बिहारशरीफ शहर की तस्वीर बदलने की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए प्रशासन ने एनएच-20 के फ्लाईओवर के नीचे की उपेक्षित पड़ी जगह को आधुनिक ग्रीन कॉरिडोर में तब्दील करने का फैसला किया है। कारगिल चौक से अंबेडकर चौक तक फैले 2.1 किलोमीटर के इस दायरे में 11.52 एकड़ भूमि पर हैदराबाद की तर्ज पर विश्वस्तरीय ईको पार्क विकसित किया जाएगा। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को 2 चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण के लिए 3.89 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिल चुकी है, जबकि दोनों चरणों में कुल 9.9 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पहला चरण: हरियाली का संवर्धन परियोजना के पहले चरण का कार्य शुरू हो चुका है। फिलहाल 4 फीट ऊंची बाउंड्री वॉल और उसके ऊपर सुरक्षा ग्रिल की स्थापना का काम प्रगति पर है। आगामी फरवरी माह से व्यापक पौधरोपण अभियान शुरू होगा, जिसके तहत लगभग 2900 लकड़ी वाले वृक्ष और 4000 फूल-पत्ती वाले पौधे रोपे जाएंगे। पौधों की नियमित सिंचाई के लिए तीन स्थानों पर बोरिंग का निर्माण किया जा रहा है। इस हरित आवरण से न केवल फ्लाईओवर से गुजरने वाले वाहन चालकों को बेहतर वायु गुणवत्ता मिलेगी, बल्कि धूल-कणों से भी राहत मिलेगी। दूसरा चरण: मेट्रो सिटी जैसी सुविधाएं दूसरे चरण में यह पार्क महानगरीय मानकों का होगा। यहां क्रिकेट के शौकीनों के लिए विशेष टर्फ तैयार किया जाएगा, जहां शुल्क देकर खेल का आनंद लिया जा सकेगा। स्वास्थ्य प्रेमियों के लिए ओपन जिम स्टेशन और 2.4 मीटर चौड़ा वॉकिंग ट्रैक बनाया जाएगा। बच्चों के मनोरंजन के लिए टॉय ट्रेन, प्ले एरिया और फव्वारों की व्यवस्था होगी। फूड कोर्ट, सिटिंग बेंच और विभिन्न वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग जोन विकसित किए जाएंगे। दिव्यांगजनों के लिए भी विशेष पार्किंग सुविधा रहेगी। फ्लाईओवर के पिलरों पर आकर्षक पेंटिंग और उनके चारों ओर वर्टिकल गार्डन परियोजना की खासियत होंगे। पांच खंडों में विभाजित प्रोजेक्ट बेहतर प्रबंधन के लिए पूरी परियोजना को पांच सेक्शन में बांटा गया है, अंबेडकर चौक से मंगलास्थान, मंगलास्थान से डीटीओ ऑफिस, डीटीओ ऑफिस से हनुमान मंदिर, हनुमान मंदिर से दीपनगर थाना और दीपनगर थाना से कारगिल चौक तक। जिला वन पदाधिकारी राजकुमार मनमोहन ने बताया कि हमारा उद्देश्य इस उपेक्षित जगह को व्यवस्थित, हरा-भरा और धूल मुक्त बनाना है। यह परियोजना शहरी लैंडस्केप को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हर उम्र के नागरिक यहां गुणवत्तापूर्ण समय बिता सकेंगे। पहले चरण को 2 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, बिहारशरीफ से राजगीर के बीच एनएच के दोनों तरफ 3800 पौधे रोपे जा चुके हैं, जिनकी सुरक्षा के लिए वन कर्मियों की तैनाती की गई है।
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