बक्सर सोमवार की शाम आध्यात्मिक उल्लास और भक्ति के रंग में रंग गया, जब महामुनि विश्वामित्र की तपोभूमि से भगवान श्रीराम की भव्य बारात निकली। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम दूल्हा बने, और उनके साथ लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न की झलक पाने के लिए मार्ग के दोनों ओर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। शहर के कोने-कोने से लेकर बिहार व उत्तर प्रदेश के हजारों भक्त इस पावन यात्रा के साक्षी बनने पहुंचे। इस वर्ष राम बरात की सबसे बड़ी खासियत रही यहां की 11 मनमोहक झांकियां, जिनमें देवी-देवताओं की पौराणिक लीलाओं को भव्य रूप दिया गया था। सबसे आगे गणपति की झांकी, जहां वे अपने वाहन मूषक पर सवार थे। इसके पीछे नंदी पर विराजमान भगवान शंकर और माता गौरी चलते दिखाई दिए। इसके बाद ब्रह्मा जी, फिर मत्स्य और कूर्म अवतार में भगवान विष्णु की झांकियां भक्तों का मन मोह रही थीं। झांकी भी लोगों के आकर्षण का बड़ा केंद्र रही राजा दशरथ, महामुनि विश्वामित्र और गुरु वशिष्ठ की झांकी भी लोगों के आकर्षण का बड़ा केंद्र रही। सबसे विशेष रही चारों भाइयों, राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की घुमावदार पालकी, जिसे हर दिशा में घुमाया जा रहा था ताकि सभी लोग दर्शन कर सकें। डीजे भी बारात में शामिल रहे बारात में 5 तरह के अलग-अलग बैंड आकर्षक धुनें बजा रहे थे। उनके सुरों पर युवा, बच्चों से लेकर महिलाएं तथा साधु-संत तक झूमते नजर आए। शहर के प्रख्यात डीजे भी बारात में शामिल रहे, जिनकी धुनों ने पूरे वातावरण को उत्सवमयी बना दिया। रास्ते भर हुआ स्वागत, आरती और पुष्पवर्षा से गूंजा शहर श्रीराम की पालकी जैसे ही बक्सर की गलियों से गुजरती, लोग अपने घरों के सामने रंगोलियां बनाकर दीप सजाए खड़े थे। कहीं आरती उतारी जा रही थी, कहीं छतों से फूल बरसाए जा रहे थे। कई जगहों पर मेवा और मिठाई से चारों भाईयों का भोग लगाया गया। लोगों ने बताया कि वर्षभर इस दिन का इंतजार रहता है, जब भगवान राम उनकी देहरी से होकर गुजरते हैं। नौ दिनों तक बक्सर बना मिथिला-अयोध्या का संगम सीताराम विवाह उत्सव को लेकर बक्सर नौ दिनों तक मिथिला और अयोध्या की संयुक्त झलक प्रस्तुत करता है। आश्रम से लेकर विवाह स्थल तक पूरी परंपरा के साथ हल्दी, मटकोड, मंडप, कन्यादान और लावा-फेरों जैसे कार्यक्रम आयोजित होते हैं। आश्रम के महंत राजाराम शरण दास की देखरेख में होने वाली यह परंपरा वर्षों से बक्सर की पहचान रही है। देश के विभिन्न राज्यों से लोग इस अनूठे विवाह को देखने पहुंचते हैं और अपने मोबाइल में हर लम्हा कैद करते हैं। कई श्रद्धालुओं ने कहा कि वे कई दशकों से इस परंपरा के साक्षी बनते आ रहे हैं। चारों दूल्हों में ‘बड़का कमाल’, सखियों के साथ बढ़ी रौनक इस वर्ष की झांकियों और बारात में ‘चारों दूल्हा’ विशेष आकर्षण में रहे, जिनमें ‘बड़का कमाल’ यानी श्रीराम की भूमिका निभा रहे कलाकार ने सबका मन मोह लिया। उनके साथ सखियों का दल चलते हुए विवाह रस्मों का दृश्य जीवंत कर रहा था, जिसे देखकर श्रद्धालु देर तक नजरें हटाते नहीं थक रहे थे। आज की रात राम बरात पांडेय पट्टी ठाकुरबाड़ी में विश्राम करेगी। कल बारात विधिवत सीताराम विवाह आश्रम पहुंचेगी और हिंदू रीति-रिवाजों के साथ भगवान श्रीराम का माता सीता से विवाह संपन्न होगा। बक्सर एक बार फिर आस्था, परंपरा और भक्ति का ऐसा अनूठा संगम बना है, जिसे देखने लाखों की भीड़ उमड़ी है।
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