष द्विवेदी, अलका प्रमोद, अनिता श्रीवास्तव और समाज सेवी दीनानाथ प्रसाद सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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